आलिया के चेहरे से मिलती जुलती एक वीडियो सोशल मीडिया के सभी प्लेटफॉर्म पर वायरल हो रही है। एआई के इस्तेमाल से एडिट किए गए फोटो और वीडियो नें सभी मशहूर कलाकार की चिंताएं बढ़ा दी है। असल में वीडियो में आलिया भट्ट के चेहरे से हूबहू मिलता किसी दूसरी महिला की जगह एडिट किया गया है।
अभिनेत्री रश्मिका मंदाना की AI से की गई एडिटेड वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। अभिनेत्री रश्मिका मंदाना की इस डीपफेक वीडियो को तकरीबन 2.4 मिलियन से अधिक बार लोगों ने देख लिया है। वहीं, बॉलीवुड के बिग बी यानी अभिनेता अमिताभ बच्चन ने इस वीडियो की प्रतिक्रिया में कानून बनने और मजबूती के साथ डीपफेक पर विरोध जाहिर की है। डीपफेक एक किस्म का सिंथेटिक मीडिया है जो मौजूदा तस्वीर या वीडियो में किसी व्यक्ति को किसी और की छवि से बदलने के लिए एआई का इस्तेमाल किया जाता है।
कौन हैं फेक वायरल वीडियो में दिख रहीं रश्मिका मंदाना
रश्मिका मंदाना एक भारतीय अभिनेत्री हैं जो मुख्य रूप से दक्षिण भारतीय फिल्मों में दिखाई देती हैं। उन्होंने 2016 की सबसे सफल फिल्म किरिक पार्टी में अभिनय किया है। बैंगलोर टाइम्स ने '30 मोस्ट डिजायरेबल वुमन ऑफ 2017' की सूची में पहले स्थान पर रखा था।
🚨 There is an urgent need for a legal and regulatory framework to deal with deepfake in India.
— Abhishek (@AbhishekSay) November 5, 2023
You might have seen this viral video of actress Rashmika Mandanna on Instagram. But wait, this is a deepfake video of Zara Patel.
This thread contains the actual video. (1/3) pic.twitter.com/SidP1Xa4sT
क्या है फेक वायरल वीडियो से जुड़ा मामला
असल में यह घटना सोशल मीडिया के एक्स प्लेटफॉर्म पर अभिषेक कुमार नाम के पत्रकार ने इंटरनेट पर नकली वीडियो के वायरल होने से निपटने के लिए नए कानूनी और नियामक उपायों के बारे में चिंता जताते हुए वीडियो शेयर किया। सबसे पहले यह वीडियो 8 अक्टूबर को इंस्टाग्राम पर शेयर किया गया था, जिसमें जारा पटेल नाम की एक महिला के इंस्टाग्राम प्रोफाइल पर यह वीडियो अवेलेबल है।
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इस बात की अभी भी पुष्टि नहीं हो पाई है कि पटेल की इस वीडियो को डीपफेक वीडियो किसने बनाया है। अभी तक किसी को मालूम नहीं है कि इस फर्जी वीडियो को किस इरादे से बनाया गया है। असल में डीपफेक तकनीक की मदद से यह कोई अकेली घटना सामने नहीं आई है। हाल के दिनों में अलग अलग क्षेत्रों के मशहूर हस्तियों का इसी तरह के फर्जी वीडियो बना कर, सोशल मीडिया पर उन्हें शिकार बनाया जा रहा है। वीडियो को अभिनेता अमिताभ बच्चन ने ट्वीट करते हुए कहा कि डीपफेक "कानूनी तौर पर यह केस गंभीर" है। इस वीडियो को प्ले करने पर लिफ्ट में एंट्री करती हुई एक सेकेंड के अंदर रश्मिका मंदाना का फेक चेहरा दिखाई पड़ रहा है।
PM @narendramodi ji's Govt is committed to ensuring Safety and Trust of all DigitalNagriks using Internet
— Rajeev Chandrasekhar 🇮🇳 (@Rajeev_GoI) November 6, 2023
Under the IT rules notified in April, 2023 - it is a legal obligation for platforms to
➡️ensure no misinformation is posted by any user AND
➡️ensure that when reported by… https://t.co/IlLlKEOjtd
क्या है डीपफेक टेक्नोलॉजी?
डीपफेक एक किस्म का सिंथेटिक मीडिया है जिसमें एआई का इस्तेमाल करके मौजूदा तस्वीर या वीडियो में एक व्यक्ति को किसी और की छवि से बदल दिया जाता है। जबकि फेक मटेरियल का इस्तेमाल कर के एडिट करना पुराना तरीका है।
वहीं, अभिनेत्री रश्मिका मंदाना इस घटना पर अपने इंस्टा अकाउंट पर स्टोरी शेयर करते हुए लिखा कि "इसे शेयर करते हुए मुझे बहुत दुख हो रहा है और मुझे ऑनलाइन वायरल किया जा रहा है और डीपफेक वीडियो के बारे में बात करनी पड़ रही है।"
डीपफेक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके, किसी व्यक्ति के चेहरे को किसी भी वीडियो या ऑडियो में डाला जा सकता है। यह इतनी वास्तविक हो सकता है कि यह असली से अलग करना मुश्किल हो सकता है। डीपफेक का इस्तेमाल कई मीडिया टूल के तौर पर किया जा सकता है, जैसे की फिल्में, टीवी शो, गाने का वीडियो और विज्ञापन।
डीपफेक की पहचान अक्सर अप्राकृतिक चेहरे के भावों या हरकतों से की जा सकती है, जैसे सामान क्रिया की तुलना से अलग यानी बहुत बार पलकें झपकाना या झटकेदार हरकतें करना। कोई वीडियो असली है या नकली इसके लिए आंखें, इस बात की अच्छी संकेत हो सकती हैं। डीपफेक में अक्सर धुंधली या इनफोकस आंखें होती हैं या ऐसी आंखें जो व्यक्ति के सिर की गतिविधियों से मेल नहीं खातीं।
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बॉलीवुड के सितारे हों या फिर किसी भी क्षेत्र के आइकॉन इस तकनीक के गलत इस्तेमाल से काफी परेशान हैं। इस वीडियो पर केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने भी प्रतिक्रिया में दी है, भारत सरकार इंटरनेट का इस्तेमाल करने वाले सभी डिजिटल नागरिकों की सुरक्षा और विश्वास सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार है। अप्रैल, 2023 में आईटी के नियमों के तहत यह कानूनी दायित्व है।
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Image credit: Freepik
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