कैंसर का नाम सुनते ही मन में डर सा बैठ जाता है। यह बीमारी आज भी दुनिया-भर में लाखों लोगों के लिए एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। इस जानलेवा बीमारी के कई कारण होते हैं, लेकिन इनमें से एक प्रमुख और सबसे खतरनाक कारण तंबाकू का सेवन है। इतना सब जानने के बावजूद तंबाकू के प्रोडक्टृस का उपयोग आज भी बड़ी संख्या में लोग करते हैं और लोग अक्सर इसके गंभीर परिणामों से अनजान रहते हैं या उन्हें नजरअंदाज कर देते हैं।
यह जानना बेहद जरूरी है कि तंबाकू सिर्फ फेफड़ों को ही नहीं, बल्कि शरीर के कई अन्य अंगों को भी बुरा असर करके कैंसर का कारण बन सकता है। चाहे वह सिगरेट हो, बीड़ी हो, गुटखा हो या तंबाकू के अन्य कोई प्रोडक्ट्स , इनमें मौजूद हानिकारक केमिकल धीरे-धीरे हमारे शरीर के सेल्स को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे वे असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं और कैंसर का रूप ले लेते हैं।
इस गंभीर विषय की जानकारी हमें अहमदाबाद के नारायणा हॉस्पिटल के मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट डॉक्टर ऋषभ कोठारी हमारे साथ हैं। डॉ. कोठारी हमें कैंसर और तंबाकू के उपयोग के बीच के संबंध, तंबाकू से होने वाले कई तरह के कैंसर, इसके शुरुआती लक्षण और सबसे जरूरी, इस लत से छुटकारा पाने के तरीकों के बारे में बता रहे हैं, जो आपको जानना जरूरी है। इससे हमें इस बीमारी को समझने और इससे बचाव के लिए सही कदम उठाने में मदद मिलेगी।
1. नॉर्मल कैंसर कौन से हैं और तंबाकू खाने से होने वाला सबसे आम कैंसर कौन सा है?
कैंसर के सामान्य प्रकारों में शामिल हैं:
- फेफड़ों का कैंसर
- ब्रेस्ट कैंसर
- कोलोरेक्टल कैंसर
- प्रोस्टेट कैंसर
- लिवर कैंसर
- सर्वाइकल कैंसर
- त्वचा कैंसर
- पैंक्रियाज का कैंसर
- पेट का कैंसर
- एसोफैगल कैंसर
तंबाकू खाने से होने वाले सबसे आम कैंसर
फेफड़ों का कैंसर तंबाकू से जुड़ा सबसे आम और खतरनाक कैंसर है। हालांकि, तंबाकू खाने से इन कैंसर के होने का खतरा बढ़ सकता है:
- गले, मुंह और ग्रासनली का कैंसर
- ब्लैडर कैंसर
- पैंक्रियाज का कैंसर
- किडनी कैंसर
- सर्वाइकल कैंसर
- एक्यूट मायलॉइड ल्यूकेमिया
2. क्या कभी-कभार स्मोकिंग करना भी उतना ही हानिकारक है और क्या इससे कैंसर का खतरा बढ़ सकता है?
जी हां, कभी-कभार स्मोकिंग भी-
- डीएनए और सेल्स को नुकसान पहुंचा सकता है।
- समय के साथ कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है।
- निर्भरता और नियमित उपयोग की ओर बढ़ सकता है।
तंबाकू के संपर्क का कोई सुरक्षित लेवल नहीं है। हल्के या रुक-रुककर स्मोकिंग करने से भी कैंसर का खतरा बढ़ता है।
3. क्या ई-सिगरेट (वेप्स) जैसे वैकल्पिक विकल्प रेगुलर सिगरेट जितने ही हानिकारक हैं?
ई-सिगरेट (वेप्स) को अक्सर सुरक्षित माना जाता है, लेकिन-
- इनमें निकोटीन होता है, जो एक नशे की लत जैसा होता है।
- इसे पीने वाला केमिकल्स, हैवी मेटल्स और अत्यंत महीन कणों के संपर्क में आता है, जो फेफड़ों और हार्ट को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
- इसके लंबे समय तक होने वाले असर का अभी भी अध्ययन किया जा रहा है, लेकिन इससे कैंसर और फेफड़ों की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
- ये सुरक्षित नहीं हैं, खासकर युवाओं के लिए।
4. कैंसर के इलाज के दौरान तंबाकू का सेवन करने से क्या होता है?
अगर कोई व्यक्ति कैंसर का इलाज करवा रहा है और उसी दौरान तंबाकू का सेवन करता है, तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं:
- इलाज का असर कम हो सकता है।
- इलाज के दौरान होने वाली परेशानियां, जैसे घाव भरने में देरी या इंफेक्शन का खतरा बढ़ सकता है।
- शरीर को ठीक होने और ताकत पाने में ज्यादा समय लग सकता है।
- इलाज के बाद भी तंबाकू खाने से दूसरा नया कैंसर होने का खतरा काफी बढ़ जाता है।
- ऐसे मरीजों की तुलना में, जो तंबाकू छोड़ देते हैं, खाने वालों में जीवित रहने की दर में कमी आती है।
- यह समझना जरूरी है कि कैंसर का पता चलने के बाद भी अगर आप तंबाकू छोड़ देते हैं, तो इलाज के नतीजे कई गुना बेहतर हो जाते हैं।
5. कैंसर के शुरुआती लक्षण/संकेत क्या हैं?
कैंसर के शुरुआती लक्षण कैंसर के प्रकार के हिसाब से अलग-अलग हो सकते हैं, लेकिन कुछ ऐसे सामान्य संकेत हैं, जिन पर आपको तुरंत ध्यान देना चाहिए और डॉक्टर से मिलना चाहिए:
- अगर आपका वजन बिना किसी कोशिश के लगातार कम हो रहा है।
- अगर आपको हमेशा थकान महसूस होती है, जो आराम करने पर भी नहीं जाती।
- लगातार खांसी या आवाज में बदलाव
- पेशाब या मल में खून आना
- त्वचा में बदलाव
- खाना या पानी निगलने में दर्द या परेशानी महसूस होना।
- गांठ या सूजन
- शरीर के किसी हिस्से में ऐसा दर्द जो लगातार बना रहे और दवा से भी ठीक न हो।
कैंसर का जल्दी पता लगना बेहद जरूरी है, क्योंकि इससे इलाज सफल होने के चांस बढ़ जाते हैं। इसलिए, रेगुलर चेकअप करवाते रहें और कोई भी असामान्य लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
6. तंबाकू छोड़ने से कैंसर का खतरा कैसे कम होता है?
तंबाकू छोड़ना आपके स्वास्थ्य के लिए सबसे अच्छा फैसला हो सकता है। इसे छोड़ने से:
- कैंसर सहित अन्य गंभीर बीमारियों का खतरा छोड़ते ही कम होना शुरू हो जाता है।
- समय के साथ, फेफड़ों, गले, ब्लैडर और मुंह के कैंसर का खतरा काफी कम हो जाता है।
- 10-15 साल तक तंबाकू छोड़ने के बाद, कई कैंसर के लिए आपका खतरा एक ऐसे व्यक्ति के बराबर हो सकता है, जिसने कभी तंबाकू नहीं खाया है।
फेफड़ों की कार्यक्षमता, दिल का स्वास्थ्य और शरीर की इम्यूनिटी में भी सुधार होता है, जिससे पूरे शरीर का स्वास्थ्य सुधरता है।
7. लोगों को तंबाकू छोड़ने के लिए क्या तरीके आजमाने चाहिए?
तंबाकू छोड़ना एक चुनौती भरा सफर हो सकता है, लेकिन कुछ असरदार तरीके इसमें आपकी मदद कर सकते हैं:
- निकोटीन रिप्लेसमेंट थेरेपी (NRT): इसमें निकोटीन पैच, गम या लॉज़ेंजेस का इस्तेमाल किया जाता है, जो तंबाकू की तलब कम करते हैं।
- नुस्खे वाली दवाएं: डॉक्टर की सलाह से कुछ दवाएं ली जा सकती हैं, जो तलब और विड्रॉल के लक्षणों को कम करती हैं।
- किसी एक्सपर्ट से बात करके पर्सनली या ऑनलाइन आप छोड़ने के लिए तरीके सीख सकते हैं और मानसिक रूप से तैयार हो सकते हैं।
- ऐसे ग्रुप्स से जुड़ें, जहां अन्य लोग भी तंबाकू छोड़ने की कोशिश कर रहे हों। एक-दूसरे का साथ और अनुभव शेयर करना मददगार होता है।
- ऐसे कई ऐप और हेल्पलाइन उपलब्ध हैं, जो आपको छोड़ने के प्रोसेस में मदद करते हैं।
- अपनी इच्छाशक्ति और परिवार व दोस्तों के सपोर्ट से आपको मदद मिल सकती है।
- दवा और परामर्श का एक साथ इस्तेमाल करना सबसे असरदार होता है।
8. उन युवाओं के लिए मुख्य संदेश क्या है, जो तंबाकू खाना शुरू करते हैं और इससे बचना क्यों जरूरी है?
तंबाकू को अपना भविष्य बर्बाद न करने दें। एक कश जीवन-भर की लत, बीमारी और पछतावे का कारण बन सकता है। आपका स्वास्थ्य आपकी सबसे बड़ी पूंजी है, जब तक आप कर सकते हैं, उसकी रक्षा करें।
इससे बचना क्यों जरूरी है:
- तंबाकू की लत बहुत कम उम्र में ही लग जाती है और इसे छोड़ना बहुत मुश्किल होता है।
- यह आपके फेफड़ों, हार्ट और ब्रेन के विकास को भी स्थायी रूप से नुकसान पहुंचा सकता है। कैंसर का खतरा दशकों बाद भी बना रहता है।
- तंबाकू कंपनियां अक्सर युवाओं को लुभाने के लिए आकर्षक विज्ञापन करती हैं। उनके बहकावे में न आएं।
- बाद में छोड़ने की कोशिश करने से कहीं बेहतर है कि आप कभी इसकी शुरुआत ही न करें।
आप भी इन उपायों को आजमाकर तीखा खाने के बाद प्राइवेट पार्ट में होने वाली जलन को रोक सकती हैं। अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के ऊपर दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
Image Credit: Freepik
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