जानिए उस बीमारी के बारे में जिसके कारण दर्द होता है शरीर का हर हिस्सा

क्या आपको पता है कि स्टिफ पर्सन सिंड्रोम क्या है और इसके कारण कितनी ज्यादा तकलीफ हो सकती है?

Muscle stiffness and issues

इन दिनों एक ऐसी बीमारी बहुत चर्चा में है जिसके कारण इंसान का पूरा शरीर दर्द देने लगता है। ये एक ऐसी बीमारी है जो एक हॉलीवुड सेलेब को हुई है। दरअसल, ग्रैमी अवॉर्ड विनिंग सिंगर सिलीन डिऑन ने हाल ही में ये बताया है कि उन्हें एक रेयर मेडिकल कंडीशन के कारण परेशानी हो रही है जिसे स्टिफ पर्सन सिंड्रोम कहा जाता है। इसके कारण उन्होंने अपना 2023 का यूरोप टूर भी स्थगित कर दिया है।

सिलीन की मानें तो उन्हें जिस तरह का दर्द हो रहा है उसके कारण वो ठीक तरह से चल भी नहीं पा रही हैं और वो उस तरह से गा भी नहीं पा रही हैं जैसे वो गाया करती थीं।

जब से ये घोषणा हुई है तब से ही ये बीमारी ट्रेंड करने लगी है। इस बीमारी में शरीर का हर हिस्सा दर्द करता है। नहीं-नहीं ये अर्थराइटिस की तरह हड्डी का दर्द या फिर गलत तरीके से बैठने या सोने से हुआ दर्द नहीं बल्कि हर तरह से शरीर की मांसपेशियों में होने वाली ऐंठन से है।

आज हम इस बीमारी के बारे में ही बात करते हैं।

stiffness in body

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किस तरह के लक्षण दिखने पर हो सकता है स्टिफ पर्सन सिंड्रोम?

इस बीमारी का सबसे आम लक्षण इसके नाम द्वारा ही समझा जा सकता है। स्टिफनेस या फिर स्पैज़म होना। कभी-कभी ये सिर्फ किसी एक अंग तक ही सीमित रहते हैं तो कभी ये पूरे शरीर को परेशान कर सकते हैं।

stiff person problems

कभी-कभी ये कम दर्द करते हैं तो कभी इतना दर्द होता है कि आपका पूरा शरीर ही दुखने लगे और आप उठकर खड़े भी ना हो पाएं। ये इतना दर्द कर सकते हैं कि आपको इनके कारण एंग्जाइटी और इमोशनल डिस्ट्रेस होने लगे।

किन कारणों से ट्रिगर हो सकता है दर्द?

ये किसी भी कारण से हो सकता है। उदाहरण के तौर पर कई बार ज्यादा ठंडक, कभी ज्यादा गर्मी, कभी तेज आवाज से भी ये ट्रिगर हो सकते हैं। समय बीतते-बीतते ये स्पैज़म ज्यादा बढ़ सकते हैं जिसके कारण चलने-फिरने का पैटर्न भी बदल जाता है।

ये बीमारी 10 लाख लोगों में से किसी एक को होती है और ये एक खास तरह का न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है।

stiff person syndrome

किस कारण से होती है ये बीमारी?

ये एक तरह की ऑटो इम्यून डिजीज समझी जाती है। ये ऐसे लोगों को ट्रिगर करती है जिन्हें anti-glutamic acid decarboxylase antibodies (GAD Ab) नामक कंडीशन होती है जिसके कारण मेटाबॉलिक बदलाव होने लगते हैं और साथ ही साथ खून में भी समस्या होने लगती है।

ऐसा समय हो सकता है जिसमें लोगों को डायबिटीज या थायराइड हो और उन्हें कम GAD Ab निकले, लेकिन अगर ये आंकड़ा हाई है तो स्टिफ पर्सन सिंड्रोम हो सकता है।

एक और बात जिसका ध्यान रखने की जरूरत है वो ये कि इस तरह की बीमारी से मालिगनेंसी जैसे ब्रेस्ट या लंग कैंसर की समस्या हो सकती है।

कैसे डायग्नोज होती है ये समस्या?

ये समस्या जल्दी डायग्नोज नहीं हो पाती है और कुछ हल्के-फुल्के केस तो डायग्नोज भी नहीं होते हैं। अधिकतर डॉक्टर्स तो इसके बारे में जानते भी नहीं हैं। इसके लिए खास टेस्ट होते हैं और इसका पता किसी न्यूरोलॉजिस्ट या न्यूरो मस्कुलर स्पेशलिस्ट से चल सकता है।

शरीर का सख्त पड़ने लगना और अलग-अलग तरह के फिजियोलॉजिकल और ब्लड टेस्ट होना इस बीमारी का पता लगा सकता है। कई मरीज पूरी तरह से अकड़े हुए फील होते हैं और उसके बाद इस बीमारी का पता लग पाता है।

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कैसे होता है ट्रीटमेंट?

इसका ट्रीटमेंट डॉक्टर की सलाह पर होता है और इसमें मरीज को कई फिजियोलॉजिकल ट्रीटमेंट भी बताए जाते हैं। ये जरूरी नहीं कि दवाओं का असर मरीज़ों पर वैसा ही हो जैसा डॉक्टर ने सोचा है। कई बार ये बहुत ज्यादा परेशानी पैदा कर सकता है।

जितना लंबा समय इसे डायग्नोज करने में लगेगा उतना ही ज्यादा इससे जुड़ी परेशानी बढ़ती जाएगी। अगर आपको जरा भी दिक्कत महसूस हो रही है तो डॉक्टर के पास जाना ज्यादा सुविधाजनक होगा।

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क्या आपको भी इस बीमारी के बारे में पता था? अपने जवाब हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।

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