आशा ताई को प्रेग्नेंसी टाइम में भी अपना घर छोड़ना पड़ गया था और इसके बाद कभी उन्होंने अपने पति के घर वापस मुड़कर नहीं देखा। आशा ताई के नाम से मशहूर आशा भोसले ने 12 हजार से ज्यादा गाने गाए हैं और इन्हें सफलता का वो मुकाम हासिल हुआ है जहां पहुंचने के सपने ना जाने कितने लोग देखते हैं।
8 सितंबर 1933 को आशा भोसले का जन्म हुआ। आशा ताई को बचपन से ही गाने का शौक था और उन्होंने 10 साल की उम्र से ही गाना शुरू कर दिया। आशा भोसले स्वर साम्राज्ञी लता मंगेशकर की छोटी बहन हैं। उनके पिता मशहूर क्लासिकल सिंगर दीनानाथ मंगेशकर थे। पिता के देहांत के बाद परिवार की सारी जिम्मेदारियां लता मंगेशकर पर आ गई थी और ऐसे में बहन का साथ देने के लिए आशा भोसले ने भी सिंगिंग शुरू कर दी थी।
आशा भोसले ने अपना पर्सनल सेक्रेटरी गणपतराव भोसले को रखा था जो उनका सारा काम देखता था। आशा भोसले को गणपतराव से प्यार हो गया था लेकिन इस शादी के लिए घरवाले तैयार नहीं थे। दोनों ने घर से भागकर शादी का फैसला लिया। उस वक्त आशा भोसले की उम्र 16 साल थी जबकि गणपतराव की 31 साल।
एक इंटरव्यू में आशा भोसले ने बताया था कि गणपतराव के परिवार ने उन्हें कभी भी अपनाया नहीं था और हर रोज उनके साथ मारपीट की कोशिश होती थी। आखिकार गणपतराव ने एक दिन आशा भोसले को घर से निकाल दिया और उस वक्त वो प्रेग्नेंट थीं। ससुराल से निकाले जाने के बाद वो अपने दो बच्चों हेमंत और वर्षा के साथ वापस अपने मायके आ गई थीं।
आशा भोसले और पंचम दा की पहली मुलाकात 1956 में हुई थी, तब तक आशा भोसले ने इंडस्ट्री में अच्छी खासी पहचान बना ली थी जबकि आरडी बर्मन मशहूर संगीतकार सचिन देव बर्मन के टीएनज बेटे थे। करीब 10 साल बाद वो मौका आया जब आरडी बर्मन ने फिल्म 'तीसरी मंजिल' के लिए आशा भोसले से गाने के लिए संपर्क किया।
तब तक पंचम दा और आशा भोसले दोनों की ही पहली शादी टूट चुकी थी। पंचम दा अपनी पहली पत्नी रीता पटेल से अलग हो गए थे। वो रीता पटेल से इतना परेशान हो चुके थे कि घर छोड़कर होटल में रहने चले गए थे।
वहीं दूसरी तरफ आशा भोसले अपने पति गणपतराव भोंसले से बिल्कुल खुश नहीं थीं। एक दिन ऐसा आया जब दो बेटों और एक बेटी के साथ गर्भवती आशा ने अपनी बहन के घर की ओर रुख किया। उनका तीसरा बेटा इसी के बाद हुआ।
कई सालों तक बगैर शब्दों के ही आशा और पंचम दा को संगीत करीब ला रहा था। इस दौर में दोनों ने एक से बढ़कर एक सुपरहिट गाने दिए। दोनों की शादी का रास्ता इतना भी आसान नहीं था। आशा की उम्र पंचम से ज्यादा थी जिस वजह से उनकी मां इस रिश्ते के सख्त खिलाफ थीं। जब पंचम ने अपनी मां से शादी की अनुमति मांगी तो उन्होंने कहा, “जब तक मैं जिंदा हूं ये शादी नहीं हो सकती, तुम चाहो तो मेरी लाश पर से ही आशा भोसले को इस घर में ला सकते हो।“ इसके बाद पंचम दा ने अपनी मां से कुछ नहीं कहा और चुपचाप वहां से चले गए।
जब आशा भोसले और पंचम दा ने शादी की तब तक पंचम दा की मां की ऐसी हालत हो चुकी थी कि उन्होंने किसी को पहचानना बंद कर दिया था। शादी के 14 साल बाद ही पंचम दा, आशा भोंसले को अकेले छोड़कर 54 साल की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कह दिया। आशा भोसले को अपने पति की मृत्यु के गम से उभरने में कई साल लग गए थे।
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