देश की बेटियों ने एक बार फिर सबका नाम रौशन किया है। दरअसल, यूपीएससी का रिजल्ट निकल चुका है, जिसमें देश की बेटियों ने कमाल कर दिखाया है। संघ लोक सेवा आयोग ने अपनी वेबसाइट upsc.gov.in पर सिविल सेवा परीक्षा 2020 के अंतिम परिणाम की घोषणा शुक्रवार को की थी। आयोग ने उन उम्मीदवारों की सूची जारी की थी जो अब IAS, IPS और IFS के अलावा विभिन्न केंद्रीय सेवाओं में शामिल होंगे।
इस सूची में आईआईटी बॉम्बे से सिविल इंजीनियर शुभम कुमार सूची में सबसे ऊपर हैं, जबकि भोपाल से इलेक्ट्रिकल इंजीनियर जागृति अवस्थी ने दूसरी रैंक हासिल की है। उनके अलावा भी ऐसी कई महिलाएं जिन्होंने टॉप 10 में अपनी जगह बनाई है, आइए उन टॉप रैंकर्स के बारे में जानें।
जागृति अवस्थी, 2nd रैंक
यूपीएससी की परीक्षा में महिला वर्ग में टॉप में रहीं जागृति अवस्थी फतेहपुर की रहने वाली हैं। उनके पिता भोपाल के होम्योपैथी मेडिकल कॉलेज में कार्यरत हैं। उनकी मां एक टीचर हैं, लेकिन उन्होंने बेटी की पढ़ाई के लिए अपनी नौकरी छोड़ दी। और छोटा भाई एमबीबीएस का स्टूडेंट है।
जागृति ने आजाद नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। इसके बाद उन्होंने गेट की परीक्षा पास कर BHEL में बतौर टेक्निकल ऑफिसर की नौकर की। लेकिन साल 2019 में उन्होंने आईएएस अफसर बनने के सपने को पूरा करने की ठानी। इसी दौरान उन्होंने दिल्ली के एक कोचिंग संस्थान में एडमिशन लेकर तैयारी की, लेकिन कोरोना के कारण उन्हें भोपाल लौटना पड़ा। जागृति ने हार नहीं मानी और लॉकडाउन पर घर पर रहकर खूब तैयारी की।
ऐसी थी जीत की तैयारी
जागृति ने साल 2019 में पहली बार परीक्षा दी थी, लेकिन तब वह प्रीलिम्स पास नहीं कर पाई थीं। उन्होंने फिर एक बार कड़ी मेहनत की और बाकी सालों के पेपर को सॉल्व किया और फिर एक बार यूपीएससी की दूसरी परीक्षा में बैठी। इस तरह खूब प्रैक्टिस और कड़ी मेहनत कर उन्होंने दूसरी बार में सफलता हासिल की। जागृति अपनी सफलता का सारा श्रेय अपनी मां मधुलता अवस्थी को देती हैं, जिन्होंने उनकी पढ़ाई के लिए अपनी नौकरी तक छोड़ दी।
अंकिता जैन, 3rd रैंक
28 वर्षीय अंकिता जैन ने दिल्ली के टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की। अंकिता के पति अभिनव त्यागी आईपीएस ऑफिसर हैं और वह महाराष्ट्र में तैनात हैं। अंकिता खुद मुंबई में अकाउंट सर्विस ऑफिसर के पद पर तैनात हैं और चौथे प्रयास में उन्होंने यूपीएससी क्लीयर किया है। इतना ही नहीं, अंकिता जैन की बहन ने भी इस परीक्षा में 21वीं रैंक हासिल की है और दोनों ने एक ही नोट्स से पढ़ाई भी की थी।
ऐसी थी जीत की तैयारी
अंकिता ट्रेनिंग पर रहती थीं और इसलिए उनके पास नोट्स बनाने का समय नहीं रहता था। उन्होंने अपनी बहन के बनाए नोट्स से ही तैयारी जारी रखी। इतना ही नहीं, मेन्स एग्जाम से पहले उन्हें कोविड हो गया था, मगर उन्होंने हिम्मत हारे बिना अपनी पढ़ाई पर पूरा ध्यान लगाया। उन्होंने कोविड से पहले ऑफलाइन क्लासेस ली थी और कोविड के बाद उन्होंने ऑनलाइन पढ़ाई की। उन्होंने वे टॉपिक्स बेहतर ढंग से तैयार किए, जिनमें पिछले प्रयासों में वह पीछे रह गई थीं। इस बार उनकी मेहनत रंग लाई और उन्होंने तीसरा स्थान हासिल किया।
ममता यादव, 5th रैंक
ममता यादव बसई गांव की रहने वाली हैं उनके पिता एक निजी कंपनी में कार्यरत हैं और मां गृहिणी हैं। ममता ने अपनी पढ़ाई दिल्ली से की, उन्होंने दिल्ली के हिंदी कॉलेज से अपना ग्रेजुएशन किया। इसके बाद उन्होंने मन लगाकर अपने आईएएस बनने के सपने को पाने के लिए मेहनत शुरू की।
वह पिछले 4 साल से परीक्षा की तैयारी में लीन थीं। उन्होंने साल 2019 में एग्जाम भी दिया था, लेकिन इसमें उन्होंने 556वीं रैंक हासिल की थी। सिलेक्ट होने के बाद वह भारतीय रेलवे कार्मिक सेवा के लिए प्रशिक्षण लेने लगीं। अपनी रैंक से असंतुष्ट ममता ने फिर एक बार पढ़ाई शुरू की। उनके इस सफर में उनके माता-पिता ने बहुत हौसला बढ़ाया।
ऐसी थी जीत की तैयारी
ममता परीक्षा के लिए 8-10 घंटे पढ़ती थीं और उन्होंने न कोई कोचिंग ली और न ही कोई गाइड की मदद ली। दिनभर में 10-12 घंटे सेल्फ स्टडी कर अपने लक्ष्य को हासिल किया। ममता यादव ने इस कठिन परीक्षा में देश भर में 5वां रैंक हासिल कर न केवल परिवार बल्कि क्षेत्र का भी नाम रौशन किया। ममता यादव इससे पहले एसएससी की परीक्षा भी पास कर चुकी हैं।
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के. मीरा, 6th रैंक
त्रिशूर की रहने वाली के मीरा, ने यूपीएससी की परीक्षा में छठी रैंक हासिल की है और इसी के साथ वह केरल की टॉपर बनीं। वह बेंगलुरु की एक निजी फर्म में डेटा साइंटिस्ट थीं। आईएएस अधिकारी बनने के अपने सपने का पीछा करते हुए उसने नौकरी छोड़ दी। दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से अर्थशास्त्र में स्नातक, उसने अपने तीसरे प्रयास में सूची में जगह बनाई।
ऐसी थी जीत की तैयारी
साल 2018 में वह सिर्फ 12 अंकों से इंटरव्यू में चूक गई थीं, लेकिन उन्होंने मेहनत जारी रखी और परीक्षा पास करने की ललक मिटने नहीं दी। उन्होंने सिविल सर्विस के एग्जाम के लिए सोशियोलॉजी जैसे विषय को चुना था। उन्होंने अपनी सफलता का सारा श्रेय अपनी मां को दिया।
उन्होंने लीडिंग वेबसाइट को दिए इंटरव्यू मे बताया, ' मेरी मां ने मुझे परीक्षा के लिए बहुत प्रेरित किया था। जब मैं इंजीनियरिंग कर रही थी, तब भी वह मुझे सिविल सर्विसेज की परीक्षा देने के लिए कहती थीं। उनकी निरंतर प्रेरणा ने मुझे इसके बारे में सोचने को मजबूर किया और मैंने अपनी तैयारी शुरू कर दी। यह मेरा चौथा प्रयास था और मैं इसके लिए बेहद खुश हूं।'
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अपाला मिश्रा, 9th रैंक
अपाला ने अपनी पढ़ाई देहरादून और दिल्ली से की। उन्होंने 2017 में बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी की डिग्री हैदराबाद से पूरी की थी, इस दौरान ही अपाला ने देश सेवा के लिए आईएएस बनने का सपना देखा था। इस वजह से उन्होंने डेंटल सर्जन बनने के बाद 2018 से घर पर ही रहकर यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू की थी। डेंटल सर्जन डॉ. अपाला मिश्रा इस समय यूपी के गाजियाबाद के वसुंधरा सेक्टर-5 के ओलिव काउंटी में रहती हैं। वह कालजयी साहित्यकार आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी की नातिन हैं।
ऐसी थी जीत की तैयारी
पेशे से डेंटल अपाला ने बिना किसी कोचिंग के यह परीक्षा पास की। उन्होंने टाइम मैनेजमेंट का पूरा ध्यान रखा। वह दिन भर में 7 से 8 घंटे की पढ़ाई करती थीं और उन्होंने आत्मविश्वास और अनुशासन के साथ इस परीक्षा में परचम लहराया। इससे पहले साल 2018 में उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा दी थी, लेकिन उसमें सफल नहीं हो पाई। इसके बाद भी उन्होंने कड़ी मेहनत जारी रखी और तीसरे प्रयास में यह मुकाम पाया।
ये हैं वो महिलाएं जिन्होंने यूपीएससी की परीक्षा में टॉप 10 में अपनी जगह बनाई। आपको बता दें कुल 545 पुरुष और 216 महिलाओं ने यह परीक्षा पास की है। हमें उम्मीद है आपको यह लेख पसंद आया होगा। इसे लाइक और शेयर करें और ऐसे अन्य आर्टिकल पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।
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