हर महीने के दर्द से महिलाएं वैसे ही बेहाल रहती हैं,
ऊपर से इतनी ज्यादा ब्लीडिंग।
और अगर इस पर इंफेक्शन हो जाए फिर तो महिलाओं की परेशानियां बहुत ज्यादा बढ़ जाती है।
जी हां पीरियड्स के दौरान ब्लीडिंग और तेज दर्द से तो महिलाएं परेशान रहती ही हैं लेकिन यीस्ट इंफेक्शन परेशानियां को और भी बढ़ा देता है। पीरियड्स के दौरान लंबे ससम तक एक ही पैड को लगाए रखने के कारण वेजाइना के पास लगातर नमी बने रहने और मृत कोशिकाओं और अंडों के जमा होने से बैक्टीरियल इंफेकशन का खतरा बढ़ जाता है।
यीस्ट इंफेक्शन अधिकतर वेजाइना में होने वाला फंगल इंफेक्शन है। इसके कारण खुजली, जलन और योनि में स्राव होता है। 4 में से 3 महिलाओं को पूरी लाइफ में एक बार यीस्ट इंफेक्शन का अनुभव होता है। आमतौर पर योनि में यीस्ट इंफेक्शन तब होता है जब कैंडिडा एब्लीकैंस आपके योनि में पाया जाता है और एक प्रकार का यीस्ट है। यह फंगस संख्या में तेजी से वृद्धि करता है और योनि के टिश्युओं को नुकसान पहुंचता है। आमतौर पर कैंडिडा अन्य सूक्ष्मजीवों के साथ एक बैलेंस में काम करती है लेकिन जब यह बैलेंस बिगड़ जाता है तब कैंडिडा में ज्यादा वृद्धि इंफेक्शन का कारण बनता है।
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लेकिन परेशान ना हो क्योंकि पीरियड्स के दौरान होने वाले यीस्ट इंफेक्शन को कम करने के लिए आप कुछ उपायों का इस्तेमाल कर सकती हैं। आइए यीस्ट इंफेक्शन को ठीक करने के लिए उपयोगी टिप्स के बारे में जानें।
पीरियड्स के दौरान स्वच्छता का ख्याल रखना यीस्ट इंफेक्शन से बचने का सबसे उपयोगी तरीका होता है। पीरियड्स के दौरान वेजाइना को साफ रखें जिससे बैक्टीरिया इंफेक्शन का खतरा कम हो जाता है। अपने सेनेटरी पैड या टैम्पोन को हर 2-4 घंटे के अंतराल पर बदलें और जब भी वॉशरूम जाए, वेजाइना को पानी से जरुर धोएं।
टैम्पोन का इस्तेमाल आप पैड्स की जगह कर सकती हैं यह सेफ और उपयोगी होता है लेकिन इसके साफ ना होने से वेजाइना में इंफेक्शन का खतरा हो जाता है। साथ ही लंबे समय तक एक ही टैम्पोन का इस्तेमाल किया जाए तो भी यीस्ट इंफेक्शन का खतरा पैदा हो जाता है इसलिए साफ टैम्पोन का इस्तेमाल करें और इसे बार-बार बदलते रहना चाहिए।
अगर आपकी डाइट अच्छा नहीं होती तो आपके पीरियड ब्लड में काफी मात्रा में टॉक्सिन्स निकलते हैं जिससे आपको यीस्ट इंफेक्शन का खतरा हो सकता है। ऐसे में आपको पर्याप्त मात्रा में फलों का जूस, दूध और नारियल पानी पीना चाहिए। इससे आपके पीरियड ब्लड सर्कुलेशन सही रहता है और ब्लड में क्लॉट कम मात्रा में निकलते हैं। इसके अलावा अपनी डाइट में नट्स, एवोकाडो और हरी सब्जियों को भी जरूर शामिल करें।
पीरियड्स के दौरान यीस्ट इंफेक्शन से बचने के लिए एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-ऑक्सीडेंट्स युक्त फूड्स का सेवन करना चाहिए। इससे यीस्ट इंफेक्शन का खतरा नहीं रहता है। इसलिए लहसुन, अदरक, नींबू, नारियल का तेल आदि का उपयोग करना लाभकारी होता है। एंटी-बैक्टीरियल गुणों से युक्त ये फूड्स यीस्ट इंफेक्शन से बचाने में मदद करते हैं।
अगर आपको इंफेक्शन के साथ वाइट डिस्चार्ज की समस्या भी हो रही है तो अपनी योनि को साफ करने के लिए गुनगुने पानी का इस्तेमाल करें। यह जलन या खुजली को भी दूर करने में मदद करता है।
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जिन महिलाओं को योनि में इंफेक्शन की समस्या होती है उन्हें खुशबूदार पाउडर या स्प्रे आदि से दूर रहना चाहिए। खासतौर पर अपने प्राइवेट पार्ट के आस-पास इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे बॉउी के अच्छे बैक्टीरिया नष्ट हो जाते है।
नीम में मौजूद एंटी-बैक्टीरियल गुणों के कारण यह लगभग हर तरह के इंफेक्शन को रोकने में फायदेंमद होता है। नीम की पत्तियों को पानी में उबालकर पानी को ठंडा कर लें। फिर इस पानी से वेजाइना को धोने से इंफेक्शन नहीं फैलता और इसके बैक्टीरिया भी नष्ट हो जाते है।
इन उपायों को अपनाकर आप भी पीरियड्स या प्रेग्नेंसी में होने वाली यीस्ट इंफेक्शन की समस्या से बच सकती हैं।
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