महाराष्ट्रीयन घरों में बनाई जाती है जवस की चटनी, टमाटर की जगह तिल किया जाता है इस्तेमाल

चटनी तो आपने बहुत खाई होंगी, लेकिन क्या कभी जवस चटनी ट्राई की है? अगर नहीं, तो आज हम आपको बताएंगे जवस चटनी की विधि और इससे जुड़े कुछ फैक्ट्स भी आप जानेंगे जो आपके लिए मददगार साबित हो सकते हैं। 
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चटनी एक ऐसा इंग्रीडिएंट्स है जिसका सेवन कई तरह से किया जाता है। ब्रेकफास्ट हो, लंच हो, स्नैक्स हो या डिनर..लगभग हर व्यंजन के साथ चटनी जरूर सर्व की जाती है। इसलिए ज्यादातर लोग अपने फ्रिज में स्टोर करके रखते हैं, ताकि जब जरूरत पड़े तो इसका इस्तेमाल बहुत ही आसानी से किया जा सकता है। यही वजह है कि चटनी एक नहीं, दो नहीं बल्कि कई तरह से तैयार की जाती हैं।

आपने भी यकीनन टमाटर, प्याज, लहसुन की चटनी तैयार की होगी, लेकिन क्या आपने जवस चटनी ट्राई की है? या इसका नाम सुना है? अगर नहीं, तो आज हम आपको बताएंगे, इसी चटनी के बारे में जिसे अलसी की चटनी के नाम से भी जाना जाता है। इसका इस्तेमाल व्यंजन को बनाने के लिए भी किया जाता है। हालांकि, इस चटनी को ज्यादातर महाराष्ट्र और दक्षिण भारतीय इलाकों में खाया जाता है।

जवस चटनी के बारे में जानें

Chutney recipe

जवस की चटनी में छोटे, भूरे या सुनहरे रंग के बीज इस्तेमाल किए जाते हैं। यह स्वाद के साथ-साथ हेल्थ के लिए भी फायदेमंद होते हैं, क्योंकि इसमें फाइबर, ओमेगा-3 फैटी एसिड और एंटीऑक्सीडेंट्स का भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं।

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इसे आमतौर पर स्वस्थ दिल, वजन नियंत्रण और पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने के लिए जाना जाता है। जवस में मौजूद लिग्नांस हृदय रोगों और कैंसर से बचाव में सहायक होता है। अगर आप स्वाद के साथ-साथ हेल्दी रहना चाहते हैं, तो इस चटनी का स्वाद चख सकते हैं।

चटनी खाने से मिलते हैं कई फायदे

  • जवस में ओमेगा-3 फैटी एसिड की भरपूर मात्रा होती है, जो कोलेस्ट्रॉल कम करने और दिल को स्वस्थ रखने में मदद करता है।
  • इसमें मौजूद फाइबर पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है और कब्ज जैसी समस्याओं को दूर करता है।
  • जवस की चटनी खाने से भूख नियंत्रित रहती है, जिससे ओवरईटिंग से बचा जा सकता है और वजन नियंत्रण में मदद मिलती है।
  • मधुमेह रोगियों के लिए यह फायदेमंद है, क्योंकि यह ब्लड शुगर के स्तर को स्थिर रखती है।
  • जवस में लिगनांस जैसे एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो शरीर में फ्री रेडिकल्स को नियंत्रित करके कैंसर जैसी बीमारियों से बचाव कर सकते हैं।

जवस चटनी के बारे में रोचक तथ्य

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  • महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे राज्यों में जवस की चटनी पारंपरिक भोजन का हिस्सा है। इसे मुख्य रूप से भाकरी और चावल के साथ खाया जाता है।
  • यह चटनी लो-कार्ब और हाई-प्रोटीन होती है, जो कीटो डाइट या वजन घटाने वाले आहार के लिए अच्छी है।
  • इसमें किसी भी प्रकार के डेयरी उत्पाद का इस्तेमाल नहीं होता, जिससे यह वेजन और ग्लूटेन-फ्री डाइट फॉलो करने वालों के लिए अच्छा ऑप्शन है।
  • जवस की चटनी को 3-4 दिनों तक फ्रिज में स्टोर किया जा सकता है, बशर्ते इसे एयरटाइट कंटेनर में रखा जाए।
  • इसकी चटनी को बनाने के लिए टमाटर का इस्तेमाल नहीं किया जाता।

चटनी का स्वाद बढ़ाने के सुझाव

  • इसमें मूंगफली या तिल डालकर इसे और ज्यादा पौष्टिक और स्वादिष्ट बनाया जा सकता है।
  • तीखापन बढ़ाने के लिए लाल मिर्च की मात्रा बढ़ाई जा सकती है।
  • नींबू का रस या दही डालकर इसे खट्टा-मीठा बनाया जा सकता है।
  • चटनी को सूखा भी रखा जा सकता है, जिससे इसे स्टोर करना आसान हो जाता है।

जवस चटनी की विधि

what is javas chutney in hindi (2)

सामग्री

  • जवस (अलसी)- 1 कप
  • लहसुन- 5-6 कलियां
  • इमली का गूदा- 1 बड़ा चम्मच
  • नारियल (कद्दूकस किया हुआ)- 2 बड़े चम्मच
  • नमक- स्वादानुसार
  • जीरा- 1 छोटा चम्मच
  • सूखी लाल मिर्च- 3-4
  • तेल- 1 छोटा चम्मच (भूनने के लिए)

जवस की विधि

  • सबसे पहले ऊपर बताई गई सामग्रियों को तैयार करके रख लें। फिर एक तवा गर्म करें और उसमें जवस डालें। हल्की आंच पर हल्का सुनहरा और खुशबूदार होने तक भूनें और ठंडा होने दें।
  • अब एक पैन में थोड़ा तेल गर्म करें। उसमें लहसुन, सूखी लाल मिर्च और जीरा डालकर हल्का भूनें। मिक्सर में भुने हुए जवस, भुने मसाले, नारियल, इमली का गूदा और नमक डालें।
  • थोड़ा पानी मिलाकर मोटी चटनी पीस लें। तैयार चटनी को किसी डिब्बे में रखें और पराठा, रोटी, या चावल के साथ सर्व करें।

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Image Credit- (@Freepik)

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