हमारे देश में कुछ ऐसे लोग हैं जिनके सराहनीय काम की वजह से उन्हें पूरी दुनिया सलाम करती है। दूसरों से जरा हट के और दूसरों के बारे में सोचते हुए आगे बढ़ने का जज्बा भले ही कई लोगों में क्यों न होता हो लेकिन अपने सपनों को उड़ान कुछ ही लोग दे पाते हैं और दूसरों के बीच एक मिसाल कायम कर पाते हैं। कुछ ऐसा ही जज्बा दिखाया एक बुजुर्ग दम्पत्ति ने। इन दम्पति का नाम योगेश और सुमेधा चितले है।
इस सेवानिवृत्त जोड़े ने सियाचिन बेस अस्पताल में 20,000 भारतीय सेना के सैनिकों के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन प्रदान करने के लिए ऑक्सीजन यूनिट के लिए धन जुटाने के लिए अपने पूरे परिवार के लगभग 1.25 करोड़ के गहने बेच दिए। वास्तव में इस बुजुर्ग दम्पति का ये प्रयास शोभनीय है और उनके इस सराहनीय काम के लिए पीएम मोदी ने उन्हें सम्मानित किया। ऐसे न जाने कितने लोगों ने कोरोना काल में दूसरों की मदद के लिए कदम बढ़ाए और दूसरों के लिए प्रेरणा बने। आइए जानें उन लोगों की कहानी औरजज्बे के बारे में।
योगेश और सुमेधा चितले
एक ऐसा बुजुर्ग जोड़ा जिनके प्रयास से दुनिया के सबसे ऊंचे लड़ाई के मैदान सियाचीन के अस्पताल को अपना पहला ऑक्सीजन प्लांट मिल गया है। उनकी बदौलत भारतीय सेना के जवानों के लिए यहां स्थित अस्पताल 'सियाचीन हीलर' को यह प्लांट उपहार स्वरूप मिला है। करीब 22 हजार फीट की ऊंचाई पर न जाने कितने जवानों की जान सिर्फ ठीक से ऑक्सीजन न मिल पाने की वजह से चली जाती है। इस बात को ध्यान में रखते हुए योगेश और सुमेधा चितले परिवार के सेना के जवानों के लिए एक सराहनीय काम किया है। हाल ही में उन्हें प्रधान मंत्री मोदी द्वारा बुलाया और सम्मानित किया गया।
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रोजी और पास्कल सल्दान्हा
यह एक ऐसा जोड़ा है जो खुद भी कोरोना महामारी से जूझ रहा था। ऐसे में 51 वर्षीय महिला, जो खुद अपने पति के साथ जीवन के लिए संघर्ष कर रही थीं और उन्हें बचाने की कोशिश कर रही थीं उन्होंने अपना एक महत्वपूर्ण वित्तीय बैकअप- अपने सोने ज्वेलरी को दूसरों को ऑक्सीजन सिलेंडर दान करने के लिए बेच दिया था। इस जोड़े का नाम रोजी और पास्कल सल्दान्हा है जिन्होंने COVID मरीजों को अपना ऑक्सीजन सिलेंडर दिया और फिर आठ लोगों के मदद की। उन्होंने इस दौरान दो टन अनाज और दाल भी दान की और लोगों की मदद करना जारी रखा। वास्तव में ये उनका सराहनीय प्रयास था।
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अनु और अरुल प्रणेश
कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान लोग शादियों में बड़ी रकम खर्च कर रहे थे ऐसे में एक नवविवाहित जोड़े ने अपनी शादी से सभी अतिरिक्त बचत, कुल 37 लाख रुपये, कोविड मरीजों को राहत देने के लिए दान में दे दिए। इस जोड़े का नाम अनु और अरुल प्रणेश है। इस जोड़े ने शुरू में 50 लाख रुपये खर्च करके 14 जून को 13 लाख रुपये की लागत से शादी का आयोजन किया। इसके बाद दंपति ने महामारी से लड़ने में मदद करने के लिए राज्य के कई सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों को बजट में बचा हुआ पैसा दान कर दिया। उनकी दान की गयी राशि लगभग 37 लाख की थी और ये उन युवाओं का एक सराहनीय प्रयास था।(97 साल की बुजुर्ग महिला ने की कोविड वैक्सीन की अपील)
रसिक मेहता और कल्पना मेहता
रसिक मेहता और कल्पना मेहता ने कोविड महामारी में अपने इकलौते बेटे को खो दिया। उन्होंने अपने बेटे के भविष्य के लिए धनराशि जमा की थी। बेटे को असमय खोने की वजह से उन्होंने कोरोना काल के दौरान अपने जीवन के लिए संघर्ष कर रहे अन्य रोगियों के जीवन को बचाने के लिए अपनी फिक्स डिपॉज़िट की राशि को तोड़कर अन्य लोगों की मदद में अपना सराहनीय योगदान दिया। उन्होंने 200 से अधिक रोगियों को किट और अन्य आवश्यक चीजें वितरित कीं। साथ ही, उन्होंने अपनी कार को एम्बुलेंस के रूप में इस्तेमाल करने के लिए दिया।
#COVID19#IndiaFightsCOVID19
— Ketto (@ketto) April 28, 2021
Rasik Mehta & Kalpana Mehta, a couple from Gujarat, lost their only child to COVID-19 last year. They prematurely broke a fixed deposit worth Rs 15 lakh, which they had earmarked for their son, to help other patients get treatment. pic.twitter.com/YjCJh2mZ44
वास्तव में कोरोना काल में कुछ लोगों का ये प्रयास हम सभी को प्रेरणा देता है और हमेशा दूसरों की मदद के लिए प्यासरत रहने की बात को बढ़ावा देता है।
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