पीरियड्स से जुड़े टैबू को तोड़कर धीरे-धीरे महिलाएं अब अपनी सेक्सुअल प्रॉब्लम्स के बारे में खुल कर बोलने लगी हैं। इससे महिलाओं को अपने मेंस्ट्रुअल हेल्थ के बारे में उस विशेष समय की परेशानियों और चुनौतियों के बारे में आसानी से बात और चर्चा करने का जरिया मिल रहा है। आपके पीरियड के ब्लड का रंग कैसा दिखना चाहिए? यह जानकर आप बहुत सारी हेल्थ प्रॉब्लम्स से बच सकती हैं। हेल्दी पीरियड में ब्लड का कलर आमतौर पर ब्राइट रेड से लेकर डार्क ब्राउन और ब्लैक तक होता है।
ब्लड का कलर और टेक्सचर हर महीने और हर एक पीरियड के दौरान बदल सकता है। साथ ही हार्मोनल बदलाव के अलावा महिलाओं की डाइट, लाइफस्टाइल, उम्र और एनवायरमेंट ये सभी बातें ब्लड के कलर में बदलाव ला सकती हैं। इन्फेक्शन, प्रेग्नेंसी और दुर्लभ मामलों में सर्वाइकल कैंसर असामान्य ब्लड का कलर या इरेगुलर ब्लीडिंग का कारण बन सकता है। कोई भी महिला जो प्रेग्नेंट है और किसी भी ब्लीडिंग या असामान्य वेजाइनल डिस्चार्ज को नोटिस करती है तो उसे तुरंत ऑब्स्ट्रीटीशियन से बात करनी चाहिए। पीरियड का ब्लड आपकी हेल्थ के बारे में क्या बताता है? आइए इस बारे में नोएडा के मदरहुड हॉस्पिटल के कंसल्टेशन गायनेकोलॉजिस्ट और ऑब्स्ट्रीटीशियन डॉक्टर संदीप चड्ढा से विस्तार में जानें।
इसे जरूर पढ़ें: उम्र के साथ-साथ पीरियड्स में आते हैं कुछ बदलाव, जानिए कैसे
ब्राइट रेड और डार्क रेड ब्लड, दोनों एक हेल्दी पीरियड का संकेत है। जब ब्लड ब्राइट रेड होता है तो यह फ्रेश होता है - यह आपके पीरियड्स के शुरुआत में अधिक सामान्य होता है जब ब्लीडिंग ज्यादा होती है।
पीरियड की शुरुआत या अंत में पीरियड का कलर ब्राउन होना सामान्य है और यह सिर्फ इस बात की ओर संकेत करता है कि डिस्चार्ज किया गया ब्लड पुराना है।
अगर कोई महिला पीरियड में पिंक कलर का ब्लड नोटिस करती है तो यह ब्लड के साथ सर्वाइकल फ्लूइड के मिक्स होने के कारण होता है। हालांकि, अगर ब्लड का फ्लो सामान्य के मुकाबले हल्का है तो यह कम एस्ट्रोजन के लेवल की ओर इशारा करता है।
पीरियड का ब्लैक ब्लड सिर्फ ब्लड होता है जिसे यूट्रस को छोड़ने में काफी समय लगता है और इसका अधिक ऑक्सीकरण होता है। यह उन महिलाओं में आम हो सकता है जिनके असामान्य पीरियड्स होते हैं।
पीरियड में ब्राइट ऑरेंज कलर के ब्लड का आना इस बात का संकेत है कि वेजाइना में कुछ इन्फेक्शन हुआ है। उदाहरण के लिए, सेक्शुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन (एसटीआई) या बैक्टीरियल इन्फेक्शन। यह ब्लड एक असामान्य बदबू के साथ भी आ सकता है या इस ब्लड की बनावट में बदलाव होता है। ट्रीटमेंट के लिए महिलाओं को गायनेकोलॉजिस्ट के पास जाने की सलाह दी जाती है।
इस तरह का पीरियड ब्लड या वेजाइनल डिस्चार्ज इस बात का संकेत देता है कि महिला को कुछ इन्फेक्शन हुआ है और ट्रीटमेंट के लिए उन्हें गायनेकोलॉजिस्ट को दिखाने के लिए अपॉइंटमेंट बुक करना चाहिए। बैक्टीरियल वेजिनोसिस सबसे ज्यादा होने वाला नार्मल इन्फेक्शन है लेकिन अगर वेजाइनल डिस्चार्ज की बनावट में भी बदलाव होता है तो यह इस बात का संकेत है कि आपका मिसकैरेज हो रहा है (अगर आप प्रेग्नेंट हैं तो)।
कुछ और कंडीशन जिन पर तुरंत ध्यान देने की जरूरत है:
छोटे ब्लड के क्लॉट बनना मेंस्ट्रुएशन में नेचुरल होता है। जब ब्लड ज्यादा बह रहा हो तो यह पहले कुछ दिनों में नॉर्मल बात होती है। क्लॉट तब बनते हैं जब ब्लड पूल और जमा होना शुरू कर देता है। लेकिन अगर क्लॉट आकार में बड़े होते हैं और लगातार होते हैं तो यह चिंता का कारण हो सकते हैं और फाइब्रॉएड, यूटेराइन पॉलीप्स या एंडोमेट्रियोसिस जैसी कंडीशन का संकेत दे सकते हैं।
इसे जरूर पढ़ें: महीने के उन दिनों में आपके काम आ सकती हैं ये 6 आसान टिप्स
अगर महिला को अपने पीरियड के ब्लड में झिल्ली या टिश्यु दिखाई देते हैं तो कुछ गड़बड़ होना संभव है। कुछ पीरियड ब्लड में झिल्ली या टिश्यु के सबसे सामान्य कारणों में हार्मोन संबंधी समस्याएं शामिल हैं या मिसकैरेज (अगर महिला प्रेग्नेंट हो तो) होता है। एक महिला को किसी भी रंग के डिस्चार्ज से बचने के लिए ये सावधानियां बरतनी चाहिए:
इन बातों को ध्यान में रखकर आप भी अपनी हेल्थ का खयाल रख सकती हैं। हेल्थ से जुड़ी और जानकारी पाने के लिए हरजिंदगी से जुड़ी रहें।
यह विडियो भी देखें
Herzindagi video
हमारा उद्देश्य अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी प्रदान करना है। यहां बताए गए उपाय, सलाह और बातें केवल सामान्य जानकारी के लिए हैं। किसी भी तरह के हेल्थ, ब्यूटी, लाइफ हैक्स या ज्योतिष से जुड़े सुझावों को आजमाने से पहले कृपया अपने विशेषज्ञ से परामर्श लें। किसी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, [email protected] पर हमसे संपर्क करें।