समाज में बदलाव हमेशा महिलाओं से ही शुरू होता है और इसे फिर से एक्ट्रेस ईशा गुप्ता ने साबित किया है। खबर आ रही है कि बी-टाउन की स्टाइलिश एक्ट्रेस और 'जन्नत 2' से फिल्मों में एंट्री करने वाली पूर्व मिस इंडिया इंटरनेशनल ईशा गुप्ता ने उत्तर प्रदेश के दो गांव गोद लिए हैं। ईशा ने शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए इन गांवों को गोद लिया है।
गरीब फुटबॉलर्स को भी देने वाली हैं ट्रेनिंग
यह दो गांव यूपी के बिजनौर जिले में है। एक्ट्रेस ने इन गांवों में शिक्षा की हालत सुधारने के लिए इन्हें गोद लिया है। उनका कहना है कि शिक्षा सभी का अधिकार है और वो इन गांव में शिक्षा के हालात सुधारना चाहती हैं। गौरतलब है कि ईशा हमेशा से कई सामाजिक कार्यों से जुड़ी रही हैं। हाल ही में इन्होंने देश में गरीब फुटबॉलर्स को ट्रेनिंग देने के लिए एक एकेडमी खोलने की भी घोषणा की थी।
बिजनौर जिले में है गांव
बिजनौर जिले के दो गांव लिए गोद ईशा गुप्ता ने उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में दो गांव को गोद लिया है। ईशा ने इस प्रोजेक्ट की शुरुआत दिल्ली के एक गैरसरकारी संगठन पहल के साथ मिलकर शुरू की है। इसपर ईशा ने कहा, 'इसमें लॉजिस्टिकल दिक्कतें होंगी, लेकिन मैं खुद इसे देखूंगी। हर किसी को शिक्षा का अधिकार है। ऐसे छोटे शहरों में कई बच्चे हैं जो पढ़कर अच्छा करियर बनाना चाहते हैं लेकिन उनके पास स्कूल नहीं है। अगर मैं उनकी मदद कर सकती हूं, तो मुझे खुशी होगी।'
तीन स्कूलों में काम करेंगी
ईशा इन गांवों के तीन स्कूलों में काम करेंगी। आपको जानकर हैरानी होगी कि इन दो गांवों में केवल तीन स्कूल ही हैं। ईशा ने बताया कि 'इन तीन गांव में दो स्कूल हैं, जिनपर हम काम कर रहे हैं। या तो ये स्कूल आवासीय जगहों से काफी दूर हैं, या इनमें जरूरी चीजों का अभाव है। दोनों ही मामलों में स्कूलों को अपग्रेडशन के जरूरत है।'
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ईशा कराएंगी फंड मुहैया
ईशा से जुड़े सूत्रों ने बताया, 'ईशा स्कूलों में टीचरों के नियुक्ति के लिए फंड मुहैया कराएंगी। वहीं एनजीओ योग्य उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट कर उनकी नियुक्ति करेगा। दोनों स्कूलों में टॉयलेट और लोकल लाइब्रेरी के लिए पैसे भी इक्टठा करेंगे।' ईशा जल्द ही बिजनौर जाएंगी। अभी तक ईशा गांव नहीं गई हैं लेकिन उनकी टीम उन्हें गांव की जानकारी देते रहते हैं। ये प्रोजेक्ट इसी महीने से शुरू हो जाएगा।
ईशा का गांवों को गोद लेने का प्रोजेक्ट प्रधानमंत्री की सांसद आदर्श ग्राम योजना से प्रेरित है। इस योजना में सांसदों को एक गांव को गोद लेकर उनका विकास करना था।
सांसद आदर्श ग्राम योजना
प्रधानमंत्री में गांवों के विकास के लिए 11 अक्टूबर 2014 में सांसद आदर्श ग्राम योजना शुरू की थी। इस योजना के तहत हर सांसद को कम से कम एक गांव गोद लेने थे। गोद लिए गए गांव को आदर्श गांव बनाया जाना था। लेकिन सांसदों द्वारा गांव को गोद लिए जाने का काम उतना जोरदार नहीं रहा जितने जोरदार तरीके से इसे शुरू किया गया था।
इस साल इस योजना को शुरू हुए साढ़े तीन साल हो जाएंगे। लेकिन अब भी कोई गांव से यह खबर नहीं आई की किसी गांव को पूरी तरह से किसी सांसद ने विकास कर दिया है। इसके विपरीत साल दर साल सांसदों द्वारा गांव को गोद लेने की संख्या घटते जा रही है।
साढ़े तीन साल में लिए गए केवल 1269 गांव
इस योजना के तीन चरण पूरे हो चुके हैं लेकिन यह अब तक अपने एक तिहाई लक्ष्य को भी अच्छी तरह से पूरा नहीं कर पाया है। इस योजना के पहले चरण में लोकसभा के 500 और राज्यसभा के 203 सांसदों ने कुल 703 गांव गोद लिए थे। वहीं योजना के दूसरे चरण में यह संख्या घट गई और लोकसभा के 324 और राज्यसभा के 121 सदस्यों ने गांव गोद लिए। मतलब कि कुल 425 गांव गोद लिए गए। तीसरे चरण में यह संख्या और अधिक कम हो गई और लोकसभा के केवल 94 और राज्यसभा के केवल 27 सदस्यों ने ही गांवों गोद को लिया। इसका मतलब की योजना के तीन चरण में केवल 1269 गांव ही गोद लिए गए। जबकि प्रधानमंत्री ने मार्च 2019 तक 2364 गांवों को विकसित करने का लक्ष्य रखा था।
शायद चौथे चरण में इस सरकार के पांच साल पूरे होने तक आ जाए।
खैर तब की तब देखी जाएगी। तब तक एक्ट्रेस ईशा गुप्ता को शबाशी की उन्होंने आगे बढ़कर समाज को बदलने का बीड़ा उठाया। जो एक बार फिर यह साबित करता है कि महिलाएं ही समाज को बदलती हैं।
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