कौन थीं पुपुल जयकर? कंगना रनौत की फिल्म इमरजेंसी में एक्ट्रेस महिमा चौधरी निभा रही हैं जिनका किरदार

17 जनवरी 2025 को सिनेमाघरों में कंगना रनौत की फिल्म इमरजेंसी रिलीज होने वाली है। फिल्म में एक्ट्रेस महिमा चौधरी ने पुपुल जयकर का किरदार निभाया है। 
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कंगना रनौत की फिल्म इमरजेंसी का ट्रेलर हाल ही में रिलीज हुआ है और ट्रेलर देखने के बाद, फैंस काफी उत्साहित हो गए हैं। फिल्म में 70 की सियासत के कद्दावर नेताओं की भूमिका में श्रेयस तलपड़े और अनुपम खेर जैसे कलाकार आपको नजर आने वाले हैं। लेकिन फिल्म में एक्ट्रेस महिमा चौधरी, इंदिरा गांधी की दोस्त और सामाजिक कार्यकर्ता पुपुल जयकर की भूमिका में नजर आने वाली हैं। इसलिए, फिल्म इमरजेंसी रिलीज होने से पहले, हम आपको पुपुल जयकर के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं, ताकि फिल्म देखते समय आप महिमा चौधरी के किरदार के साथ न्याय कर सकें।

कौन थीं पुपुल जयकर?

सामाजिक कार्यकर्ता और लेखिका पुपुल जयकर को भारतीय कला और विरासत को पुनर्जीवित करने और संरक्षित करने के लिए जाना जाता है। वह आजादी की लड़ाई में महिला आंदोलन का भी हिस्सा रही थीं। उत्तर प्रदेश के इटावा में 11 सितंबर 1915 को पुपुल जयकर का जन्म हुआ था। उनके पिता सिविल सेवा में अधिकारी थी, इसलिए उनका तबादला होता रहता है। इसकी वजह से बचपन में ही पुपुल को कई जगह घूमने का मौका मिल गया।

पुपुल जयकर ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा इटावा से ही पूरी की और 11 साल की उम्र में उनके पिता का ट्रांसफर बनारस हो गया। बनारस में एनी बेसेंट के बनाए गए स्कूल में उन्होंने शिक्षा ग्रहण की। जब पुपुल 15 साल की हुईं, तो उनके पिता का तबादला इलाहाबाद हो गया। इलाहाबाद में उन्होंने अपनी पढ़ाई को जारी रखा। पुपुल जयकर के पिता जवाहरलाल नेहरू के पिता मोतीलाल नेहरू के अच्छे मित्र थे, इसलिए उनका कम उम्र में ही नेहरू परिवार से संपर्क हो गया। इसके बाद, उन्होंने लंदन के बेडफोर्ड कॉलेज से पत्रकारिता और बाद में लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से समाजशास्त्र में ग्रेजुएशन किया। जब पुपुल लंदन से पढ़ाई करके भारत लौटीं, तो उन्होंने द टाइम्स ऑफ इंडिया में नौकरी के लिए आवेदन किया। लेकिन, उन्हें वहां पर नौकरी नहीं मिल पाई। इसके बाद, वह मुंबई चली आईं और बच्चों की मैगजीन टॉय कार्ट को लॉन्च किया। आपको बता दें कि मैगजीन में एमएफ हुसैन और जैमीनी रॉय द्वारा चित्र बनाए गए थे।

इंदिरा गांधी की करीबी दोस्त थीं पुपुल जयकर

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साल 1940 में पुपुल जयकर ने राजनीति में प्रवेश किया और वह कस्तूरबा ट्रस्ट में मृदुला साराभाई की सहायक और राष्ट्रीय योजना समिति की सहायक सचिव नियुक्त हुई। पुपुल जयकर जे. कृष्णमूर्ति की फ़िलॉसफ़ी से भी प्रभावित थीं, जिनसे उनकी मुलाकात 1948 में हुई। स्थानीय हस्तशिल्प और भारतीय कला की पहचान करने के लिए उन्होंने पूरे भारत भर में भ्रमण किया। इसके बाद, वह हथकरघा इंडस्ट्री में शामिल हो गईं और उन्होंने चेन्नई में बुनकर सेवा केंद्र की स्थापना की।

इसी दौरान, उनकी मुलाकात इंदिरा गांधी से हुई और दोनों दोस्त बन गईं। 1966 में इंदिरा गांधी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद पुपुल को सांस्कृतिक सलाहकार नियुक्त कर लिया। इंदिरा गांधी के सबसे करीब पुपुल जयकर मानी जाती थीं, जिनसे आयरन लेडी अपने दिल की हर बात खुलकर कहती थीं। साल 1974 से लेकर 1977 तक पुपुल ने भारतीय हथकरघा और हस्तशिल्प निर्यात निगम (HHEC) की अध्यक्षता की।

भारतीय कला को वैश्विक मंच पर ले जाने वाली

साल 1980 में लंदन, अमेरिका, पेरिस और जापान समेत कई जगहों पर पुपुल जयकर ने कई भारतीय कला उत्सवों का आयोजन किया। परिणामस्वरूप, पारंपरिक भारतीय कला को विदेशों में भी पहचान मिलने लगी। साल 1982 में जयकर को भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (ICCR) का उपाध्यक्ष बना दिया गया। उन्होंने 1984 में इंदिरा गांधी की मृत्यु के बाद नई दिल्ली में भारतीय राष्ट्रीय कला और सांस्कृतिक विरासत ट्रस्ट (INTACH) की स्थापना की। उन्होंने भारतीय शिल्पकला, टेराकोटा और ग्रामीण शिल्प पर कई किताबें भी लिखीं।

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एक महान लेखिका थीं पुपुल जयकर

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पुपुल जयकर ने अपने करीबी मित्र जे.कृष्णमूर्ति के जीवन पर आधारित किताब 'ए बायोग्राफी' को 1988 में लिखा था और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के जीवन पर आधारित किताब 'ए एंटीमेट बायोग्राफी' को साल 1992 में लिखा था। पुपुल जयकर को 1967 में भारत सरकार द्वारा पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।

पुपुल जयकर एक गुजराती ब्राह्मण परिवार से आती थी। उनके परिवार में माता-पिता के अलावा, एक भाई और चार बहनें थीं। पुपुल जयकर के भाई का नाम कुमारिल मेहता और बहनों का नाम - पूर्णिमा, अमरगंगा, नंदिनी और प्रेमलता मेहता था। साल 1937 में उन्होंने बैरिस्टर मनमोहन जयकर से शादी की थी और कपल क एक बेटी राधिका है। जयकर के पति का निधन साल 1972 में ही हो गया था और लंबी बीमारी के चलते 1997 में पुपुल जयकर का भी निधन हो गया।

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Image Credit -NewsBharati, etawahcity, Amazon


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