शादी के बाद अक्सर महिलाएं अपनी जिंदगी को एक ढर्रे पर ही समेट लेती हैं। उन्हें लगता है कि जिंदगी बहुत सीमित हो गई है। पर ऐसा नहीं है। शादी के बाद भी महिलाओं के लिए अपने सपने पूरे करने और अपने पैशन को पूरा करने की गुंजाइश रहती है। पर कई महिलाएं ये सोचकर ही रुक जाती हैं कि अगर ऐसा किया तो शायद परिवार पर पूरा ध्यान नहीं दे पाएंगे।
जिंदगी में कई ख्वाहिशें ऐसी होती हैं जिन्हें महिलाएं पति और बच्चों के लिए मार देती हैं। या शायद वो हिम्मत ही नहीं कर पातीं आगे बढ़ने की। ऐसे समय में महिलाओं के लिए क्या खास होता है? उनकी उम्मीद। ऐसी ही एक महिला ने अपनी उम्मीद को खत्म होने नहीं दिया और शादी के बाद बच्चे के साथ भी अपना शौख पूरा करती रही। मुंबई की इस महिला की कहानी शेयर हुई थी Humans of bombay के फेसबुक पेज पर।
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इस महिला को घूमने का बहुत शौख था। कभी भी प्लान बनाकर ट्रेकिंग पर निकल जाती थीं। वो अपनी ट्रैवलिंग के लिए हमेशा तत्पर रहती थीं, लेकिन शादी के बाद ये सब बदल गया। इसके बाद मां बनीं और जिंदगी में ठहराव आ गया।
उन्हें अपने बच्चे को बड़ा करने और उसकी हर जरूरत को पूरा करने से समय नहीं मिलता था। वो मातृत्व की भूमिका में इतना रम गई थीं कि अपनी खासियत भूलती जा रही थीं। कई मौकों पर उन्हें लगा भी कि पहाड़ उन्हें बुला रहे हैं, लेकिन वो अपनी जिम्मेदारियों के तले दबी रहीं। कहीं अंदर वो अपना जज्बा भूल चुकी थीं।
जब उनका बेटा 4 साल का हुआ और उन्हें लगा कि अब वो इतना समझदार हो चुका है कि ट्रिप पर जा सके तब उसे ट्रैवल के बारे में बताया गया। दरअसल, उनके कुछ जानने वाले धर्मशाला ट्रिप पर जा रहे थे। उन्हें भी जाना था। वो अपने बच्चे को जबरन साथ नहीं ले गईं बल्कि उससे पूछा कि क्या वो उनके साथ चलेगा। बच्चे को तस्वीरें दिखाईं उसके अंदर उत्सुक्ता जगाई कि धर्मशाला में जाकर वो बहुत खुश होगा।
उनका बच्चा देव भी उनके इस प्लान का हिस्सा बन गया। ये मां-बेटे की पहली ट्रिप थी। जहां एक ओर धर्मशाला ट्रेक पूरा करने में उन्हें परेशानी हो रही थी वहीं उनका बेटा ये ट्रेक आसानी से पूरा कर गया। उनका बेटा गाइड के साथ ट्रेकिंग के मज़े ले रहा था।
उनका पहला ट्रिप काफी रोचक रहा और ये अद्भुत ट्रैवल एक्सपीरियंस था।
अब देव थोड़ा और बड़ा हो गया है और ये मां-बेटे की जोड़ी ट्रैवलिंग में रच-बस गए हैं। वो अंडमान में स्नॉर्कलिंग (वाटर स्पोर्ट्स) कर आए हैं तो नैनीताल की खूबसूरत वादियों में पैराग्लाइडिंग का आनंद भी उठा चुके हैं।
ये मां बहुत ही गर्व महसूस करती है इस बात के लिए कि उसका बेटा ट्रैवलिंग के चलते कई तरह के एक्सपीरियंस पूरे कर रहा है और हर ट्रिप के साथ कुछ नया सीखकर आता है।
ये मां अपने बच्चे के साथ एशिया और यूरोप के कई देशों की सैर करना चाहती है। उनका मानना है कि अगर माता-पिता अपने बच्चों को कई तरह के बंधनों में न बांधें तो बच्चे काफी कुछ सीख भी सकते हैं और माता-पिता के साथी भी बन सकते हैं।
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हां, इस कहानी में इस महिला का नाम सामने नहीं आया। पर बिना नाम के भी ये महिला गुमनाम नहीं रही है और कई लोगों को अपने ख्यालों से प्रेरणा दे सकती हैं।
इनकी तरह आप भी अपनी जिंदगी में कुछ नया कर सकती हैं और अपने बच्चों को भी अपने पैशन का हिस्सा बना सकती हैं। बच्चों के साथ अगर बात की जाए तो ये बहुत अच्छा तरीका हो सकता है उनके दिल का हाल जानने का और उन्हें अपना दोस्त बनाने का।
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