कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ जो कुछ हुआ वह महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल खड़ा कर रहा है। इस बात में दो राय नहीं है कि आजादी के इतने सालों बाद भी महिलाएं डर के साए में जी रही हैं। आए दिन कोई न कोई शारीरिक शोषण की घिनौनी वारदात सामने आ रही है। किसी भी महिला के लिए यह एक दर्दनाक अनुभव हो सकता है, लेकिन अगर कभी कोई महिला शारीरिक शोषण की शिकार हो तो सही कदम उठाना बेहद जरूरी होता है। इससे पीड़िता न्याय की दिशा में कदम बढ़ा सकती है। इस आर्टिकल हमें हम बता रहे हैं कि किसी महिला के साथ शारीरिक शोषण होने पर उसे सबसे पहले कौन से कदम उठाने चाहिए
शारीरिक शोषण की स्थिति में महिला को उठाने चाहिए ये 7 सबसे अहम कदम
- शारीरिक शोषण की स्थिति में सबसे पहला कदम यह होना चाहिए कि महिला खुद को एक सुरक्षित जगह पर ले जाए, जहां वह खतरे से दूर हो सके।
- पीड़ित महिला किसी भरोसेमंद दोस्त, परिवार के सदस्य को तुरंत इस बारे में जानकारी दे। इसके पास जितना जल्दी हो सकते पीड़िता को किसी करीबी के साथ एफआईआर दर्ज कराने के लिए थाने जाना जरूरी होती है। अगर कुछ भी समझ नहीं आ रहा है तो 100 नंबर कॉल जरूर करें।
- शारीरिक शोषण होने की स्थिति में महिला हेल्पलाइन पर कॉल करें, ये सेवाएं आपको गाइडेंस, कानूनी सहायता और सुरक्षित स्थानों की जानकारी देने में मदद करेंगी।
- आम तौर पर एफआईआर जिस इलाके में घटना हुई है वहां होती है लेकिन अगर शिकायत के दौरान अधिकारी कहता है की आप इस क्षेत्र की नहीं हैं और एफआईआर दर्ज करने से मना करे तो संविधान ये अधिकार देता है कि किसी भी पुलिस स्टेशन में घटना से संबंधित जीरो एफआईआर दर्ज कराई जा सकती है। बाद में केस संबंधित पुलिस स्टेशन में ट्रांसफर कर दी जाती है।
- पीड़िता को कानूनी सलाह के लिए एक वकील भी मुहैया करना चाहिए जो केस में आपकी मदद कर सके और सही कदम उठाने की सलाह दे। अगर पीड़िता वकील अरेंज करने में सक्षम नहीं है तो पुलिस का काम है कि महिला को वकील मुहैया करवाएं।
- पीड़ित महिला को तुरंत मेडिकल जांच करवाना चाहिए। यह ना सिर्फ महिला के स्वास्थ्य के लिए जरूरी होता है बल्कि मेडिकल एविडेंस के लिए भी जरूरी होता है। मेडिकल टेस्ट होने तक पीड़िता को न ही नहाना चाहिए ना ही कपड़े बदलने चाहिए, अगर कपड़े बदले तो उसे सुरक्षित रखें। कपड़े कानूनी जांच में मदद कर सकते हैं।
- बता दें कि शिकायत दर्ज कराने आई पीड़िता का बयान निजी होता है ऐसे में बयान दर्ज कराते वक्त एक पुलिस अधिकारी और एक करीबी ही मौजूद रहे ताकि वो बातें कोई न सुन सके।
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