India-Pakistan War Conflict: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया और सफलता भी हासिल की। ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान ने क्या किया और भारत ने उसका कैसे जवाब दिया, यह सब आप 7-9 दिनों में कई बार पढ़, देख और सुन चुकी होंगी। लेकिन, इन सब के बीच एक बात सबसे जरूरी है और वह है कि भारत-पाकिस्तान के बीच जब-जब तनाव की स्थिति पैदा होती है तब सीमा पर सैनिक सिर्फ लड़ाई नहीं लड़ते हैं, बल्कि हमारे सम्मान की रक्षा भी करते हैं। हम चैन से अपने परिवार के साथ समय इसलिए बिता पाते हैं, क्योंकि जवान अपने परिवारों से दूर बॉर्डर पर खड़े होते हैं।
आज हम एक ऐसी ही महिला फौजी की बात करने जा रहे हैं, जिन्होंने 5 महीने प्रेग्नेंट होने के बावजूद देश की सेवा की थी। जी हां, साल 1999 में जब भारत और पाकिस्तान के बीच कारगिल का युद्ध हुआ था, तब एक महिला फौजी ने पहाड़ों और मुश्किल हालातों में डटकर काम किया था। यह महिला फौजी हैं कैप्टन यशिका हटवाल।
कैप्टन यशिका हटवाल ने प्रेग्नेंसी में भी देश की सेवा नहीं छोड़ी
कारगिल युद्ध के समय देश की सेवा करने वाले अधिकारियों में यशिका हटवाल त्यागी का नाम भी शामिल है। कैप्टन यशिका ने कारगिल युद्ध के समय प्रेग्नेंसी में इंडियन आर्मी का लॉजिस्टिक डिपार्टमेंट संभाला था और वह ऐसा करने वालीं पहली महिला ऑफिसर थीं। आइए, यहां जानते हैं कैप्टन यशिका हटवाल के बारे में...
7 साल की उम्र में ऑर्मी ऑफिसर पिता को खोया
कैप्टन यशिका हटवाल की कहानी सिर्फ प्रेरणा नहीं देती, बल्कि देश की सेवा में जुटने की हिम्मत भी देती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यशिका हटवाल के पिता भी ऑर्मी ऑफिसर थे और उन्होंने 1962, 65 और 71 की जंग में देश की सेवा की थी। लेकिन, 1979 में कर्नल के पद पर रहते हुए उनकी मृत्यु हो गई। यशिका महज सात साल की थीं, जब उनके पिता की बॉडी सेना के ट्रक में लाई गई थी। उस दिन ही यशिका ने वर्दी पहनने का फैसला कर लिया था।
हाई एल्टीट्यूट में पोस्टेड होने वालीं पहली महिला आर्मी ऑफिसर
यशिका ने बहुत कम उम्र में ही वर्दी पहनने का फैसला कर लिया था, लेकिन उस समय महिलाएं आर्मी का हिस्सा नहीं बन सकती थीं। तब यशिका ने ग्रेजुएशन के बाद सिविल सर्विस ज्वाइन करने का फैसला किया। लेकिन, फिर 1993 में आर्मी ने अनाउंस किया कि अब महिलाएं भी सेना में शामिल हो सकती हैं। बस क्या था यशिका ने भारतीय सेना में शामिल होने के लिए आवेदन कर दिया।
एग्जाम क्लियर करने के बाद यशिका ने 1994 में ट्रेनिंग शुरू कर दी थी। ट्रेनिंग के बाद यशिका की पहली पोस्टिंग नॉर्थ ईस्ट में लॉजिस्टिक विंग में हुई। इसके बाद यशिका हटवाल ने शादी कर ली और 1996 में पहली बार मां बनीं। यशिका ने दूसरी पोस्टिंग लेह की चुनीं और हाई-एल्टीट्यूड में पोस्टिंग लेने वालीं पहली महिला ऑफिसर बनीं। लेकिन, 1999 में जब उनकी पोस्टिंग खत्म होने वाली थी तब कारगिल का युद्ध छिड़ गया।
प्रेग्नेंसी में भी देश की सेवा नहीं छोड़ी
कारगिल युद्ध के समय यशिका हटवाल दूसरी बार प्रेग्नेंट थीं और प्रेग्नेंसी के दूसरे ट्राईमेस्टर में थीं। यशिका हटवाल ने एक पुराने इंटरव्यू में बताया था कि जब 1999 में युद्ध छिड़ा तो इमरजेंसी सिचुएशन की वजह से उन्हें बड़े बेटे को पास रखना पड़ा था। लेकिन, उसकी मौजूदगी ने उन्हें हिम्मत दी थी।
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Image Credit: Social Media, Instagram
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