अनाहिता जब छोटी थीं तो उनकी मां उनकी टेबल पर बहुत इंट्रस्टिंग और टेस्टी फूड सर्व करती थीं। अनाहिता को मम्मी की यह चीज काफी ज्यादा अपील करती थी। अनाहिता जब बड़ी हो रही थीं, उस दौरान उनकी मां ग्रीक सेलेड, souffle, स्पेशनिश सलाद रोजाना के खाने के लिए बनाया करती थीं। इस तरह के प्रयोग अनाहिता को इतने दिलचस्प लगे कि उन्होंने इसे अपनी जिंदगी का हिस्सा बना लिया। अनाहिता कहती हैं, 'जब आप फूड एक्सप्लोर करते हैं तो आपको लगता है जैसे कि यह विकसित हो रहा है और आप इसमें काफी कुछ नया कर सकते हैं। आपके पास अलग-अलग तरह की सब्जियां और मीट कट्स होते हैं, जिसके आप कई तरह से प्रयोग कर सकती हैं। मुझे लगता है कि अगर मैं खाने में प्रयोग ना करती तो मैं बहुत सारी चीजें जान ही नहीं पाती।'
अनाहिता ने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट, औरंगाबाद और ले कॉर्डन ब्लू, लंदन से अपनी पढ़ाई पूरी की। लंदन में उन्होंने पेस्ट्री बनाने और बेकिंग की भी ट्रेनिंग ली, लेकिन उन्होंने हमेशा महसूस किया कि भारतीय खाना ज्यादा कंफर्ट देता है। अनाहिता जब लंदन में रहती थीं, उस दौरान घर पहुंचकर वह कुछ इंडियन बनातीं और उन्हें काफी सुकून महसूस होता। अनाहिता मानती हैं कि भारतीय शेफ कमाल का काम कर रहे हैं लेकिन उन्हें अपने हुनर की कीमत नहीं मालूम।
काम सीखने के लिए घर से रहीं दूर
जब अनाहिता ने शेफ बनने की ट्रेनिंग ली, उस दौरान उनके सामने ज्यादा रोल मॉडल नहीं थे। अनाहिता अपने क्युलीनरी स्कूल की प्रिंसिपल के शब्द बताती हैं, 'एक शेफ के तौर पर शायद आप सारे त्योहार अपने परिवार के साथ ना बिता सकें और काम सीखने के लिए आपको दिन-रात मेहनत करनी पड़ेगी। उन्होंने हमें चेताया था कि हमारी जिंदगी काफी मुश्किल होगी।' उनकी सीख ने मुझे करियर में बेहतर करने के लिए प्रेरित किया और मैंने अपना काम अच्छा करने के लिए काफी एफर्ट्स किए।
इस तरह बनीं सेलेब्रिटी शेफ
पहले अनाहिता अपनी मां की तरह पारसी कुजीन बनाने की चाहत रखती थीं, लेकिन बाद में सोडाबॉटलओपनरवाला में वह हेड शेफ बनीं। जल्द ही वह सेलेब्रिटी शेफ बन गईं और उनके इंटरव्यू भी नजर आने लगे। जब मास्टरशेफ बनने की चाहत रखने वाले स्टूडेंट्स उनके पास आते हैं, तो वह उन्हें कामयाबी के गुर इस तरह सिखाती हैं, 'आपको इंटर्नशिप करनी चाहिए ताकि आपको यह समझ में आए कि इस काम में आपकी रुचि है या नहीं। शेफ का काम इतना ग्लैमरस नहीं है, जितना की नजर आता है। यह सिर्फ डिश को खूबसूरत तरीके से गार्निश कर प्रजेंटेबल बनाना नहीं है। आपको अपने काम से प्यार होना चाहिए। इस काम में आपको घंटों देने पड़ते हैं। और इसके बाद भी इस बात की कोई गारंटी नहीं होती कि आपको कामयाबी मिलेगी ही।'
ऐसे बनें काम में माहिर
अनाहिता मानती हैं कि अच्छा शेफ बनने के लिए महिलाओं को हर दिन सीखने की जरूरत होती है। एक और दिलचस्प बात अनाहिता कहती हैं, 'हम अपनी टीम और अपने आसपास वालों से भी बहुत कुछ सीख सकते हैं। जरूरी ये है कि हम अपनी लर्निंग दूसरों के साथ शेयर करें और दूसरों के ज्ञान से अपनी सीख बढ़ाएं। इस तरीके से आपकी स्थिति काफी मजबूत होती है और शेफ के तौर पर आपको कामयाबी भी हासिल होती है।'
अनाहिता ने अपनी मां के खाने में प्रयोग से प्रेरणा लेते हुए अपनी जिंदगी की दिशा तय कर ली और मास्टरशेफ बन गईं। अगर आपको भी कुकिंग का शौक है तो आप इसमें खुद को डेडिकेट कर नए मुकाम हासिल कर सकती हैं। जरूरत है तो बस लगन और निरंतर प्रयास करने की, कामयाबी आपके हाथ जरूर लगेगी।
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