सनातन धर्म में शिवलिंग की पूजा का विशेष महत्व है। ऐसा कहा जाता है कि शिवलिंग की पूजा-पाठ विधिवत रूप से करने से व्यक्ति की मनोकामनाएं पूरी हो सकती है। साथ ही उत्तम फलों की प्राप्ति हो सकती है। वहीं भगवान शिव की पूजा-पाठ करने के दौरान नियमों का पालन विधिवत रूप से किया जाता है, ताकि भगवान शिव अपने भक्तों पर अपनी कृपा बनाएं रखें। साथ ही भाग्योदय हो सके। अब ऐसे में शिवलिंग पर भक्त अपने हिसाब से किसी भी धातु के लोटे से जल अर्पित करने लग जाते हैं। जो सही नहीं माना जाता है। अब ऐसे में शिवलिंग पर किस धातु के कलश से दूध चढ़ाना शुभ माना जाता है। इसके बारे में इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।
शिवलिंग पर पीतल के लोटे से चढ़ाएं दूध
शिवलिंग पर दूध चढ़ाने के लिए सबसे शुभ धातु का कलश पीतल माना जाता है। लेकिन, तांबे के कलश में दूध नहीं चढ़ाना चाहिए क्योंकि तांबे के बर्तन में रखा दूध विष के समान हो जाता है। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, पीतल के बर्तन को पूजा-पाठ के लिए बहुत ही शुभ माना जाता है। इसलिए, शिवलिंग पर पीतल के लोटे से दूध चढ़ाना अच्छा माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, पीतल के लोटे से शिवलिंग पर दूध चढ़ाने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं। पीतल को शुद्ध और सात्विक धातु माना जाता है, इसलिए इसका उपयोग पूजा-पाठ में शुभ माना जाता है। तल के लोटे से दूध चढ़ाने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
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पीतल के लोटे से शिवलिंग पर दूध चढ़ाने का महत्व
धार्मिक मान्यता के अनुसार, पीतल के लोटे से शिवलिंग पर दूध चढ़ाने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं। पीतल के लोटे से दूध चढ़ाने से मानसिक शांति मिलती है और तनाव कम होता है। पीतल के लोटे से दूध चढ़ाने से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं दूर होती हैं और आयु में वृद्धि होती है।
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पीतल के लोटे से दूध चढ़ाने के दौरान मंत्र जाप
पीतल के लोटे से भगवान शिव को जल चढ़ाने के दौरान इन मंत्रों का जाप विशेष रूप से करें। इससे लाभ हो सकता है। साथ ही भाग्योदय हो सकता है।
- ऊं त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥
- ऊं भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्॥
- ऊं नमः शिवाय॥
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Image Credit- HerZindagi
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