वर्किंग वूमेन्स के साथ समस्या यह हुई है कि उनकी दिन भर की फिजिकल एक्टिविटी घट गई है और सीट पर बैठे-बैठे स्नैक्स खाने की आदत बढ़ गई है। जिसकी वजह से वजन बढ़ने की समस्या हो गई है। ऐसे में काम के साथ वजन बढ़ने का स्ट्रेस भी हावी हो जाता है। अगर आपमें भी ये स्ट्रेस हावी हो गया है तो इस डाइट रुटीन से 8-9 घंटों की शिफ्ट में इस तरह से स्ट्रेस और वेट गेन के बीच बैलेंस बैठाएं।
ऑफिस के आठ से नौ घंटों के बीच में लगभग 80 फीसदी लोग हेल्दी फूड नहीं खा पाते हैं। ऐसा ऑफिस के आसपास स्थित फास्ट फूड स्टॉल्स और ऑफिस के फ्रैंड की वजह से होता है जो बाहर के फूड को खाने के लिए एक-दूसरे को प्रोत्साहित करते हैं। अब जैसे कि कल हम सबने बाहर से ही हॉटडॉग और बर्गर मंगाकर लंच में खाया। जो घर से लंच लाया गया था वो शाम के समय खाया। अब अंदाजा लगाया जा सकता है कि लंच के दौरान जब इंसान को सबसे अधिक भूख लगती है उस समय हमने केवल मैदा से बने बाहर के फास्ट फूड खाएं और फिर कुर्सी में बैठ गए। यही मैदा से बना फास्टफूड वजन बढ़ने का कारण बनता है। फिर शाम को स्नैक्स के समय खाना खाया। इस तरह के अनबैलेंस डाइट को ही आज इस आर्टिकल में हम बैलेंस करने का तरीका जानेंगे।
हमें सबसे पहले ये समझने की जरूरत है कि हमें कब-क्या खाना चाहिए। लंच के समय लंच के लिए लाया हुआ घर का खाना ही खाना चाहिए और इसके लिए रोटी-सब्जी से बेहतर कोई ऑप्शन नहीं है। अगर बाहर का खाना खाने वाले हैं तो फास्ट फूड की जगह रोटी-सब्जी मंगाए। इससे आप बाहर का खाना भी खा लेंगी और आप बेवजह का मैदा खाने से भी बच जाएंगी।
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शाम को कंप्यूटर के सामने बैठकर काम करने के दौरान शाम के समय काफी भूख लगती है। इस भूख को खत्म करने के लिए स्नैक्स खाएं वह भी घर से लाया हुआ। शाम को स्नैक्स खाने से आप एक्स्ट्रा कैलोरी लेने से बच जाती हैं। आपको वेरायटी भी मिल जाती है और हल्की-फुल्की भूख भी शांत हो जाती है। स्नैक्स लेने के समय कैलोरीज बैलेंस रखेँ। इसके लिए स्नैक्स में स्प्राउट्स, फ्रूट्स, सैलेड, मुरमुरे समेत कई तरह की वैरायटीज़ आपको मिल जाएगी।
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खाने में घर से अच्छी चीजें बनाकर लाएं जो खुशबूदार भी हो। क्योंकि खुशबू हमारे सेंसेस को जागरुक कर भूख को संतुष्ट करने में मदद करती है। इसके अलावा खाने के दौरान ना काम करें और ना बोलें। 2009 में यूनिवर्सिटी ऑफ बिरमिंगह्म की आई हुई स्टीड के अनुसार खाना खाते समय ज्यादा बोलना या किसी काम में लगे रहना मतलब खुद को भूख से संतुष्ट ना करना है। इसलिए खाने के दौरान केवल खाएं। इससे आपको काम से ब्रेक भी मिल जाएगा और आपकी भूख भी खत्म हो जाएगी।
इसके बाद जब आप काम शुरू करेंगी तो आप एक फ्रेश माइंड से काम शुरू कर सकेंगी।
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