आप 16 साल की उम्र में क्या कर रही थीं?
पढ़ाई।
मैं भी पढ़ाई ही कर रही थी। अधिकतर लोग भी पढ़ाई ही कर रही होंगीं। इसमें कोई बुराई भी नहीं है। क्योंकि हर कोई इस उम्र में यही करता है। वे लोग तो अलग ही होते हैं जो इस उम्र में बुलंदियों को छूते हैं। जैसे की - मनु भाकर।
मनु भाकर, इस नाम को आपने पिछले दो दिनों में एक बार ना एक बार तो जरूर ही सुना होगा। ये हरियाणा की हैं। जहां पिछले महीने में एक के बाद एक कई सारे रेप की घटनायें सुनने को मिली थीं। जिसके कारण हरियाणा को रेप की राजधानी भी कहा जाने लगा था। उसी राज्य से निकलकर मनु भाकर ने इतनी कम उम्र में वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता है।
इतनी कम उम्र में गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली महिला
मनु भाकर इतनी कम उम्र में वर्ल्ड चैंपियन में गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली महिला बनी हैं। इंटरनेशनल शूटिंग स्पॉर्ट्स फेडरेशन विश्वकप, निशानेबाजी (ISSF) मेक्सिको में हो रहा है जिसमें मनु भाकर ने एक नहीं बल्कि दो गोल्ड मेडल जीता है।
मेक्सिको में इंटरनेशनल शूटिंग स्पॉर्ट्स फेडरेशन की तरफ से हुए वर्ल्ड कप में हरियाणा की मनु भाकर ने सबसे पहले 10 मीटर एयर पिस्टल सिंगल चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता।। फिर उसी दिन मनु ने मिक्स्ड इवेंट में दूसरा गोल्ड अपने नाम किया।
दो बार की वर्ल्ड चैंपियन को हराया
मनु भाकर ने सिंगल्स मुकाबले में दो बार की वर्ल्ड कप विनर रही अलेजांद्रा जावाला को हराकर ये गोल्ड मेडल अपने नाम किया था। अलेजांद्रा जावाला मेक्सिको की हैं और उन्हें हराना शुरू में काफी मुश्किल माना जा रहा था। लेकिन मनु ने 24 शॉट्स के फाइनल के अंतिम शाट में 10.8 अंक का स्कोर बनाया जिससे उनका कुल स्कोर 237.5 हो गया। वहीं जावाला का स्कोर 237.1 अंक था जिसके कारण उन्हें सिल्वर से संतोष करना पड़ा।
फिर मिक्स्ड इवेंट में जीता गोल्ड
लेकिन मनु सिंगल में ही गोल्ड जीतकर नहीं रुकीं। उन्होंने सोमवार रात हुए मिक्सड इवेंट्स में भारत के नाम और एक गोल्ड मेडल जीता। भारत के लिए मिक्सड इवेंट का गोल्ड मेडल मनु भाकर और ओम प्रकाश मिथरवाल की टीम ने जीता। यह गोल्ड 10 मीटर एयर पिस्टल (मिक्स इवेंट) में आया।
एक दिन में दो गोल्ड मेडल जीतने का रिकॉर्ड
वह इतने कम उम्र में एक ही दिन में विश्व कप में दो गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली इंडियन महिला खिलाड़ी हैं। पहला गोल्ड मनु ने 10 मीटर एयर पिस्टल (महिला) कैटेगरी में जीता है और दूसरा गोल्ड 10 मीटर एयर पिस्टल (मिक्स इवेंट) में हासिल किया है।
मुन ने कई सारे खेलों में हाथ आज़माए थे लेकिन 2016 में उन्होंने फाइनली शूटिंग यानी निशानेबाज़ी करने का फ़ैसला किया। बहुत सारे खेलों में हाथ आजमाने के कारण मनु के दोस्त उसे स्कूल में 'ऑलराउंडर' कहकर पुकारते हैं। वह अभी ग्याहरवीं कक्षा में पढ़ती है और उन्होंने बॉक्सिंग, एथलेटिक्स, स्केटिंग, जूडो कराटे सभी खेलों में हाथ आज़माया है।
दो साल भी नहीं हुए हैं निशानेबाजी को
सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि, मनु को अभी निशानेबाजी करते हुए दो साल भी नहीं हुए हैं। जब 2016 में मनु ने निशानेबाजी शुरू करने के बाद अपने पिताजी से पिस्टल खरीदने की ज़िद की थी तो उसके पिता ने मनु से सवाल किया था की, "कम से कम दो साल तो ये खेल खेलोगी न?"
खैर, मनु के पिताजी ने उसे पिस्टल खरीद कर दे दी थी। मनु की निशानेबाजी को दो साल 24 अप्रैल को होंगे और उसने दो साल पूरे होने से पहले ही निशानेबाजी में इतना नाम कमा लिया। ऐसी आलराउंडर पर तो पूरे देश को गर्व है।
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