Hz Exclusive: आर्ट प्रेन्योर चारुवी अग्रवाल ने हर मुश्किल का किया ऐसे सामना, आप भी लीजिए इंस्पिरेशन

एक समय था जब सिर्फ साइंस और मैथ्स को ही सबसे जरूरी माना जाता था लेकिन आर्ट प्रेन्योर चारुवी अग्रवाल ने हर मुश्किल का सामना करके आर्ट्स से जुड़कर कैसे सफलता हासिल की इसके बारे में हम आपको बताएंगे। 

 
success story artpreneur charuvi agrawal in hindi

महिलाएं हर क्षेत्र में अपनी पहचान बना रही हैं। टेक से लेकर आर्ट्स तक हर जगह महिलाओं ने सफलता हासिल की है। चारुवी ने अपने करियर की कैसे शुरुआत की और उसमें वह कैसे आगे बढ़ती गई, इन सभी सवालों के जवाब जानने के लिए हरजिंदगी हिंदी ने आर्ट प्रेन्योर चारुवी अग्रवाल से बात की। बचपन से ही चारुवी को आर्ट्स से लगाव था और इस इंटरेस्ट ने ही उन्हें आगे बढ़ने में मदद की जिससे वह एक सफल आर्ट प्रेन्योर बन पाई।

1)आर्ट प्रेन्योर बनने की जर्नी कैसे शुरू हुई?

hz exclusive inspirational story artpreneur charuvi agrawal

मेरा इंटरेस्ट बचपन से ही आर्ट में रहा था और मेरे माता-पिता ने हमेशा मुझे मेरी रुचि के अनुसार पढ़ाई करने का अवसर दिया। मैंने धीरे-धीरे चीजों को सीखा और आगे बढ़ती गई। मैंने अपने कौशल को बढ़ाने के लिए स्कूल के समय ही कला प्रदर्शनी में भाग लिया। इसके बाद मैंने कनाडा के शेरिडन कॉलेज से एनीमेशन में ग्रेजुएशन किया। फिर मैंने अपना खुद का फर्म खोलने का निर्णय लिया और अपने सपने को पूरा करने का प्रयास शुरू किया।

मेरे आर्ट प्रोजेक्ट्स पर मैं हर रोज काम करती थी और फिर नियमित रूप से उसमें सुधार भी करती थी। इन सब चीजों से मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला।

2)ताइवान अंतर्राष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल में जज के रूप में आपका अनुभव कैसा रहा?

ताइवान का एनिमेशन सिनेमा स्पेस बहुत डायनेमिक है। मेरे लिए यह बहुत खास और इंटरेस्टिंग रहा। इसमें कई सारे चैलेंज भी मुझे देखने को मिले क्योंकि इसमें कई स्टैंडआउट भी थे जो काफी अलग थे। (HZ Exclusive: देश में स्वच्छ पेयजल प्रदान करने के लिए डॉ. विभा त्रिपाठी ने ऐसे की बून की शुरुआत)जूरी मेंबर्स में एक भारतीय को शामिल करने के उनके फैसले की मुझे बहुत खुशी हुई। इस फिल्म फेस्टिवल में फिल्म निर्माता काफी असाधारण थे और उन्होंने ताइवानी एनीमेशन सिनेमा के उज्ज्वल भविष्य की एक झलक दी।

3)आपको अपने ड्रीम प्रोजेक्ट श्री हनुमान चालीसा पर काम करते समय आपको किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा?

hz exclusive story of  artpreneur charuvi agrawal

मेरे सामने इस प्रोजेक्ट को करते समय कई सारी चुनौतियां थी। सबसे पहली चुनौती थी स्क्रिप्ट की। स्क्रिप्ट में कई सारे ट्विस्ट जैसे कि कई सारी फिल्म मेकिंग में होते हैं और कहानी में रोमांचक और रचनात्मक कलाकारों को ढूंढना भी बहुत बड़ा चैलेंज था। सबसे बड़ी बात यह थी कि प्रोड्यूसर बीच में ही पीछे हट गया और हमें पूरी तरह से मझधार में छोड़ गया।(Hz Exclusive: सभी चुनौतियों को पार कर इस तरह बनाई गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में प्रीति मस्के ने अपनी जगह) हमें काम पूरा करने के लिए अन्य फाइनेंसर्स और निवेशकों को ढूंढना पड़ा। इस बीच मुझे अपनी सेविंग्स को भी यूज करना पड़ा और सिर्फ यही नहीं मुझे मेरे माता-पिता से भी कुछ पैसे लेने पड़े ताकि मैं इस प्रोजेक्ट को पूरा कर सकूं। कई दिनों तक मैंने 12 से 14 घंटे काम किया और उस समय मेरी मां तीन टाइम का भोजन पैक करती थी। मेरे पिता ने भी हर प्रयास करके मुझे पूरा सपोर्ट करने किया। मेरे लिए यह पल बिल्कुल वैसा था जब कोई व्यक्ति कठिन चढ़ाई के बाद शिखर पर पहुंचता है और तब उसे जो संतुष्टि मिलती है वह शब्दों में बयां करना बहुत मुश्किल होता है।

इसे जरूर पढ़ें-HZ Exclusive: Shilpa Shetty ने कम समर्थन और ज्यादा जिम्मेदारियों को बताया महिलाओं के लिए बाधा

4) महिलाएं इस क्षेत्र में अपना करियर कैसे शुरू कर सकती हैं?

जितना हो सके पढ़ें, देखें और चीजों को समझने का पूरा प्रयास करें। सामान्य रूप से क्षेत्र के बारे में सीखना सबसे जरूरी होता है। साथ ही यह बात भी ध्यान रखनी चाहिए कि रचनात्मक सोच और कौशल को बढ़ाना भी बहुत जरूरी है। अगर आप अपने स्कूल के समय से ही इस क्षेत्र में आगे बढ़ने की कोशिश करेंगे तो आपको भविष्य में बहुत ऊंचाइयां मिल सकती हैं। इसके अलावा आपको यह भी याद रखना होगा कि सफलता पाने के लिए कठिनाइयों से घबराने की जरूरत नहीं होती है।

इसे जरूर पढ़ें-22 साल की उम्र में IAS बनने वाली Smita Sabharwal से आप भी ले सकती हैं इंस्पिरेशन

5)चारुवी डिजाइन लैब्स को शुरू करने में आपको परिवार वालों से कैसे सहयोग मिला?

मेरे परिवार वालों से मुझे बहुत अधिक सपोर्ट मिला। शुरुआती दिनों में मेरे माता-पिता ने मुझे नैतिक और आर्थिक रूप दोनों ही तरह से प्रोत्साहित किया और आगे बढ़ने में मदद की। सिर्फ यही नहीं निर्माता के पीछे हटने पर भी उन्होंने मुझे अधिक सपोर्ट किया और हमेशा मेरा साथ दिया।

6)आप हमारे रिडर्स को क्या मैसेज देना चाहेंगी?

आज भी कई सारे क्षेत्रों में महिलाओं का दबदबा बना हुआ है लेकिन यदि आप अच्छा काम करते हैं और कड़ी मेहनत करने को तैयार हैं तो आपको कोई नहीं हरा सकता है। आपको अपने सामने आने वाले अवसरों को देखना चाहिए और 'शोर' को अनदेखा कर देना चाहिए। हार न मानें और यह भी समझ लीजिए कि आप जितना सोचते हैं उससे कहीं अधिक कर सकते हैं। मुझे अपने जीवन में कुछ सुपर मजबूत महिलाओं को देखने का सौभाग्य मिला है, फिर चाहे वह मेरी मां हो, मेरी सास हो, मेरी दादी हो और अन्य रिश्तेदार और दोस्त हों। मैंने महिलाओं की ताकत, शक्ति और तप को देखा है। कभी भी बड़ा सपना देखना बंद न करें और आगे बढ़ते रहें।

चारुवी ने यह बात सिध्द करके दिखाई कि अगर आप किसी भी सपने को पूरा करना चाहती हैं तो उसके लिए आपको कठिनाइयों से घबराने की जरूरत नहीं होती है। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें व इसी तरह के अन्य लेख पढ़ने के लिए जुड़ी रहें आपकी अपनी वेबसाइट हरजिन्दगी के साथ।

HzLogo

HerZindagi ऐप के साथ पाएं हेल्थ, फिटनेस और ब्यूटी से जुड़ी हर जानकारी, सीधे आपके फोन पर! आज ही डाउनलोड करें और बनाएं अपनी जिंदगी को और बेहतर!

GET APP