मिलिए निर्भया को इंसाफ दिलाने वाली वकील सीमा कुशवाहा से

आज इस लेख में हम उस महिला के बारे में बात करने जा रहे हैं जिन्होंने निर्भया को इंसाफ दिलाने के लिए दिन-रात एक कर दी थी।

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शायद आप भी नहीं भूले होंगे 16 दिसंबर 2012 की वो रात जिस दिन निर्भया के साथ हुई बर्बता ने पुरे देश का दिल दहला दिया था। उसके अगले दिन से ही पुरे देशभर में निर्भया के इंसाफ के लिए खूब आंदोलन किए गए और एक लंबी क़ानूनी लड़ाई के बाद निर्भया के दोषियों को आख़िरकार 20 मार्च 2020 को सजा दें दी गई। निर्भया के चारों दोषियों को तिहाड़ जेल से फांसी की सजा तक पहुंचाने में अगर सबसे अधिक किसी ने दिन-रात एक की थी, तो उसका नाम है 'सीमा समृधि कुशवाहा'। निर्भया केस की वकील सीमा ने इंसाफ दिलाने के लिए लगातार सात साल तक केस लड़ती रही। आज इस लेख में हम आपको निर्भया केस की वकील सीमा समृधि कुशवाहा के बारे में बताने जा रहे हैं। आइए जानते हैं-

सीमा कुशवाहा

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सीमा समृधि उत्तर प्रदेश के छोटे से गांव की रहने वाली हैं। कहा जाता है कि उनके पिता एक किसान थे। सीमा बचपन से ही पढ़ाई में काफी तेज थी। सीमा ने प्रारंभिक पढ़ाई गांव के स्कूल से ही की है। गांव से प्रारंभिक शिक्षा लेने के बाद उच्च शिक्षा और वकालत की पढ़ाइ के लिए वो कानपुर चली गई, जहां से उन्होंने वकालत की पढ़ाई पूरी की।

बनना चाहती थीं IAS

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सीमा वकालत की पढ़ाई करने के बाद दिल्ली आई थीं IAS की तयारी करने के लिए। IAS तैयारी करने के साथ-साथ वो वकालत की ट्रेनिंग भी कर रहीं थी। कहा जाता है कि जिस वक्त निर्भया के साथ दर्दनाक घटना हुई थी, उस वक्त सीमा कुशवाहा सुप्रीम कोर्ट में वकालत में ट्रेनिंग कर रही थी। जैसे ही उनको इस घटना के बारे में जानकारी मिली उन्होंने बिना पैसे के इस केस को लड़ने का फैसल किया।

पहला केस था यह

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कहा जाता है निर्भया का केस सीमा के वकालत करियर का पहला केस था। सीमा का हौसला और जज्बा ही था कि आज दोषियों को सजा मिल चुकी है। सीमा कोर्ट के अंदर और बाहर दोनों जगह निर्भया के माता-पिता के साथ हमेशा खड़ा रहती थी।

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जब बेचनी पड़ी थी पायल

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कहा जाता है कि एक समय ऐसा भी था जब सीमा के पास कॉलेज की फीस भरने के लिए पैसे नहीं थे। तब सीमा की बुआ ने पायल दी थी, जिसे बेच कर सीमा ने कॉलेज की फीस भरी थी। उन्होंने पैसों के लिए कई बच्चों को ट्यूशन भी पढ़ाया है।

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Image Credit:(@upload.wikimedia.org,www.india.com,images.herzindagi.info)

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