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Who is the first female engineer in Karnataka

Success Story: शादी के तीन साल बाद पति की मौत... फिर इन्होंने जो किया दुनिया आज भी करती है सलाम

इंजीनियरिंग के फील्ड में आज के समय पुरुष और महिला एक बराबर भागीदारी में काम कर रहे हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि भारत की पहली महिला इंजीनियर कौन है। 
Editorial
Updated:- 2024-02-05, 12:15 IST

First Female Engineer: जिंदगी में मुसीबत आती रहती हैं। उन पर चलकर हम किस तरह से अपने जीवन को निखारते हैं यह हमारे ऊपर है। कुछ ऐसी ही कहानी है देश की पहली महिला इंजीनियर की।  27 अगस्त, 1919 को मद्रास में जन्मी ए. ललिता पढ़ाई में काफी होशियार थी। इसके साथ ही वह साइंस टेक्नोलॉजी जैसे विषयों में उन्हें काफी ज्यादा रुचि थी। ललिता के पिता इलेक्ट्रिक इंजीनियरिंग के जाने-माने प्रोफेसर थे। इस कारण से ललिता को इन विषयों के बारे में जानने और पढ़ने में और भी ज्यादा रूचि बढ़ी। उनके सभी भाई-बहन इसी फील्ड में थे।

20 वीं सदी में बाल विवाह होना काफी आम बात थी। ए ललिता का विवाह बचपन में ही कर दिया गया था।  पति के मौत के बाद ललिता ने खुद के जीवन एक नई दिशा की ओर मोड़ दिया। उन्होंने तय किया कि उन्हें आगे की पढ़ाई फिर से शुरू करनी है। उस जमाने में इंजीनियरिंग को सिर्फ पुरूषों के लिया माना जाता है लेकिन इस बात से ललिता को कोई फर्क नहीं पड़ा। वह इंजीनियरिंग कोर्स करने वाली पहली महिला बन गई। कॉलेज प्रशासन को HE की जगह SHE लिखने के लिए झुकना पड़ा। सारी बाधाओं को तोड़ते हुए अय्यासोमायाजुला ललिता देश की पहली महिला इंजीनियर के रूप में सामने आई।

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1937 में हुई पति की मौत

a. lalita struggel story

1934 में जब ललिता की शादी हुई उस वक्त उनकी उम्र महज 15 साल थी। शादी के बाद उन्होंने 10वीं कक्षा की पढ़ाई शुरू की। लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था।  शादी के 3 साल यानी 1937 में बाद ही ललिता के पति का देहावसान हो गया। पति के निधन के बाद ललिता के पास उनकी 4 महीने की बच्ची श्यामला थी। उस समय विधवा महिला को लेकर समाज में कई चुनौतियां थी। इसके बावजूद ललिता ने सभी बाधाओं को तोड़कर स्वतंत्र और आत्मनिर्भर बनने के लिए पढ़ाई का रास्ता चुना। (48 घंटे में हुआ दो बार ट्रांसफर)

भाखड़ा नांगल बांध परियोजना के लिए किया काम

सीईओ से ग्रेजुएशन करने वाली ललिता एकमात्र वुमेन स्टूडेंट थी। 1944, में ग्रेजुएट होने के बाद ललिता इंजीनियरिंग असिस्टेंट के रूप में भारतीय केंद्रीय मानक संगठन, शिमला में शामिल हुई। ललिता अपनी बेटी की पालन-पोषण के लिए अपने भाई के साथ रहती थी।  इस बीच, उन्होंने इंस्टीट्यूशन ऑफ इलेक्ट्रिकल इंजीनियर्स, लंदन, यूके की ग्रेजुएटशिप (सी वनमती) का एग्जाम दिया। अपने कार्यकाल के दौरान ललिता ने भाखड़ा नांगल बांध परियोजना पर भी काम किया। ललिता ने अपनी बेटी को विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित में पढ़ाई करने के लिए प्रोत्साहित किया। ललिता की बेटी श्यामला अमेरिका के एक स्कूल में पढ़ाती हैं।

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Image Credit- Wikipedia

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