Navratri 2023: क्या है अठवाही, जो नवरात्रि में अष्टमी के दिन दुर्गा जी के प्रसाद के लिए बनाया जाता है

कुछ ही दिनों में नवरात्रि का पर्व आने वाला है, जिसमें देश भर में मां दुर्गा की पूजा-अर्चना की जाती है। नवरात्रि में पूरे नव दिन मां दुर्गा के नव रूपों की पूजा की जाती है।  

 
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Shardiya Navratri 2023:इस साल नवरात्रि का पर्व देशभर में 15 अक्टूबर से 24 अक्टूबर तक मनाया जाएगा। मां दुर्गा को समर्पित यह त्यौहार हिंदू धर्म के आस्था, विश्वास और श्रद्धा का प्रतीक है। इस त्यौहार में नव दिनों तक मां दुर्गा की स्थापना की जाती है। लोग घरों में, पंडालों में और मंदिरों में देवी मां की स्थापना कर उन्हें पूजते हैं। बहुत सी जगहों में जेवारा (ज्वार) और जोत (कलश) स्थापना की जाती है। सभी जगह देवी स्थापना और पूजा की अलग-अलग विधि होती है। बता दें कि छत्तीसगढ़ में भी मां दुर्गा की पूजा बहुत ही धूमधाम से होती है। सात दिन के पूजन के बाद सभी लोग देवी जी को अठवाही प्रसाद चढ़ाते हैं और शाम में हवन आरती के साथ मां दुर्गा की मुर्ति, ज्वार और जोत की विसर्जन की जाती है। आज के इस लेख में हम आपको देवी मां में चढ़ने वाले खास प्रसाद अठवाही के बारे में बताएंगे।

क्या है अठवाही

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छत्तीसगढ़ में अठवाही प्रसाद का विशेष महत्व है, इसके बिना नवरात्रि में अष्टमी की पूजा को सम्पूर्ण नहीं माना जाता है। यह अठवाही आठ तरह के अनाज से तैयार किया जाता है। अष्टमी के दिन इन आठ किस्म के अनाज तैयार होने के कारण इस प्रसाद को अठवाही कहा जाता है। ये आठ तरह के अनाज गांव में सभी घरों से थोड़ी-थोड़ी मात्रा में इकट्ठा कर पीसा जाता है और फिर से सभी घरों में प्रसाद बनाने के लिए बांटा जाता है।

कैसे बनाएं अठवाही प्रसाद

पंडित जी के द्वारा दी गई प्रसाद के आटे में थोड़ा घी मिलाकर मिक्स करें और एक कप दूध में स्वादानुसार गुड़मिलाकर घोल बना लें। इस घोल से अठवाही का टाइट आटा गुंथ लें और आटा से 8 लोई काटकर अलग-अलग रखें। गैस या चूल्हे में साफ बर्तन रखें और उसमें अठवाही प्रसाद तलने के लिए घी रखें।

अठवाही के लोई से छोटी-छोटी कुकीजकी तरह हाथों की मदद से रोटी बनाएं और गर्म घी में डालकर दोनों तरफ से सेंक लें। घी का आंच एकदम कम रखें नहीं तो अठवाही एक तरफ से कच्ची रह जाएगी।

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अठवाही बनाने के लिए टिप्स

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  • चूंकि अठवाही प्रसाद के लिए बनाई जाती है इसलिए साफ सुथरे और शुद्ध कांसे और पीतल के बर्तनों का उपयोग करें।
  • अठवाही प्रसाद के लिए देसी गाय के कच्चे दूध का उपयोग करें।
  • आटा में घी की मात्रा एक से डेढ़ चम्मच तक रखें नहीं तो घी में जाते ही अठवाही टूट सकती है।
  • गुड़ की मात्रा का भी विशेष ध्यान दें, ज्यादा गुड़ और घी डालने से अठवाही घी में तलते वक्त टूट जाती है।

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Image Credit: Freepik, shutterstocks

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