जिस सास की तेरहवीं भी नहीं हुई थी, उसकी चूड़ियों की खनक अब भी रसोई से सुनाई देती थी। पूरा परिवार डर के मारे जागता रहता, बस एक शख्स था जो गहरी नींद में मुस्कुराता था। क्या सास वाकई गई थी... या किसी ने उसे कभी जाने ही नहीं दिया? यह घटना हरियाणा के नूहर गांव की थी, जहां एक नई नवेली दुल्हन के साथ कुछ ऐसा हो रहा था, जिसके बारे में कोई सोच भी नहीं सकता था। शादी को बस दो दिन हुए थे और घर में उसके साथ ऐसी ऐसी चीजें होती थी जो उसने कभी सपने में भी नहीं सोचा था।
सोनिया की शादी ऐसे समय पर हुई जब ससुराल के हालात ठीक नहीं थे। सोनिया की सास की मौत अभी 5 दिन पहले ही हुई थी, लेकिन फिर भी परिवार वालों ने अपने बेटे की शादी सोनिया से करवा दी थीं। जिस घर में सास की तेरहवीं भी नहीं हुई उस घर में शहनाइयां बज रही थीं। परिवार वालों का कहना था कि मां को बेटे की शादी देखनी थी, उन्होंने कहा था कि अगर मैं मर भी गई तो ये शादी रुकनी नहीं चाहिए, मेरी आत्मा इसी घर में रहेगी, तुम मेरे बेटे की शादी रोकना मत, वरना मेरी आत्मा को शांति नहीं मिलेगी। ऐसे में परिवार वाले भी भावनाओं में बह गए और मां की मौत के दो दिन बाद ही बेटे की शादी करवा दी।
लेकिन उन्हें नहीं पता था कि ऐसा करना उनके परिवार के लिए एक बड़े खतरे को दावत देने के बराबर था। नई नेवेली बहु को लग रहा था कि परिवार बहुत मॉडर्न है और इन सब बातों पर भरोसा नहीं करता। लेकिन वह नहीं जानती थी कि कुछ चीजें जिंदगी में बहुत ज्यादा जरूरी होती है। अगर वह किसी के मरने के बाद उनका सही से अंतिम संस्कार नहीं करेंगे तो उनका परिवार कभी खुश नहीं रह पाएगा। सोनिया के साथ भी ऐसा ही हुआ, परिवार का तो पता नहीं लेकिन दूसरे घर से आई लड़की जो रवि की पत्नी है, उसकी जिंदगी में भूचाल आ गया था। नई नवेली दुल्हन के साथ रोज नई नई घटनाएं हो रही थीं। जैसे ही रात के दो बजते किचन से कुछ गिरने की आवाज आती। सोनिया किचन में जाती तो उसे वहां कोई नजर नहीं आता। लगातार 2 से 3 दिन ऐसा ही हो रहा था। एक दिन उसने अपने पति रवि से कहा, सुनो ये रोज रात में 2 बजे किचन में बर्तन गिरने की आवाज आती है। रवि ने कहा अरे चूहा या बिल्ली होगी, दरवाजा बंद करके सोया करो। सोनिया ने कहा, अरे मैं रोज दरवाजा बंद करती हूं, लेकिन दरवाजा मुझे खुला हुआ मिलता है।
रवि सोनिया की बातों को इग्नोर करके सो गया। जैसे ही 2 बजे फिर से किचन में बर्तन गिरने की आवाज, सोनिया गुस्से में उठी और ताला लेकर साथ गई की ताकि किचन में ताला लगा सके। उसने गुस्से में जाकर किचन में ताला लगा दिया। तभी किसी की चूड़ियों की आवाज आई। लेकिन घर में सोनिया के सिवा तो और कोई महिला नहीं थी तो यह चूड़ियों की आवाज किसकी थीं। सोनिया ने मुड़कर देखा तो…, उसे आसपास कोई नजर नहीं आया, उसे लगा वहम है, वो अपने कमरे की तरफ जाने लगी, तभी किसी ने पीछे से पुकारा, ...
सोनिया, ओ सोनिया.. सोनिया ने फिर मुड़कर देखा, आवाज सुनकर सोनिया बहुत डर गई थी। वो जल्दी जल्दी अपने कमरे की तरफ भागने लगी, तभी फिर से आवाज आई, इसबार आवाज गुस्से में थी.. किचन को ताला कौन लगाता है, आज तक इस घर को किचन में कभी किसी ने ताला नहीं लगाया, तेरी हिम्मत कैसे हुए किचन में ताला लगाने की..
सोनिया घबरा कर रवि-रवि चिल्लाने लगी और कमरे में घुस गई, सोनिया के हाथ से चाभी छूट कर गिर गई थी और अचानक किचन का ताला भी खुल गया। सोनिया को आवाज सुनकर रवि की भी नींद खुल गई थीं। वह तुरंत बिस्तर से खड़ा हो गया और सोनिया के पास गया। उसने सोनिया से पूछा क्या हुआ, तुम इतनी घबराई हुई क्यों हो। सोनिया ने कहा मैने माजी की आवाज सुनी, वह मुझपर गुस्सा कर रही थी। रवि ने कहा- अरे तुम बैठो तुमने सपना देखा होगा।
सोनिया ने गुस्से में कहा ,मैं बिस्तर पर नहीं हूं जो सपना देख रही हूं, मैंने किचन को ताला लगाया तो गुस्से में माजी ने मुझे डाटा, मैं सच कह रही हूं, माजी की आत्मा यहीं है, आप लोगों ने उनकी मौत के बाद तुरंत शादी करके गलती कर दी है। रवि ने कहा, चलो बाहर मैं भी देखता हूं, कौन सी आवाज और कौन सा मां का भूत। सोनिया डरते डरते रवि के साथ कमरे के बाहर गई और किचन की तरफ बढ़ी। किचन का दरवाजा खुला हुआ था। सोनिया ये देखकर हैरान रह गई ताला और चाभी जमीन पर पड़ा था और दरवाजा खुला था। सोनिया ने डरते हुए कहा, मैने ताला लगाया था मैं सच कह रही हूं, ये ताला पक्का माजी के भूत ने खोला है। वो गुस्से में मुझे कह रही थी कि , हमारे घर में कभी किचन पर ताला नहीं लगा, तो तुमने कैसे बंद किया।
रवि को भी अब सोनिया की बातों पर भरोसा होने लगा था, क्योंकि ये बात सच थी, उसकी मां ने कभी किचन को ताला नहीं लगाया था। वह सोच रहा था कि सोनिया को तो ये बात नहीं पता थी, फिर उसने ये बात बोली है इसका मतलब बात में कुछ तो सच्चाई जरूर होगी। रवि ने कहा, मैं सुबह भैया से इस बारे में बात करूंगा और पूजा करवाई जायेगी, अब तुम डरो मत सो जाओ मैं तुम्हारे साथ ही हूं।
देखते ही देखते सुबह के 6 बज गए लेकिन रवि और सोनिया दोनों को ही नींद नहीं आ पाई थी। उठने के बाद दोनों ने सबसे पहले ये बात भैया और पिता को बताई, ये बात सुनकर दोनों जोर जोर से हंसने लगे और बोले, अरे सोनिया तुम इतनी पढ़ी लिखी होकर भी ऐसी बातें कर रही हो। ये रवि तो निकम्मा है ही तुम भी इसकी तरह हरकत मत करो। ये बात बोलकर दोनों ने सोनिया और रवि की बात पर भरोसा नहीं किया। अब दोनों इस बात से परेशान हो रहे थे कि आखिर अब क्या किया जाए। पूरा दिन निकल गया और दोनों कोई हल नहीं निकाल पाए थे। फिर से रात हो गई और खाना खाकर सभी अपने कमरे में सोने चले गए, रात के 2 बजे और आज फिर किचन में बर्तनों के गिरने की आवाज आ रही थी, रवि और सोनिया दोनों ने आवाज सुनी लेकिन कोई भी कमरे से बाहर नहीं गया।
तभी बाहर किसी के चलने की आवाज आई। रवि का बड़ा भाई किचन की तरफ जा रहा था। वो जिसे ही किचन में गया उसके छींकने की आवाज आई। सोनिया, रवि और ससुर भागते हुए किचन की तरफ गए। रवि का बड़ा भाई सुरेश जमीन पर पड़ा था और उसके पैरों के पास एक सांप बैठा था। सांप के काटने की वजह से सुरेश की मौके पर ही मौत हो गई। रवि और सोनिया ये देखकर हैरान थे। घर में मातम छा गया था क्योंकि केवल 10 दिन में घर में 2 मौत हो गई थी। रवि ने रोते हुए अपने पिता से कहा, मैने बोला ना मां की आत्मा इस घर में है और अब वो हमें सबको परेशान कर रही है। रवि के पिता को अब उसकी बातों पर भरोसा होने लगा था। अब घर में केवल बेटा और बहु ही बचे थे। रवि के पिता और किसी को नहीं खोना चाहते थे इसलिए उन्होंने फौरन पंडित बुलाया और वजह जानने की कोशिश की।
पंडित ने बताया कि रवि की मां अपने साथ सभी को लेकर जाना चाहती है, वह अपने परिवार से अलग नहीं रहना चाहती। वह धीरे धीरे सबको मार देगी। यह सुनकर सब हैरान हो गए थे। रवि ने कहा, अब हम क्या करें? पंडित ने कहा, उनकी मौत के बाद जो रिवाज होते हैं वो आपको शुरू से पालन करना होगा, तभी आपकी मां की आत्मा को मुक्ति मिलेगी और वह अपने परिवार से मोह छोड़कर जा सकेगी। सबसे पहले आपको यह घर छोड़ना होगा। पंडित की बात सुनकर पूरा परिवार पूजा पाठ में जुट गया और अपने भाई और मां की मौत के बाद के सभी रिवाजों की पालना की।
इस तरह उनके परिवार से मौत का साया उठ गया और सोनिया अपने पति और ससुर के साथ खुशी खुशी रहने लगी।
यह कहानी पूरी तरह से कल्पना पर आधारित है और इसका वास्तविक जीवन से कोई संबंध नहीं है। यह केवल कहानी के उद्देश्य से लिखी गई है। हमारा उद्देश्य किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं है। ऐसी ही कहानी को पढ़ने के लिए जुड़े रहें हर जिंदगी के साथ।
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