एथलीट हरमिलन बैंस ने तोड़ा 19 साल पुराना रिकॉर्ड, बनीं 1500 मीटर में सबसे तेज दौड़ने वाली महिला

एथलीट हरमिलन बैंस ने 1500 मीटर में सबसे तेज दौड़ने वाली महिला बनकर सुनीता रानी एक 19 साल पुराने रिकॉर्ड को तोड़ दिया है। जानें पूरी खबर। 

 

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हमारे देश की महिलाएं हर एक क्षेत्र में आगे बढ़कर अलग मुकाम हासिल कर रही हैं। कुछ ऐसा ही नया मुकाम हासिल किया है पंजाब की हरमिलन कौर बैंस ने। उन्होंने वारंगल में 60वीं राष्ट्रीय ओपन एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 800 मीटर दौड़ में स्वर्ण पदक जीतकर महिलाओं की मध्य दूरी में दोहरा प्रदर्शन किया। इसके अलावा हरमिलन बैंस हाल ही में 4:05.39 सेकंड के रिकॉर्ड समय में 1,500 मीटर दौड़ने वाली सबसे तेज भारतीय महिला भी बन गई , जिसने 19 साल बाद एक नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया है।

जी हां पंजाब के होशियारपुर की 23 वर्षीय एथलीट हरमिलन ने वारंगल में 60वीं राष्ट्रीय ओपन एथलेटिक्स चैंपियनशिप में अपनी जीत हासिल करके सुनीता रानी के अब तक के सबसे तेज दौड़ने के रिकॉर्ड को तोड़ दिया है। आपको बता दें, सुनीता रानी ने 2002 में बुसान में एशियाई खेलों में 4:06.03 सेकेंड में सबसे कम समय में में दौड़ने का रिकॉर्ड हासिल किया था। इस रिकॉर्ड को तोड़ते हुए हरमिलन बैंस ने सबसे कम समय में तेज दौड़ने का रिकॉर्ड बना लिया है। आइए जानें कौन हैं हरमिलन बैंस और क्या है पूरी खबर।

23 साल में हासिल किया बड़ा मुकाम

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पंजाब की मध्यम दूरी की धावक हरमिलन बैंस ने हाल ही में अपना डबल पूरा किया है और उन्होंने कुछ ही दिन पहले 1500 मीटर का स्वर्ण जीता था। पंजाब की एथलीट हरमिलन कौर बैंस ने वारंगल में 15 से 17 सितंबर के बीच हुई राष्ट्रीय ओपन एथलेटिक्स चैंपियनशिप में महिलाओं की 800 मीटर और 1500 मीटर रेस में स्वर्ण पदक जीते हैं। उन्होंने 800 मीटर की रेस 2:03.82 मिनट और 1500 मीटर की रेस 4:05.39 मिनट में पूरी की है। उनका 1500 मीटर के लिए ये अब तक का सबसे तेज रिकॉर्ड है। इससे पहले तक सबसे तेज दौड़ने वाली महिला का खिताब सुनीता रानी को मिला हुआ था। जिनका रिकॉर्ड का कुल समय 4:06.03 सेकेंड था।

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माता पिता भी थे एथलीट

सबसे खास बात यह है हरमिलन कौर बैंस के माता-पिता भी जाने-माने एथलीट रह चुके हैं। उनकी मां माधुरी सक्सेना ने 2002 एशियाई खेलों में 800 मीटर रेस में रजत पदक जीता था और वह महज 0.77 के अंतर से गोल्ड मेडल जीतने से रह गईं थीं। तब भारत की केएम बीनामोल ने 2:04.17 मिनट में 800 मीटर की रेस पूरी कर स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया था। माधुरी ने अपनी रेस पूरी करने में 2:04.94 मिनट लिए थे। हरमिलन के पिता अमनदीप बैंस भी दक्षिण एशियाई खेलों में 1500 मीटर रेस में देश के लिए पदक जीत चुके हैं। ये वास्तव में हरमिलन के लिए एक गर्व की बात है कि वो एक एथलीट परिवार से ही ताल्लुक रखती हैं। हरमिलन बैंस ने 2:03.82 मिनट में 800 मीटर की रेस पूरी कर अपनी मां और केएम बीनामोल का रिकॉर्ड भी तोड़ा है। हरमिलन इससे पहले 10 अक्टूबर 2019 को रांची में हुई 59वीं राष्ट्रीय ओपन एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 4:22.10 मिनट के साथ चौथे नंबर पर रही थीं।

ऐसे बनीं एथलीट

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बचपन में हरमिलन कभी भी एथलेटिक्स के क्षेत्र में नहीं आना चाहती थीं। वह पढ़ाई में अच्छी थीं और वैज्ञानिक या इंजीनियर बनना चाहती थीं। लेकिन, माता-पिता उन्हें एथलीट बनाना चाहते थे क्योंकि वो भी इसी क्षेत्र से थे। भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) के छात्रावास में भेजे जाने के बाद 2015 में एथलीट बनना हरमिलन का लक्ष्य बन गया और कई बाधाओं को पार करते हुए उन्होंने देश का नाम रोशन कर दिखाया।

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हरमिलन ने राष्ट्रीय रिकॉर्ड को तोड़ा

हरमिलन बैंस के लिए अब तक का सबसे महत्त्वपूर्ण दिन वह है जब उन्होंने 1500 मीटर में 60वीं राष्ट्रीय ओपन एथलेटिक्स चैंपियनशिप में सफलता हासिल की और सुनीता रानी के लंबे समय से चले आ रहे रिकॉर्ड की तोड़ा। सुनीता रानी ने साल 2002 के बुसान एशियाई खेलों में 4:06.03 समय में सफलता हासिल करने का रिकॉर्ड बनाया था और इस रिकॉर्ड को हरमिलन ने तोड़ते हुए 4:05.39 मिनट में ये जीत हासिल की है। हालांकि, बैंस एक कदम और आगे बढ़ना चाहती हैं और 2022 एशियाई खेलों में पोडियम फिनिश का लक्ष्य बना रही हैं। उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया कि "मैंने एक नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया है, लेकिन मुझे लगता है कि मैं खुद को और आगे ले जा सकती हूं। मेरा लक्ष्य 3 मिनट 55 सेकंड के निशान को तोड़ना है।"

वास्तव में हरमिलन की ये जीत न सिर्फ उनके एथलीट माता-पिता के लिए गर्व की बात है बल्कि पूरे देश के लिए एक सम्मान भरा पल है। उन्होंने अपनी जीत से यह साबित कर दिया है कि यदि व्यक्ति ठान ले तो कोई भी काम बड़ा नहीं है।

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Image Credit: instagram.com @harmilan bains the_.queeen_

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