क्या आप भी सोचती हैं कि ब्रेस्‍टफीडिंग करवाने से लटकती है ब्रेस्‍ट? जानें पूरी सच्चाई

महिलाओं की हेल्‍थ से जुड़े कुछ मिथ, जो असल में सच नहीं है। इसलिए सभी महिलाओं को इसके बारे में जानना बहुत जरूरी है, आइए जानें कौन से हैं ये मिथ। 

  • Pooja Sinha
  • Her Zindagi Editorial
  • Updated - 2018-08-03, 13:01 IST
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हेल्‍थ एक महत्‍वपूर्ण विषय है, लेकिन हेल्‍थ से जुड़ी कई बातें जो पारंपरिक तरीके से सही मानी जाती है, जरूरी नहीं कि वह वैज्ञानिक रूप से भी सही ही हो। जैसे ब्रेस्‍टफीडिंग करवाने से ब्रेस्‍ट लटक जाती है या पीरियड्स में आप प्रेग्‍नेंट नहीं हो सकती है और भी महिलाओं की हेल्‍थ से जुड़े बहुत सारे मिथ है। हालांकि उन्‍हें एक निश्‍चित समय पर सही माना जाता है, लेकिन साइंस ने साबित कर दिया है कि वे अब मान्य नहीं हैं। यहां ऐसे ही 7 मिथ के बारे आपको रूबरू कराया जा रहा है, जो हर महिला को जानना बहुत जरूरी है।

ब्रेस्‍टफीडिंग करवाने से लटकती है ब्रेस्‍ट
breastfeeding health inside

ब्रेस्‍टफीडिंग कराने के कई फायदे हैं, इसे मां और बच्‍चे का रिश्‍ता मजबूत होता है, बच्‍चे में अस्‍थमा और कैंसर का खतरा कम होता है और बच्‍चे को वायरस और बैक्‍टीरिया से लड़ने में हेल्‍प मिलती है। हालांकि एक आम गलतफहमी यह है कि ब्रेस्‍टफीडिंग कराने से महिलाओं की ब्रेस्‍ट लटकती है। शोध ने इस मिथ को खारिज कर दिया है और बताया है कि ब्रेस्‍ट लटकने का असली कारण मल्‍टीपल प्रेग्‍नेंसी, उम्र और स्‍मोकिंग है।

पीरियड्स में आप गर्भवती नहीं हो सकती हैं

असुरक्षित यौन संबंध किसी भी समय प्रेग्‍नेंसी का कारण बन सकता है, भले ही ही आपके पीरियड्स हो और आपको लग रहा हो कि आप सेफ है। अध्‍ययनों से पता चला है कि स्‍पर्म आपकी बॉडी में 5 दिनों तक एक्टिव रहते है और संभावना है कि यह पीरियड्स के बाद भी अंडे तक पहुंच सकते है।

प्रेग्‍नेंसी के दौरान वेट बढ़ाने की जरूरत
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मोटापा और हेल्‍दी तरीके से प्रेग्‍नेंसी में वेट बढ़ना दोनों एक बात नहीं है। इसलिए आप जो कुछ भी खाना चाहती हैं उसके लिए प्रेग्‍नेंसी कोई बहाना सहीं नहीं है, खासतौर पर अगर वह आपके लिए अनहेल्‍दी है। शोध से पता चलता है कि प्रेग्‍नेंसी में आपको एक दिन में केवल 300 कैलोरी खाने की जरूरत होती है। और यह हेल्‍दी स्रोतों भी उपलब्ध है, जैसे नट्स और ड्राई फ्रूट्स। जबकि प्रेग्‍नेंसी के दौरान बहुत ज्‍यादा खाने से आपका वजन बढ़ने और जेस्टेशनल डायबिटीज और ब्‍लड प्रेशर जैसी जटिलताओं का कारण बन सकता है।

सिर्फ बढ़ती उम्र में होता है यूरिनरी इंकॉन्टीनेंस

यूरिनरी इंकॉन्टीनेंस उसे कहते है जब छींकने, खांसने या हंसते समय यूरिन थोड़ा सा निकल जाता है, लेकिन यह जरूरी नहीं कि यह प्रॉब्‍लम बढ़ती उम्र में ही हो। यह उन महिलाओं के साथ भी हो सकता है जिनके उम्र 40 वर्ष है और उनके बच्‍चे है।

पुरुषों की तुलना में महिलाओं का ब्‍लैडर छोटा
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माना जाता है कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं का ब्‍लैडर छोटा होता है। लेकिन ऐसा नहीं है, महिलाओं का ब्‍लैडर छोटा नहीं होता है। अगर आपको बार-बार यूरिन आता है, तो ऐसा इसलिए होता है क्‍योंकि ब्‍लैडर यूट्रस के खिलाफ पुश करता है और इस एक्‍सट्रा प्रेशर के कारण वह तेजी से भर जाता है।

ब्रेस्‍ट कैंसर का कारण बनता है डिओडोरेंट

डिओडोरेंट का उपयोग ब्रेस्‍ट कैंसर का कारण बनता है या नहीं, हालांकि इस पर बहुत बहस हुई है, लेकिन इस बारे में कोई वैज्ञानिक पुष्टि नहीं है। हां एक बात है आप जब भी डिओडोरेंट लगाएं, ब्रेस्‍ट के करीब इसे लगाने से बचें।

पीरियड्स में एक्‍सरसाइज से बचना चाहिए
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बहुत महिलाएं मानती हैं कि पीरियड्स के दौरान एक्सरसाइज नहीं करनी चाहिए क्योंकि ऐसा करने से ब्‍लड का फ्लो अधिक होता है। हालांकि यह गलत धारणा है। पीरियड्स के दौरान हर महिला को एक्सरसाइज करनी चाहिए, क्योंकि एक्सरसाइज करने से हेल्‍थ बेहतर होती है और पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द से भी राहत मिलती है। लेकिन अगर आपकी बहुत ज्‍यादा दर्द या प्रजनन संबंधी कोई समस्‍या है तो आपको एक्‍सरसाइज करने से बचना चाहिए।
ये सारे महिला हेल्‍थ से जुड़े कुछ मिथ है जिन्‍हें जानना हर महिला के लिए बेहद जरूरी है।
Image Courtesy: Shutterstock.com

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