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gauri sheoran won a gold medal in the world university shooting championship in kualaumpur ()

आइएएस पिता की शूटर बिटिया ने भारत का नाम किया रौशन, जीता गोल्‍ड मेडल

गौरी ने हाल ही में मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर में चल रहे 7वें वर्ल्‍ड यूनिवर्सिटी शूटिंग चैंपियनशिप में 25 मीटर पिस्‍टल में भारत को गोल्‍ड जिताया है।
Her Zindagi Editorial
Updated:- 2018-03-21, 19:14 IST

महिलाएं आज हर क्षेत्र में आगे हैं। फिर बात चाहे आर्मी, मैडिकल, मैनेजमेंट या पत्रकारिता की हो या फिर स्‍पोर्ट की। जी हां, आज स्‍पोर्ट की दुनिया में भारत का नाम टॉप पर लाने में पुरुष खिलाडि़यों से ज्‍यादा महिला खिलाडि़यों का योगदान है। स्‍पोर्ट कोई भी हो महिलाएं सभी में आगे हैं। इसी लिए आज जहां क्रिकेट में मिथाली राज, टेनिस में सानिया मिर्जा, बेडममिनटन में सायना नेहवाल और पहलवानी में गीता फोगाट का नाम लिया जाता है वहीं अब स्‍पोर्ट की दुनिया एक और उभरता हुआ सितार बन गईं हैं हरियाणा की गौरी श्‍योराण। 

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गौरी ने हाल ही में मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर में चल रहे 7वें वर्ल्‍ड यूनिवर्सिटी शूटिंग चैंपियनशिप में 25 मीटर पिस्‍टल में भारत को गोल्‍ड जिताया है। आपको जानकर हैरानी होगी कि गौरी अभी मात्र 20 वर्ष की हैं। इतनी कम उम्र में भारत को इतनी बड़ी उपलब्‍धी दिला कर उनहोंने साबित कर दिया है कि उम्र कोई भी हो मगर हौसले बुलंद हों तो महिलाएं कुछ भी कर गुजर सकती हैं। 

कहते हैं किसी खिलाड़ी काबलियत का अंदाजा लगाना हो तो उसे मिले मेडल्‍स की संख्‍या को देख कर लगाया जा सकता है। आपको बता दें कि गौर ने यह मैडिल पहली बार नहीं जीता वह पहले भी कई प्रतियोगिताओं में मेडल जीत कर भारत का नाम रौशन कर चुकी हैं। गौरी अब 30 इंटरनेशनल शूटिंग चैंपियनशिप में हिस्‍सा ले चकी हैं और इन में से 23 में उन्‍हें मेडल से नवाजा जा चुका है। अब आप इस बात से अंदाजा लगा सकते हैं कि इतनी कम उम्र में गौरी ने इतनी चैंपियनशिप में हिस्‍सा लिया और उसमें से भी अधिकतर सभी में मेडल जीता तो, वह किस लैवल की खिलाड़ी हो सकती हैं। 

gauri sheoran won a gold medal in the world university shooting championship in kualaumpur ()

कई मेडल जीत चुकी हैं गौरी 

अगर अवॉर्ड और मैडल की बात करें तो लगातार बेहतर प्रदर्शन करने पर हरियाणा की इस होनहार बेटी की उपलब्धियों के मद्देनजर हरियाणा सरकार ने गौरी को 2016-17 के भीम अवॉर्ड से भी सम्मानित किया था । इसके साथ ही गौरी ने 2017 में जर्मनी में आयोजित शूटिंग चैंपियनशिप में गोल्ड जीता था। इस खिलाड़ी ने फरवरी 2018 राजस्थान में आयोजित शूटिंग चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल, 2017 में त्रिवेंद्रम में नेशनल गेम्स में 2 गोल्ड और 2 सिल्वर मेडल जीते थे।

अपनी कामयाबी से खुश हैं गौरी 

वैसे अपनी इस उपलब्‍धी के बाद गौरी ने मीडिया से कहा, ' इस गोल्ड मैडल के जीतने से मैं बहुत खुश हूं, मैं इस लिए भी ज्‍यादा खुश हूं क्‍योंकि मैंने भारत के लिए यह गोल्‍ड पूरे एक साल बाद जीता है। इससे पहले मैंने 2017 में भारत के लिए गोल्‍ड जीता था। एक साल के सफर में मैंने बहुत तैयारियां की थी। अभी मैं ट्रेनिंग ले रही हूं और मुझे विश्‍वास है कि मैं इतना ही अच्‍दा प्रदर्शन मई में होने वाले जर्मनी और चेक गणराज्य में होने वाले वर्ल्ड चैंपियनशिप में भी कर पाउंगी और वहां भी अपने देश के लिए गोल्‍ड मेडल जीत पाउंगी।'

gauri sheoran won a gold medal in the world university shooting championship in kualaumpur ()

गौरी के पिता है आइएएस ऑफिसर 

आपको बता दें कि गौरी के पिता आइएएस ऑफिसर हैं। उनका नाम  जगदीप सिंह है और वह हरियाणा के खेल निदेशक हैं। बेटी की जीत पर खुशी में चूर पिता ने कहा, माता पिता केवल बच्‍चों की पढ़ाई पर ही फोकस करते हैं। खेल की तरफ उनका ध्‍यान ही नहीं होता और वो इसे सेकेंडरी भी समझते हैं। मगर आज मुझे लग रहा है कि मेरा अपने दोनों बच्चों गौरी और विश्वजीत को शूटर बनाने का फैसला सही था। शायद मैं भारत का पहला आइएएस ऑफिसर हूं, जिन्होंने अपने बच्चों को सिविल सर्विसेज के बजाय स्‍पोर्ट्स की फील्‍ड में करियर चुनने को प्रोत्‍साहित किया है। मुझे पूरी उम्‍मीद है कि गौर भारत की तरफ से ओलंपिक में भी जाएगी और भी मेडल जीत कर भारत का नाम रौशन करेगी।

कब शुरु किया सफर 

गौरी अभी बहुत छोटी हैं।  उनका जन्म 1997 में हुआ था। वे मूलरूप से भिवानी की तहसील लोहारू के गांव घग्गरवास की रहने वाली हैं। महज 12 साल की उम्र से ही गौरी ने निशानेबाजी का अभ्यास शुरू कर दिया था। इसके लिए उन्‍हें उनके आइएएस पिता ने प्रोत्‍साहित किया था। वर्ष 2010 से गौरी ने निशानेबाजी के मुकाबलों में शिरकत करना शुरू कर दिया। निशानेबाजी में अपने हुनर को निखारने के लिए गौरी एक विदेशी कोच से ट्रेनिंग लेती हैं, जबकि उनके राष्ट्रीय कोच जाने माने शूटर जसपाल राणा हैं।

 

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