1 अप्रैल से फाइनेंशियल ईयर की शुरुआत होती है और इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग की खबरें सुर्खियों का हिस्सा बन जाती हैं। इस साल भी अप्रैल का महीना चढ़ते ही ITR फाइलिंग लाइमलाइट का हिस्सा बन गया है। ऐसा माना जा रहा है कि जल्द ही फाइनेंशियल ईयर 2024-25 की इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग शुरू होने वाली है। अगर इस साल आप पहली बार इनकम टैक्स रिटर्न भरने जा रही हैं, तो आपको यह थोड़ा पेचीदा लग सकता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि इनकम टैक्स रिटर्न फाइल के लिए फॉर्म का सिलेक्शन, डॉक्यूमेंट्स की जानकारी और टैक्स क्लेमिंग से जुड़ी कई बातें होती हैं, जिन्हें समझना जरूरी है।
इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते समय अक्सर लोग जल्दबाजी या जानकारी की कमी की वजह से ऐसी गलतियां कर बैठते हैं, जिसका असर न केवल टैक्स रिटर्न पर पड़ता है, बल्कि आगे चलकर उन्हें डिपार्टमेंट से नोटिस या जुर्माना का भी सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में अगर आप पहली बार इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने जा रहे हैं, तो आपको कुछ बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए। आइए, यहां डिटेल से जानते हैं ITR फाइल करते समय किन गलतियों से बचना चाहिए और किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
इनकम टैक्स रिटर्न भरते समय इन गलतियों से बचें
गलत टैक्स कैलकुलेशन
इनकम टैक्स भरते समय अक्सर लोग गलत कैलकुलेशन कर बैठते हैं। जिसकी वजह से उन्हें नुकसान भुगतना पड़ सकता है। गलत कैलकुलेशन के चांस नए और पुराने टैक्स रिजीम की वजह से और भी बढ़ सकते हैं। ऐसे में दोनों टैक्स रिजीम को समझने के बाद ही ITR भरें।
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गलत टैक्स फॉर्म
हर टैक्सपेयर को अपने सभी इनकम सोर्स की डिटेल्स देनी होती हैं। फिर भले वह टैक्स डिडक्शन में आती हो या नहीं। इसके लिए सही टैक्स फॉर्म भरना जरूरी होता है। अगर सही टैक्स फॉर्म नहीं भरा जाए तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट रिटर्न को डिफेक्टिव की कैटेगरी में डाल देता है। ऐसे में सही इनकम टैक्स फॉर्म भरना जरूरी है।
गलत टैक्स डिडक्शन
हर टैक्सपेयर को अलग-अलग अधिनियम के तहत छूट मिलती है। ऐसे में पहले अपने डिडक्शन्स को अच्छी तरह से समझें, फिर ITR फाइल करें। टैक्स डिडक्शन में सेक्शन 80सी, 80डी आदि शामिल हैं।
गलत पर्सनल डिटेल्स
इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते समय अपना नाम, पता, पैन कार्ड डिटेल्स, बैंक अकाउंट नंबर और अन्य पर्सनल डिटेल्स ठीक से भरने की सलाह दी जाती है। इन डिटेल्स की मदद से ही आप इनकम टैक्स रिटर्न स्टेट्स चेक कर सकते हैं और देख सकते हैं कि IT डिपार्टमेंट ने आपका आईटीआर फॉर्म रिजेक्ट तो नहीं कर दिया।
इनकम सोर्स
अगर आपके एक से ज्यादा आय के स्रोत हैं। यानी अगर सैलरी के अलावा आपको किराए या शेयर, बॉन्ड्स या म्यूचुअल फंड से मुनाफा या कमाई होती है, तो सभी की जानकारी इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग के समय देना जरूरी होता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि गलत या अधूरी जानकारी की वजह से आपका ITR फॉर्म रिजेक्ट हो सकता है।
फॉर्म 26AS
इनकम टैक्स रिटर्न भरने में यह फॉर्म आपकी मदद कर सकता है। यह फॉर्म इनकम टैक्स पोर्टल पर मौजूद होता है। फॉर्म26एएस में कटे टैक्स, जमा टैक्स और एडवांस टैक्स पेमेंट की जानकारी दर्ज होती है। इस फॉर्म को चेक करने से आपको रिपोर्टेड इनकम और टैक्स की जानकारी मिल सकती है।
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ITR वेरिफाई न करना
इनकम टैक्स रिटर्न भरने के बाद इसे वेरिफाई करना जरूरी होता है। अगर आप इस स्टेप को मिस कर देते हैं, तो आपकी रिटर्न को इनवैलिड मान लिया जाता है। यह वेरिफिकेशन आप आधार ओटीपी, नेट बैंकिंग और CPC ऑफिस में फिजिकल कॉपी भेजकर भी कर सकते हैं।
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