हाल में शुरू हुई सेमी-हाई स्पीड वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को ऑपरेट करने वाली पहली महिला लोको पायलट सुरेखा यादव ने देश में अपनी खास पहचान बना ली है। एशिया की पहली महिला लोको पायलट सुरेखा यादव की उपलब्धियों में एक यह नया अध्याय जुड़ चुका है। साल 2011 में उन्हें एक्सप्रेस मेल की कमान सौंपी गयी और साथ ही उन्हें एशिया की पहली महिला लोको पायलट के टाइटल से सम्मानित किया गया था। आज हम आपको उनकी इंस्पिरेशनल जर्नी के बारे में बताने जा रहे हैं।
कैसे बनी सुरेखा यादव एशिया की पहली महिला लोको पायलट?
वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को ऑपरेट करने वाली सुरेखा यादव पश्चिमी महाराष्ट्र क्षेत्र के सतारा जिले की रहने वाली है। वह राष्ट्रीय स्तर और राज्य स्तर पर कई अवार्ड जीत चुकी हैं और काफी चर्चित नाम बनकर सामने आई हैं। उन्होंने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा पूरा किया है और इसके अलावा वोकेशनल ट्रेनिंग कोर्स भी किया है।
सुरेखा यादव ने साल 1986 में असिस्टेंट लोको पायलट का फॉर्म भरा था और फिर एग्जाम भी दिया था। इसके बाद उन्हें कल्याण ट्रेनिंग स्कूल में असिस्टेंट लोको पायलट के तौर पर नियुक्त मिल गई थी।(मिलिए हिमाचल रोडवेज की पहली महिला बस ड्राइवर सीमा ठाकुर से) जब उनकी यह ट्रेनिंग पूरी हो गई तो वह साल 1988 में भारत की पहली महिला लोको पायलट बनी थी। सुरेखा को साल 1989 में असिस्टेंट लोको पायलट के पद पर प्रमोट किया गया था।
आपको बात दें कि सुरेखा को साल 2011 में उन्हें एक्सप्रेस मेल की कमान सौंपी गयी और साथ ही उन्हें एशिया की पहली महिला लोको पायलट के टाइटल से सम्मानित किया गया। इसके अलावा सुरेखा ने सबसे पहले मालगाड़ी के संचालन के साथ अपना करियर शुरू किया था और साल 2000 में वह मोटर महिला के पद पर प्रमोट भी की गई थी। सुरेखा यादव की ये सभी उपलब्धियां पूरे समाज की नारी शक्ति को प्रेरित करती है।
इसे भी पढ़ेंः जानिए कौन हैं Purnima Devi Barman जिन्हें मिला संयुक्त राष्ट्र का सर्वोच्च पर्यावरण पुरस्कार
वंदे भारत एक्सप्रेस को कर रही हैं ऑपरेट
आपको बता दें कि सेंट्रल रेलवे ने सीएसएमटी-सोलापुर और सीएसएमटी-साईनगर शिरडी रूट पर दो वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों का संचालन शुरू किया है। सुरेखा ने निर्धारित समय पर सोलापुर स्टेशन से वंदे भारत एक्सप्रेस का संचालन शुरू किया और ट्रेन को निर्धारित समय से पांच मिनट पहले छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस स्टेशन पर पहुंचा दिया।
उन्होंने 450 किलोमीटर की दूरी तय की। सुरेखा की इस उपलब्धि के लिए उन्हें मध्य रेलवे ने सम्मानित किया है। (ई-रिक्शा चालक पिंकी ऐसे बनी महिलाओं के लिए मिसाल)आपको बता दें कि रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी अपने एक ट्वीट में लिखा, 'वंदे भारत' नारी शक्ति द्वारा संचालित की गई। पहली महिला लोको पायलट श्रीमती सुरेखा यादव ने 'वंदे भारत एक्सप्रेस' का संचालन किया।' यह हमारे देश के लिए गर्व की बात है कि एशिया की पहली महिला लोको पायलट सुरेखा यादव वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की पहली महिला लोको पायलट भी बन गयी है।
इसे भी पढ़ेंः मिलिए मलीशा खारवा से जिन्हें कहा जाता है स्लम प्रिंसेस ऑफ इंडिया
आपको सुरेखा यादव के बारे में जानकर कैसा लगा हमें जरूर कमेंट करके बताएं। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व कमेंट करके अपनी राय बताएं। इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।
image credit- twitter
HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों