अवनी लेखरा ने रचा इतिहास, टोक्यो पैरालंपिक में भारत को दिलाया गोल्ड!

पैरा शूटर अवनी लेखरा नें टोक्यो पैरालंपिक में भारत को गोल्ड जीताकर इतिहास रचा है। कड़े संघर्ष के बाद यहां तक पहुंची अवनी के बारे में जानिए...

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टोक्यो पैरालंपिक में भारत की शूटर अवनी लेखरा ने इतिहास रच दिया है। उन्होंने 10 मीटर एयर राइफल शूटिंग में गोल्ड मेडल अपने नाम किया है। इसके साथ-साथ अवनी ने पैरालंपिक का 249.6 का रिकॉर्ड भी बनाया है। हालांकि छोटी सी उम्र में अवनी ने कड़ा संघर्ष किया है। उनका जीवन काफी उतार चढ़ाव वाला रहा था। एक हादसे ने उनकी पूरी जिंदगी बदली दी। अवनी की सफलता पर आज पूरे देश को गर्व है। सोशल मीडिया पर पूरा भारत उन्हें सलाम कर रहा है, वहीं पीएम नरेंद्र मोदी ने उन्हें ट्विटर के जरिये बधाई दी है।

कौन हैं अवनी लेखरा?

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19 साल की अवनी लेखरा राजस्थान के जयपुर की रहने वाली हैं। खिलाड़ी होने के साथ-साथ वह लॉ की पढ़ाई कर रही हैं। उनके माता पिता प्रवीण लेखरा और श्वेता लेखरा को यकीन था कि उनकी बेटी भारत के लिए गोल्ड लेकर आएगी। आज अवनी की सफलता का श्रेय उनके पिता को भी जाता है। अवनी के कठिन वक्त में उनका हौसला बढ़ाने वाले उनके पिता थे।

11 साल की उम्र में हुई थी हादसे का शिकार

साल 2012 में अवनी लेखरा एक बहुत बड़े हादसे का शिकार हुई थीं। उन्हें एक कार एक्सीडेंट में काफी चोट लगी थी। जब उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया, तब पता चला था कि उनकी रीढ़ की हड्डी टूट चुकी है। इस हादसे ने उनकी पूरी जिंदगी में उथल-पुथल ला दिया और उन्हें व्हीलचेयर पर बैठा दिया था। इस एक्सीडेंट के बाद वह पूरी तरह से टूट चुकी थी, मगर उनके पिता ने उन्हें खेलों में आगे बढ़ने के लिए कहा। उनके पिता अवनी को शूटिंग और तीरंदाजी की ट्रेनिंग के लिए ले जाया करते थे, जहां अवनी ने शूटिंग को चुना है।

अभिनव बिंद्र से मिली शूटिंग की प्रेरणा

कार एक्सीडेंट के बाद, जब अवनी टूट चुकी थी। तब उनके पिता ने उन्हें शूटर अभिनव बिंद्रा की बायोग्राफी 'ए शॉट एट हिस्ट्री' पढ़ने के लिए दी। अवनी ने इस किताब को पढ़ा और शूटिंग के प्रति उनकी रुचि जागी।

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रियो पैरालंपिक में भी जीत चुकी हैं गोल्ड

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साल 2016 में हुए रियो ओलंपिक में भी अवनी लेखरा ने अपना परचम लहराया था। रियो ओलंपिक में खेले गए महिलाओं की 10 मीटर एअर स्टैंडिंग एसएच-1 में उन्होंने गोल्ड मेडल अपने नाम किया था। इतना ही नहीं, साल 2015 में अवनी ने स्टेट चैम्पियनशिप में गोल्ड जीता था, उस वक्त उनके पास खुद की राइफल भी नहीं थी, उन्होंने इसे अपने कोच से उधार लिया था।

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, अमित समेत कई नेताओं ने दी बधाई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अवनी को बधाई देते हुए ट्वीट किया, 'अभूतपूर्व प्रदर्शन अवनि लेखरा। यह आपके मेहनती स्वभाव और शूटिंग के प्रति जुनून के कारण संभव हुआ है। आपको स्वर्ण जीतने के लिए बधाई। यह वास्तव में भारतीय खेलों के लिए एक विशेष क्षण है। आपको भविष्य के लिए शुभकामनाएं।

वहीं, देश के महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी अवनी को ढेरों शुभकामनाएं दी, उन्होंने कहा, 'एक और बेटी ने भारत को गौरवान्वित किया है। पैरालंपिक्स में भारत की पहली महिला अवनी लेखरा, जिन्होंने गोल्ड जीता उन्हें शुभकामनाएं। आपके परिश्रम की वजह से ही पोडियम पर आज हमारा तिरंगा सबसे ऊपर लहराया है।

इसके साथ ही अमित शाह, नितिन गडकरी और अन्य कई यूनियन मिनिस्टर्स ने अवनी और उनके साथ अन्य पैरा-एथलीट्स को शुभकामनाएं दीं।

हमें उम्मीद है आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा। हरजिंदगी की टीम की ओर से भारत की गोल्डन गर्ल अवनी लेखरा को ढेरों बधाई। ऐसी इंस्पिरेशनल स्टोरीज पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।

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Image Credit: www.instagram.com & rediff

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