स्प्रिंग और फिर समर सीजन में प्रकृति खिलखिलाती है, लेकिन इस समय कुछ लोग मौसमी एलर्जी का शिकार हो जाते हैं। मैं भी इन दिनों रोजाना सुबह और शाम कई सारी छींक मारती हूं। कुछ लोगों के लिए यह मौसम छींकों और एलर्जी जैसी बड़ी परेशानियों का सबब बन जाता है।
क्या आपने भी महसूस किया है कि गर्मियों में अचानक से आपकी नाक बहने लगती है या लगातार छींकें आने लगती हैं? यह कोई को-इंसिडेंस नहीं है, बल्कि गर्मियों में होने वाली एलर्जी के साइन्स हैं।
इस लेख में हम जानेंगे कि गर्मियों में एलर्जी क्यों बढ़ जाती है, इसके मुख्य कारण क्या हैंऔर इस समस्या से राहत पाने के लिए क्या-क्या ट्रीटमेंट लिए जा सकते हैं।
गर्म मौसम में क्यों लगती है छींक?
विंटर के बाद जब तापमान में गर्माहट शुरू होती है, तो हवा में पोलन ग्रेन्स, धूल के कण और फफूंद भी बढ़ने लगती है, जो कुछ लोगों में एलर्जी पैदा करने वाले तत्वों को बढ़ा देते हैं। ये माइक्रो पोलन्स सांस लेने के दौरान हमारे शरीर में घुसते हैं और इम्यून सिस्टम को रिएक्ट करने के लिए ट्रिगर करते हैं, जिसके कारण छींकें लगती हैं। इससे नाक बहना, आंखों में खुजली और सांस लेने में तकलीफ जैसी अन्य समस्याएं होने लगती हैं।
पेड़-पौधे और घास गर्मी में खूब फलते-फूलते हैं और इस दौरान वे हवा में भारी मात्रा में पराग (पोलन) छोड़ते हैं। ये कण बहुत हल्के होते हैं और आसानी से सांस के जरिए हमारे शरीर में चले जाते हैं।
इसके अतिरिक्त गर्मियों में धूल के कण भी बहुत ज्यादा होते हैं। बंद घरों में नमी और गर्मी इनके लिए एकदम मुफीद माहौल बनाते हैं। जिन लोगों को फफूंद से एलर्जी होती है, उनके लिए भी गर्मी का मौसम मुश्किल भरा हो सकता है।
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गर्मी की एलर्जी के कुछ आम लक्षण ये हैं-
- लगातार छींकें आना
- नाक बहना या बंद होना
- आंखों में खुजली, रेडनेस और पानी आना
- गले में खराश या खुजली रहना
- हल्की खांसी रहना
- थकान महसूस होना
क्या है इस समर एलर्जी का ट्रीटमेंट?
गर्मी की एलर्जी से पूरी तरह छुटकारा पाना मुश्किल हो सकता है, लेकिन इसके लक्षणों को काफी हद तक कम किया जा सकता है:
1. एलर्जी के कारणों से बचें:
- घर की खिड़कियां और दरवाजे बंद रखें, खासकर सुबह के समय जब पोलन ग्रेन्स की मात्रा हवा में ज्यादा होती है, तब एकदम से बाहर न निकलें। साथ ही, बाहर निकलने पर धूप का चश्मा जरूर पहनें।
- घर में एयर कंडीशनर का इस्तेमाल करें और उसके फिल्टर को नियमित रूप से साफ करें। एयर कंडीशनर का ड्राई मोड कुछ देर चलाएं। इससे कमरे की ह्यूमिडिटी और उसके साथ पोलन ग्रेन्स कम होंगे।
- अपने बिस्तर और तकियों को हमेशा कवर करें और फिर उन्हें हर तीसरे दिन जरूर बदलें। चादरें और तकिए के गिलाफ नियमित रूप से गर्म पानी में धोएं। घर को नियमित रूप से वैक्यूम क्लीनर से साफ करें, खासकर कालीन और पर्दे।
- बाथरूम और किचन जैसी नमी वाली जगहों को साफ और सूखा रखें। अगर घर में कहीं फफूंद दिखाई दे तो उसे तुरंत साफ करें। हवा को साफ रखने के लिए एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें।
2. घरेलू उपचार आजमाकर देखें:
गुनगुने नमकीन पानी से नाक साफ करने से एलर्जी पैदा करने वाले ग्रेन्स निकल जाते हैं। भाप लेने से बंद नाक खुल जाती है और गले की खराश में आराम मिलता है। गुनगुना पानी पिएं। इससे बलगम पतला होता है और नाक बहना आसान हो जाता है।
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3. डॉक्टर से जरूर करें संपर्क
छींक ज्यादा बढ़ने पर उसे कोल्ड की तरह ट्रीटन करें। अच्छे ईएनटी से संपर्क करें। ईएनटी आपको हिस्टामाइन सॉल्ट वाली दवाइयां सजेस्ट करते हैं। ये दवाई छींक को रोकने में मदद करती हैं।
ध्यान रखें कि किसी भी दवाई को बिना पूछे न लें वरना आपकी एलर्जी थमने की जगह ज्यादा बढ़ सकती हैं।
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Image Credit: Freepik
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