भारतीय समाज में महिलाओं को हमेशा से कमजोर कड़ी समझा जाता रहा है लेकिन समय-समय पर कुछ महिलाओ ने कुछ ऐसा कम किया जो हमेशा से देश के महिलाओं के लिए रोल मॉडल रही है। खेल के फील्ड में हो, सेना के फिल्ड में हो, राजनीती में हो या फिर किसी प्रशासनिक सेवा की फिल्ड हो, महिलाओं ने हमेशा से अपना परचम लहराया है। 1986 भारतीय सिविल लेखा सेवा बैच की सोमा रॉय बर्मन एक ऐसी महिला है जिन्होंने अपने कड़ी मेहनत से भरतीय सिविल लेखा सेवा में चुनीं गई और आज केंद्र सरकार ने उन्हें देश का नया महालेखा नियंत्रण (Comptroller and Auditor General of India) नियुक्त किया है। तो चलिए सोमा रॉय बर्मन के जिंदगी को और करीब से जानते हैं-
सोमा रॉय बर्मन-
Ministry of Finance: Soma Roy Burman, a 1986-batch Indian Civil Accounts Service (ICAS) officer, took charge as the new Controller General of Accounts, today. She is the 24th Controller General of Accounts & the seventh woman to hold this position. #Delhi pic.twitter.com/XgLW8YqUFU
— ANI (@ANI) December 1, 2019
सोमा रॉय बर्मन की नियुक्ति 1 दिसम्बर से कर दिया गया है। इससे पहले सोमा रॉय बर्मन ने अपने अधिकारिक करियर में Home Ministery, सुचना और प्रसारण मंत्रालय, उधोग मंत्रालय, Ministery of Finance, HRD Ministery जैस अनेक केंद्रीय और राज्य मंत्रालय के विभिन्न पदों पर कार्यरत रही है। साल 1986 सिविल लेखा सेवा चने जाने बाद से ही वो अपने कार्य को लेकर सजग रही और हमेशा से अपने कामों के लिए जानी जाती रही है। एक साधारण लड़की कैसे सिविल सेवा लेखा परीक्षा पास करती है और वहां से महालेखा नियंत्रण पद तक पहुचती है इसका मिसाल सोमा रॉय बर्मन है जिसे आज महिलाएं प्रेरणा ले सकती है।
महालेखा नियंत्रण (Comptroller and Auditor General of India)-
रविवार को केंद्रीय वित्त मंत्रालय (Ministry of Finance) ने एक जानकारी शेयर करते हुए कहां कि सोमा रॉय बर्मन देश की अगली महालेखा नियंत्रण होंगी। इससे पहले सोमा रॉय 1986 बैच की भारतीय सिविल लेखा सेवा अधिकारी भी रही है। बर्मन भारत की 24वीं महालेखा नियंत्रण है और इस पड़ पर पहुचने वाली 7वीं महिला है। भारतीय प्रशासनिक सेवा भारतीय महिलओं के लिए एक प्रेरणा दायक मार्ग रहा है जो समय-समय पर देश को एक से एक बेहतर महिला अधिकारिओं को दिया है।
क्या काम है महालेखा नियंत्रण-
भारत के नियंत्रण महालेखा को 'कंट्रोलर एण्ड ऑडिटर जनरल' और 'कैग' के नाम से भी जाना जाता है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 148 में 'कैग' का प्रावधान है, जो केंद्र व राज्य सरकारों के द्वारा नियंत्रित संस्थानों के आय-व्यय की जांच करता है। नियंत्रण महालेखा संस्था सार्वजनिक धन की बर्बादी के मामलों को समय-समय पर प्रकाश में लाती है। राज्य और सरकार ने कितना सरकारी खर्च किया उसका ब्यौरा देना होता है।
पहली भारतीय महिला महालेखा नियंत्रण-
इस सूची में अभी तक 24 नाम जूस चुके हैं लेकिन पहली नियंत्रण महालेखा महिला के तौर पर 1975 बैच की प्रशासनिक अधिकारी सिंधुश्री खुल्लर थी जिसके बाद महालेखा नियंत्रण में महिलाओं का आगमन स्टार्ट हो गया। भारत के विभिन्न प्रशासनिक सेवा ने भारत को ऐसे अनेक महिला अधिकारी दिया जिसे आज भारत की हर महिला अपना गुरु समझती है। सेना में, मेडिकल में या सिविल सेवा में जिस तेजी के साथ महिलाओं ने अपने करियर का रुख किया तब से हजारों, करोड़ों महिलाओं के लिए प्रेरणा का श्रोत है। जिस तरह सोमा रॉय बर्मन Comptroller and Auditor General of India के पद के लिए चुनी गई है आने वाले समय में सभी महिलाओं के लिए जरूर प्ररणादायक होंगी।
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