जब भी पढ़ाई की बात आती है तो घर वाले काफी सतर्क हो जाते हैं। भारत में पढ़ाई को लेकर बच्चों पर कई तरह का प्रेशर भी होता है और जब भी परीक्षा नजदीक हो तब तो लोग और भी ज्यादा ध्यान देते हैं। ये तो सिर्फ स्कूल की बात है, अगर कोई कॉम्पिटिटिव परीक्षा की तैयारी कर रहा हो तब तो पूरा मोहल्ला जैसे उस परीक्षा का भागीदार बन जाता है। यकीनन भारत में होने वाली सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है CA फाइनल।
वैसे तो CA का एग्जाम निकालने में लोगों को सालों लग जाते हैं और कई बार तो ये इतना कठिन हो जाता है कि लोग फाइनल निकाल ही नहीं पाते हैं। पर क्या आपको ये पता है कि मुरैना के एक परिवार के दो बच्चों ने टॉप 20 में अपनी जगह बना ली है। जी हां, मुरैना में अग्रवाल परिवार के दो बच्चे सीए फाइनल की परीक्षा के टॉपर निकले हैं।
नंदिनी अग्रवाल ने हासिल की पहली रैंक-
मध्यप्रदेश के मुरैना जिले की नंदिनी अग्रवाल ने सीए फाइनल की परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक 1 हासिल की है। इस परीक्षा में 83,606 कैंडिडेट्स ने हिस्सा लिया था और जुलाई 2021 में ये परीक्षा हुई थी। हाल ही में इसका रिजल्ट आया है। नंदनी सिर्फ 19 साल की हैं और उन्होंने 800 में से 614 नंबर लाकर ऑल इंडिया नंबर 1 रैंक हासिल की है।
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सचिन अग्रवाल की है 18वीं रैंक-
नंदिनी के बड़े भाई सचिन की रैंक 18वीं है। सचिन 21 साल के हैं और क्योंकि नंदिनी ने बचपन में दो क्लास स्किप की थी इसलिए वो अपने बड़े भाई के साथ उनकी ही क्लास में पढ़ती थीं।
नंदिनी और सचिन दोनों ही मध्यप्रदेश के विक्टर कॉन्वेंट स्कूल से पढ़े हुए हैं और दोनों ने ही 2017 में 12वीं की परीक्षा पास की है।(परीक्षा से पहले ऐसे करें बच्चे का तनाव दूर)
घर से ही मिली सीए करने की प्रेरणा-
नंदिनी और सचिन के पिता नरेश चंद्र खुद एक टैक्स प्रैक्टिशनर हैं और इसी फील्ड में काम करते हैं। उनकी मां डिंपल एक हाउसवाइफ हैं और वो बच्चों को पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करती थीं। नरेश चंद्र के खुद टैक्स फील्ड से जुड़े होने के कारण बच्चों को घर से ही इसकी प्रेरणा मिली थी।
पैंडेमिक का भी मिला साथ-
वैसे तो कोरोना वायरस पैंडेमिक ने कई बच्चों की पढ़ाई में परेशानी पैदा की है, लेकिन नंदिनी और सचिन के साथ ऐसा नहीं था। एक इंटरनेट पोर्टल को दिए इंटरव्यू के मुताबिक नंदिनी और सचिन को इस दौरान पढ़ाई करने का ज्यादा समय मिल गया और वो अपने टॉपिक्स बहुत अच्छी तरह से रिवाइज कर पाए। एक इंटरव्यू में नंदिनी ने कहा, 'मैं और मेरा भाई स्कूल के समय से साथ पढ़ रहे हैं और हमने IPCC और CA फाइनल की तैयारी साथ ही की है। हमारी स्ट्रैटजी आसान थी कि हम एक दूसरे का साथ देंगे। हम एक दूसरे के साथ हैं, लेकिन हम एक दूसरे के क्रिटिक बनकर और ज्यादा रहते हैं। जब भी हम क्वेश्चन पेपर लिखते हैं तो मेरा भाई मेरे जवाब चेक करता है और मैं उसके।'
नंदिनी फिलहाल PwC से आर्टिकलशिप कर रही है। नंदिनी ने IPCC परीक्षा में ऑल इंडिया 31 रैंक हासिल की थी।
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सचिन फिलहाल गुरुग्राम की एक फर्म से आर्टिकलशिप कर रहे हैं और उनका मानना है कि नंदिनी ब्रिलियंट हैं और वो सारी सक्सेस डिजर्व करती हैं।
नंदिनी और सचिन दोनों ने ही 2018 में सीए कोर्स लिया था। जब उन्होंने ये कोर्स चुना था तब पहले से ही पुराना कोर्स खत्म हो चुका था और नए कोर्स को चुनना ही उनका एकलौता विकल्प था। नंदिनी और सचिन वाकई बहुत ही मेहनती हैं और उन दोनों को ही सफलता की बहुत-बहुत बधाई।
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