अरुणाचल प्रदेश की कीवी वाइन के बारे में आपने सुना है? ये बहुत प्रसिद्ध है और इसे बनाने वाली टागे रीता को हाल ही में हरजिंदगी की तरफ से बिजनेस वुमेन ऑफ द ईयर के अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। टागे रीता एक इंजीनियर हैं जिन्होंने बाद में अपना बिजनेस शुरू कर दिया। अरुणाचल प्रदेश के एक छोटे से कस्बे नारा से 'नारा अब्बा' कीवी वाइनरी की शुरुआत करने वाली रीता ने अपनी मेहनत से अपनी कंपनी को बनाया और सिर्फ वाइन की ही नहीं बल्कि ऑर्गेनिक कीवी की डिमांड भी बढ़ा दी। अरुणाचल प्रदेश की जीरो वैली में अब रीता एक बड़ा नाम हैं और उन्हें केंद्रीय मंत्रालय से भी सम्मान मिल चुका है।
नारा अब्बा ना सिर्फ स्थानीय किसानों के लिए एक बेहतर मार्केट बनाने की ओर अग्रसर है बल्कि ये अन्य फील्ड्स में भी लोगों को ट्रेनिंग और एम्प्लॉयमेंट देने के लिए तत्पर है। रीता का कहना है कि वो वर्ल्ड क्लास क्वालिटी की वाइन स्थानीय ऑर्गेनिक फ्रूट्स से बनाना चाहती हैं।
क्या है नारा अब्बा का मतलब?
टागे रीता की कंपनी का नाम है नारा अब्बा और इसका संबंध उनकी जिंदगी से है। नारा उस जगह का नाम है जहां से वो आती हैं और अब्बा का मतलब है पिता। उन्होंने अपनी कंपनी अपने ससुर के नाम पर बनाई है जिन्हें उनके पोते-पोतियां प्यार से नारा अब्बा कहते थे।
इसे जरूर पढ़ें- Hz Exclusive: आयुषी जोशी को मिला स्टूडेंट एंटरप्रेन्योर ऑफ द ईयर का अवॉर्ड, जानिए उनकी इंस्पिरेशनल स्टोरी
टागे रीता के हिसाब से अभी नहीं मिली है उन्हें सक्सेस
सक्सेस के बारे में पूछने पर रीता का कहना था कि अभी वो प्रोफेशनल अचीवमेंट के लिए काम कर रही हैं। अभी उनके हिसाब से उन्हें सफलता नहीं मिली है, लेकिन उन्हें इस बात की खुशी है कि वो अपने परिवार की पहली महिला व्यावसायिक बनी हैं। लोगों का प्यार और उनका सपोर्ट जिस तरह से रीता को मिला है उसके बाद उन्हें और भी ज्यादा रिस्पॉन्सिबिलिटी मिल गई है। पर हां वो अपना काम करने में कभी पीछे नहीं हटेंगी। (दुनिया की सबसे महंगी वाइन के बारे में जान लीजिए)
बतौर इंजीनियर टागे रीता को पहले से ही मुश्किल काम करने की आदत थी। उन्हें अपने सर्वाइवल स्किल्स पर निर्भर होना पड़ता था और अपने दैनिक काम को पूरा करना होता था। अब बतौर व्यावसायिक वो अपनी क्रिएटिविटी और एनर्जी को और बेहतर तरीके से अपने काम की ओर लगा सकती हैं। रीता का कहना है कि वो थोड़ी असंतोषी इंसान हैं और उन्हें लगता है कि उन्हें हमेशा लीड में रहना चाहिए। उनके मुताबिक काम करने और क्रिएटिविटी दिखाने की फ्रीडम उनके लिए सर्वोपरि है।
रीता के हिसाब से ये है काम करने का सबसे अच्छा तरीका
टागे रीता की ऑर्गेनाइजेशन काफी छोटी है और उन्हें लगता है कि मेहनत, लगन और सच्चाई के साथ अपना काम करना ऐसे बिजनेस के लिए बहुत जरूरी होता है। रीता के मुताबिक उन्हें अपने जैसे लोगों के साथ काम करने में मजा आता है और ये जरूरी है कि वो अपने आइडियाज और अपने प्लान ठीक तरह से अपनी टीम के साथ शेयर करें। उन्हें लगता है कि इस तरह से अगर काम किया जाए तो उनके साथ काम करने वालों को भी अपनी क्रिएटिविटी दिखाने का मौका मिलेगा।
महिलाएं नहीं हैं किसी से कम
रीता के मुताबिक आमतौर पर उनके आस-पास के लोगों में ये समझ है कि महिलाएं कम काबिल होती हैं। उनका मानना है कि अगर सही सुविधाएं और मौके दिए जाएं तो टैलेंट हर जगह मिलेगा। टैलेंट हर जगह बराबर होता है, लेकिन मौके बराबर नहीं मिलते। रीता U.S. Department of State Global Women’s Mentoring Partnership की एलुमनाई रह चुकी हैं और वो मानती हैं कि उनका काम उन्हें और बेहतर इंसान बनने में मदद करता है।
इसे जरूर पढ़ें- डॉ.स्वाति पिरामल को मिला फ्रांस का शीर्ष नागरिक सम्मान
कैसे बनती है कीवी वाइन?
टागे रीता ने डिटेल में हमें वाइन मेकिंग प्रोसेस के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि एक बोतल वाइन बनने में चार महीने का समय लग जाता है। सबसे पहले कीवी की हार्वेस्टिंग होती है और उसके बाद उन्हें साफ करके अलग-अलग कैटेगरी में रखा जाता है। जिनकी क्वालिटी सबसे अच्छी होती है उन्हें वाइन बनाने के लिए चुना जाता है। वाइनरी में एक छोटी लैब भी है जिसमें सभी इंग्रीडिएंट्स को टेस्ट किया जाता है। वाइन को बनाने के लिए सही तापमान बहुत जरूरी है। बॉटलिंग के पहले वाइन कोल्ड स्टेबिलाइजेशन प्रोसेस से गुजरती है।
इसके बाद इसका फिल्ट्रेशन प्रोसेस होता है और वाइन में ग्लो इसी के बाद आता है। कीवी वाइन थोड़ी सी टैंगी होती है और इसका कारण ये है कि इसमें शक्कर नहीं मिलाई जाती। रीता का मानना है कि इस वाइन को जितना नेचुरल हो सके उतना नेचुरल रखना चाहती हैं जो इसे पीने वाले को एक अलग एक्सपीरियंस दे।
रीता को पहले भी मिल चुके हैं कई पुरस्कार
रीता को 2021 में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय से नारी शक्ति पुरस्कार मिल चुका है। उन्हें 2021-22 में वुमन अचीवर्स अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया है। 2018 में उन्हें यूनाइटेड नेशन्स और नीति आयोग के सौजन्य से वुमन ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। अगर आप उनका नाम गूगल करेंगी तो उनकी सक्सेस के बारे में आपको पता चल जाएगा, लेकिन रीता मानती हैं कि अभी उनकी सक्सेस अधूरी है।
टागे रीता को हमारी तरफ से HZ Womenpreneur Award मिलने पर बहुत-बहुत बधाई। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों