गंगूबाई काठियावाड़ी से पहले भी सेक्स वर्कर्स की जिंदगी पर बन चुकी हैं बॉलीवुड में ये बेहतरीन फिल्में

सेक्स वर्कर्स की जिंदगी पर बहुत कुछ लिखा और फिल्माया गया है। बॉलीवुड में सेक्स वर्कर्स की जिंदगी पर आधारित कई फिल्में बनाई गई हैं। 

  • Hema Pant
  • Editorial
  • Updated - 2022-03-09, 18:21 IST
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सेक्स वर्कर्स शब्द सुनते ही दिमाग में तरह-तरह के सवाल आने लगते हैं। लेकिन क्या हो जब आपके सवालों से मिलते-जुलते जवाब आपको मिलने लगे। ये जवाब या तो सेक्स वर्कर्स पर लिखी गई किसी किताब से मिल सकते हैं या फिर किसी फिल्म से। अगर फिल्मों की बात की जाए तो हाल ही में संजय लीला भंसाली की फिल्म गंगूबाई काठियावाढ़ी रिलीज हो चुकी है। यह फिल्म सेक्स वर्कर्स की जिंदगी पर आधारित है। इस फिल्म में दिखाया गया है कि धोखे से लाई गई एक लड़की यानी गंगूबाई को जबरदस्ती यह काम करने के लिए मजबूर किया जाता है और वही गंगूबाई आगे चलकर कैसे इस पेशे की महिलाओं के लिए आवाज उठाती है।

हालांकि, आपको बता दें कि इस फिल्म से पहले भी बॉलीवुड में सेक्स वर्कर्स की जिंदगी, चुनौतियों और उनके प्रति समाज की धारणा पर कई फिल्में बन चुकी हैं। जिन्हें दर्शकों द्वारा खूब प्यार मिला और हर एक फिल्म अपने आप में नायाब है। तो चलिए जानते हैं सेक्स वर्कर्स की जिंदगी पर आधारित फिल्मों के बारे में।

मंडी

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साल 1983 में आई श्याम बेनेगल की फिल्म मंडी बॉलीवुड सिनेमा की सबसे बेहतरीन फिल्मों में से एक है। यह फिल्म अपने समय से काफी आगे थी। इस फिल्म में समाज के एक तबके की हकीकत को बखूबी बयां किया गया है। हालांकि, इस फिल्म में सेक्स वर्कर्स के पेशे को छोड़ उनके जीवन को दिखाया गया है। जैसा कि हमेशा होता है पेशा हमारी जीवन के एक हिस्से को परिभाषित करता है। यही इस फिल्म में बताया गया है। इस फिल्म की सबसे खास बात यह है कि श्याम बेनेगल ने इस फिल्म के लिए बेहद ही मंझे कलाकारों को चुना। नसीरुद्दीन शाह से लेकर स्मिता पाटिल तक हर एक अभिनेता ने अपना रोल बखूबी निभाया है।

टिकली और लक्ष्मी बॉम्ब

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टिकली और लक्ष्मी बॉम्ब फिल्म भी सेक्स वर्कर्स की जिंदगी पर आधारित है। यह फिल्म आपको एक ऐसी दुनिया के करीब ले जाएगी जिसके बारे में शायद आपने कभी सोचा भी न हो। इस फिल्म में सेक्स वर्कर्स की जिंदगी के हर एक एंगल और परस्पेक्टिव को दिखाया गया है। अगर आप जानना चाहते हैं कि असल में सेक्स वर्कर्स की जिंदगी कैसी होती है तो आपको यह फिल्म जरूर देखनी चाहिए।

देव डी

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देव डी अनुराग कश्यप द्वारा डायरेक्ट की गई बंगाली नोवल देवदास का मॉर्डन वर्जन है। इस फिल्म में बताया गया है कि कई बार महिलाएं यह पेशा अपनी मर्जी से भी चुनती हैं। यह फिल्म महिलाओं के पसंद के बारे में यथार्थवादी दृष्टिकोण दिखाती है। इस फिल्म में सेक्स वर्कर की भूमिका मेंकल्कि कोचलीन हैं।

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बेगम जान

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बेगम जान एक हिन्दी पीरियड ड्रामा फिल्म है। यह फिल्म एक सेक्स वर्कर पर आधारित है जिसका नाम बेगम जान होता है। बेगम जान शकरगढ़ और दोरांगला जगह के एक वेश्यालय की मालकिन होती है। बेगम जान के वेश्यालय में कई सेक्स वर्कर्स होती हैं, जिन्हें उन्होंने खुद पाला-पोसा होता है। यह वह लड़किया( सेक्स वर्कर्स) होती हैं जिन्हें उनके परिवार ने छोड़ दिया होता है।

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इस फिल्म में बेगम जान का सबसे एक सवाल होता है कि एक महिला का व्यवहार उसके पिता, भाई, पति या बेटे द्वारा क्यों तय किया जाता है? नतीजतन, वह संकल्प लेती है कि कोई भी उसकी जगह नहीं ले पाएगा;चाहे वह संपत्ति के मामले में हो या फिर शरीर से संबंधित हो। इस फिल्म में बेगम जान का किरदार विद्या बालन ने निभाया है।

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Image Credit: Google.Com

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