कई हिंदी फिल्मों में अपने बेहतरीन किरदार के लिए जानी जाने वाली आशा पारेख को इस साल 52वें दादा साहेब फाल्के अवार्ड से सम्मानित किया गया है। यह अवॉर्ड उन्हें नई दिल्ली में हुए 68वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह में दिया गया है।
कोरोना महामारी के कारण पिछले दो सालों से नेशनल अवार्ड का आयोजन नहीं किया गया था। आपको बता दें कि भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आशा पारेख को दादा साहेब फाल्के अवार्ड 2020 से सम्मानित किया है।
यह अवार्ड भारतीय सिनेमा के क्षेत्र में सर्वोच्च सम्मान होता है। अपनी खूबसूरती और अभिनय से फैंस के दिलों पर 60 से 70 दशक के बीच आशा पारेख ने राज किया था। इस लेख में हम आपको आशा पारेख के जीवन से जुड़ी हुई जानकारी देंगे।
बचपन से ही फिल्म जगत में रखा था कदम
आपको बता दें कि आशा पारेख हिंदी सिनेमा में बहुत कम उम्र से ही अभिनय करने लगी थी। साल 1952 में उन्होंने फिल्म 'मां' में अपना पहला किरदार निभाया था। इसके बाद उन्होंने कई सारी फिल्मों में बेहतरीन तरह से अभिनय किया था। फिल्म 'धोबी डॉक्टर', 'आसमान' और 'बाप बेटी' आदि कई फिल्मों में उन्होंने बखूबी अपना काम किया था।
इसे भी पढ़ें:National Film Awards 2022: अजय देवगन बेस्ट एक्टर तो तुलसीदास जूनियर को मिला बेस्ट फिल्म का अवार्ड
हिंदी फिल्म जगत में कैसा रहा करियर
पहली बार लीड एक्ट्रेस के रूप में उन्होंने फिल्म 'दिल देके देखो' में अभिनय किया था। इसके बाद एक से बढ़कर एक फिल्म करके करोड़ों दिलों की धड़कन पर राज करने वाली अभिनेत्री बन गई।फिल्म 'प्यार का मौसम', 'तीसरी मंजिल', 'कारवां' और 'मेरा गांव' में उनकेअभिनय की वजह से सुपरहिट फिल्मेंरही थी।
आशा पारेख ने 95 से ज्यादा फिल्मों में किरदार निभाया है। आपको बता दें कि आशा पारेख ने साल 1990 के दशक के अंत में एक निर्देशक व निर्माता के तौर पर भी टीवी नाटक 'कोरा कागज' में कार्य किया था।
इसे भी पढ़ें:ये हैं बॉलीवुड की 10 ऑल टाइम बेस्ट फिल्में, जिन्हें आपको एक बार जरूर देखना चाहिए
68th #NationalFilmAwards
— PIB India (@PIB_India) September 30, 2022
President #DroupadiMurmu presents the Best Feature Film category award to Soorarai Pottru (Tamil)
Soorarai Pottru is directed by Sudha Kongara pic.twitter.com/x0pVC9OexP
पहले भी मिल चुका है सम्मान
आपको बता दें कि फिल्म जगत में आशा पारेख को भारत सरकार के द्वारा पद्म श्री से साल 1992 में भी सम्मानित किया गया था। इस बार 22 सालों के बाद पहली बार किसी महिला को दादा साहेब फाल्के अवार्ड से सम्मानित किया गया है। आपको बता देंकि दादा साहेब फाल्के अवार्डसे सम्मानित होने वाली आशा पारेख सातवीं महिला हैं।
सबसे पहले यह अवार्ड अभिनेत्री देविका रानी को दिया गया था। इसके बाद सिर्फ कुछ अभिनेत्रियों को ही दादा साहेब फाल्के अवार्ड से सम्मानित किया गया है। आशा पारेख से पहले इस अवार्ड को हासिल करने वाली आशा भोसले, लता मंगेशकर, दुर्गा खोटे, कानन देवी और रूबी मेयर्स भी हैं।
आशा पारेख को यह सम्मान मिलना सभी भारतीयों के लिए गर्व की बात है।
अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें। इसी तरह के लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
Image Credit: instagram/ Pallav Paliwal
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों