ट्रांसजेंडर्स को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। खासकर, समाज के द्वारा किया जा रहा भेदभाव उन्हें अंदर से तोड़ देता है। इसके अलावा, आखिर क्यों वे बाकी सब की तरह नहीं हैं, क्यों वे उस सेक्स के साथ जुड़ाव महसूस नहीं कर पा रहे हैं, जिसमें वे पैदा हुए हैं, इस तरह के सवाल उन्हें परेशान करते रहते हैं। ट्रांसजेंडर्स के अंदर, ट्रांस पुरुष और ट्रांस महिला आती हैं। एक ट्रांस-महिला वह होती है जो पुरुष के शरीर में पैदा होती है लेकिन महिला के रूप में पहचान रखती है। वहीं, ट्रांस-पुरुष वे होते हैं जो महिला के शरीर में पैदा होते हैं, लेकिन पुरुष के रूप में अपनी पहचान रखते हैं। अपनी असल पहचान समझ आने के बाद, ट्रांसजेंडर्स के पास सेक्स-चेंज सर्जरी करवाकर अपना सेक्स बदलवाने का विकल्प होता है। यह ऑपरेशन कितना मुश्किल होता है, इससे पहले किस तरह ट्रांसजेंडर्स को साइकोलॉजिकली इस बारे में तैयार किया जाता है और इसमें कितना खर्च आता है। इस बारे में हमने डॉक्टर चेतना जैन, डायरेक्टर, प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग, क्लाउडनाइन ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स, गुरुग्राम से बात की।
ट्रांसजेंडर्स में कैसे होता है सेक्स-चेंज ऑपरेशन?
सेक्स-चेंज ऑपरेशन के बारे में डिटेल्स में बात करते हुए, डॉक्टर चेतना ने बताया कि मेल से फीमेल में चेज करने का प्रोसेस, फीमेल से मेल में बदलने की प्रक्रिया की तुलना में कम मुश्किल होता है। अगर कोई ट्रांसजेंडर, महिला के रूप में अपने शरीर में बदलाव चाहता है तो इसमें 2-5 सालों का समय लगता है। वहीं अगर कोई अपनी सेक्सुअल पहचान आदमी के तौर पर चाहता है, तो इसमें लगभग 6-8 सालों का वक्त लगता है। दोनों की केस में, प्रोसेस सबसे पहले साइकोलॉजिकल एवलुएशन से शुरू होता है। क्योंकि आपकी बॉडी को पूरी तरह से बदल देना, एक बहुत बड़ा स्टेप है। इसलिए सबसे पहले यह सुनिश्चित किया जाता है, कि आप इससे जुड़ी जटिलताओं को समझ लें। जब ट्रांसजेंडर व्यक्ति इस बदलाव को एक्सेप्ट करने के लिए तैयार होता है, तो फिर उसे लगभग एक साल के लिए हार्मोनल टैबलेट्स दी जाती हैं। (LGBTQ+ कम्युनिटी के लोगों की मानसिक समस्याएं)
क्या होती है दवाइयां?
किसी भी ट्रांस महिला को एंटी-टेस्टोस्टेरोन टैबलेट्स दी जाती हैं ताकि फेशियल हेयर कम हो सकें, चेस्ट विकसित होना शुरू हो सके और बाकी मेल फीचर्स भी कम हो सकें। वहीं ट्रांस पुरुष को टेस्टोस्टेरोन दवाइयां दी जाती हैं ताकि दाढ़ी उग सके, विकसित हुआ चेस्ट कम हो सके और बाकी फीमेल फीचर्स धीरे-धीरे कम होने लगें। डॉक्टर जैन कहती हैं, ''ये वो समय होता है जब डॉक्टर्स, पेशेंट को मॉनिटर करते हैं और देखते हैं कि वे दवाइयों और मीटिंग्स को लेकर कितने सजग है। इसमें एक साइकोलॉजिस्ट, साइकेट्रिस्ट और सेक्स चेंज करने जा रही डॉक्टर्स की पूरी टीम शामिल रहती है। ''
सामने आते हैं कई चैलेंज
जब एक इंसान अपनी पूरी पहचान बदलने का निर्णय लेता है, तो कई अपने परिवार, दोस्तों यहां तक कि शहर को भी छोड़ देते हैं ताकि वे एक नई जगह अपनी नई पहचान बना पाएं। वे उस जगह पर नहीं रहना चाहते जहां उनका मजाक बने या उन्हें कुछ गलत सुनना पड़े।
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कितना होता है खर्चा?
डॉक्टर जैन ने बताया कि इस सर्जरी में लगभग 2-4 लाख का खर्चा आ सकता है। हालांकि हार्मोनल इंजेक्शन, दवाइयां और डॉक्टर के अपॉइंटमेंट्स सब मिलाकर पूरा खर्चा लगभग 8-10 लाख पड़ता है।
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