वड़ी एक ऐसी सब्जी है, जिसे कभी भी बनाकर खाया जा सकता है। भारतीय घरों में इसे इकट्ठा बनाकर स्टोर किया जाता है और जब हरी सब्जी खाने का मन नहीं होता है, तब घरों में ये स्वादिष्ट वड़ी की सब्जी बनाई जाती है। बहुत से लोगों को घर पर वड़ी बनने नहीं आती इसलिए वे बाजार से वड़ी खरीदकर लाते हैं। बाजार में मिलने वाले वड़ी में उतना स्वाद नहीं होता है, इसलिए घर पर ही इसे ज्यादातर लोग बनाकर स्टोर करते हैं। वड़ी तो कई तरह से बनाई जाती है, हर कोई इसे अलग अलग तरीके और सामग्री की मदद से बनाकर खाते हैं ऐसे में आज हम आपको पहाड़ी वड़ी की एक खास रेसिपी बताएंगे। पहाड़ी वड़ी खीरा, उड़द और कुछ मसालों से बनाया जाता है। यह खाने में बेहद स्वादिष्ट होता है और इसे आप लंबे समय के लिए भी स्टोर करके रख सकते हैं।
पहाड़ी वड़ी बनाने के लिए सामग्री
- उड़द दाल
- पके हुए खीरा
- बड़ी इलायची
- लौंग
- काली मिर्च
- दालचीनी
- लाल मिर्च
- हल्दी
- नमक
- हींग
कैसे बनाएं पहाड़ी वड़ी
- पहाड़ी वड़ी बनाने के लिए सबसे पहले रात में उड़द दाल को भिगोकर रखें।
- सुबह उड़द दाल को पानी से धोकर उसके छिलके अच्छे से निकाल लें और पानी को निथार लें।
- अब दाल को पीस लें, वड़ी का बैटर गाढ़ा रहता है इसलिए इसमें ज्यादा पानी नहीं डालना है।
- अब साबुत मसालों को पीस लें, आप सिल बट्टे या फिर मिक्सी किसी में भी बड़ी इलायची, लौंग, काली मिर्च, दालचीनी, लाल मिर्च को डालकर कूट-पीस लें।
- अब इन मसालों को उड़द दाल में मिलाएं।
- अब एक बड़े पके हुए पहाड़ी खीरा को छीलकर ग्रेट कर लें और इसमें मौजूद पानी को कपड़े की मदद से निचोड़कर उड़द दाल के बैटर में रखें।
- अब नमक, हल्दी, लाल मिर्च और हींग डालकर बैटर को अच्छे से मिक्स करके फेंट लें।
- इसे बनाने के लिए छत में सूती का कपड़ा बिछाएं और छोटी-छोटी वड़ियां बनाकर सुखाने के लिए रखें।
- वड़ी जब सुख जाए तो उसे कांच या चीनी की बरनी में स्टोर करके जब चाहे तब इसका मजा लें।
पहाड़ी वड़ी बनाने के लिए टिप्स
- वड़ी के लिए पके हुए खीरे का उपयोग करना है, साथ ही खीरे के बीज अच्छे से निकालकर पानी भी निचोड़ लें।
- आप उड़द दाल पीसते वक्त ज्यादा पानी का उपयोग न करें, क्योंकि खीरा में भी एक्स्ट्रा पानी होता है, जो वड़ी के बैटर को पतला कर सकता है।
- खीरा नहीं है तो आप लौकी का उपयोग कर सकते हैं।
- वड़ी बनाते वक्त दिन की अच्छी धूप हो साथ ही रात में वड़ी को कपड़े से ढक दें ताकि सीत या ओस न पड़े।
- पहाड़ी वड़ी के लिए काली छिलके वाली दाल का ही उपयोग करें।
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Image Credit: freepik, Shutterstocks
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