हम कितना भी कह लें कि देश तरक्की कर रहा है लेकिन अब भी लड़कियों के मामले में बहुत कुछ करना बाकी है। जैसे कि हरियाणा में अब भी कॉलेज जाने वाली लड़कियों की संख्या कम है और इसलिए जब महावीर फोगाट वहां अपनी लड़कियों को कुश्ती सिखाते हैं तो ये बहुत बड़ी बात हो जाती है। फिर इसके बाद आमिर इस पर ‘दंगल’ फिल्म बनाकर लोगों का इस विषय पर ध्यान खींचते हैं। अब एक साल बाद वाराणसी के तुलसीदास अखाड़े ने इस ओर एक कदम बढ़ाया है।
Tulsidas Akhara on banks of river Ganges in Varanasi breaks 450 year old tradition & allows girls to enter the world of wrestling. Bravo!
— Amitabh Kant (@amitabhk87) October 8, 2017
टूटी 450 साल पुरानी परंपरा
वाराणसी के तुलसीदास अखाड़े ने अपनी 450 साल पुरानी परंपरा को तोड़ते हुए लड़कियों के लिए अपने अखाड़ों के दरवाजे खोल दिए हैं। इस अखाड़े में लड़कियों को पहले कुश्ती लड़ने की अनुमति नहीं थी। ये अखाड़ा हिंदू देवता हनुमान को समर्पित है जिसका संचालन संकट मोचन मंदिर ट्रस्ट करता है। लेकिन एक दशक के बाद अब वाराणसी के महंत नंदनी सरकार और आस्था वर्मा की अखाड़े में कुश्ती लड़ने की बात पर राज़ी हुए हैं।
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