अंधेरे से लगता है डर? हो सकती है यह बीमारी

क्या आपको भी अंधेर से अत्यधिक डर लगता है? क्या अंधेरे में आपको भी डर से पसीना आने लगता है। आइए जानते हैं इसके कारण

  • Aiman Khan
  • Editorial
  • Updated - 2024-09-03, 17:39 IST
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अंधेरे से डर सभी को लगता है, ये बेहद सामान्य सी बात है लेकिन अगर कोई व्यक्ति अंधेरे से बहुत ज्यादा डरता है, व्यक्ति अंधेरे का सोच कर ही परेशान होने लगता है तो यह एक तरह के रोग में गिना जाता है। इसे निक्टोफोबिया के नाम से जानते हैं,यह एक मानसिक विकार है। आइए एक्सपर्ट से समझते हैं क्या होती है यह बीमारी?इसके लक्षण क्या होते हैं?इसको लेकर हमने एक्सपर्ट से बात की। डॉ. निखिल नायर, मानसिक रोग विशेषज्ञ, शारदा अस्पताल इस बारे में जानकारी दे रहे हैं।

निक्टोफोबिया के लक्षण क्या हैं?

DARKNESS PHOBIA

  • अंधेरे में होने पर या अंधेरे के बारे में सोचने पर अत्यधिक चिंता या घबराहट महसूस होना
  • अंधेरे में होने पर दिल की धड़कन का तेज होना
  • पसीना आना
  • कांपना
  • सांस लेने में कठिनाई
  • मुंह का सूखना
  • मतली
  • चक्कर
  • पाचन तंत्र की गड़बड़ी
  • अनिद्रा
  • पैनिक अटैक

निक्टोफोबिया के कारण

  • बचपन में अंधेरे में कोई डरावना अनुभव होना जैसे किसी अनदेखी चीज से डरना या अंधेरे में खो जाना
  • अंधेरे में हुआ कोई हादसा भी इसके लिए जिम्मेदार हो सकता है।
  • माता-पिता द्वारा अत्यधिक सावधानियां चिंता दिखाने से बच्चों का अंधेरे का दर बढ़ सकता है, जिससे यह फोबिया में बदल सकता है। बार बार बच्चों को अंधेरे से डराना
  • कहानी, फिल्में या सांस्कृतिक मान्यताएं जो अंधेरे को बुराई खतरे से जोड़ती है निक्टोफोबिया के विकास में योगदान दे सकते हैं

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बचाव के उपाय

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  • सोने से पहले डरावनी फिल्में, समाचार या सोशल मीडिया के ऐसे कंटेंट से बचें, जो अंधेरे से संबंधित चीजें दिखती हो। इससे यह समस्या और बढ़ सकती है। इसके बजाय हल्की और सकारात्मक गतिविधियां करें, किताब पढ़ें धार्मिक संगीत सुने।
  • अंधेरे के प्रति डर को कम करने के लिए धीरे-धीरे अंधेरे में रहने की कोशिश करें। सोते समय हल्की रोशनी में सोएं और धीरे-धीरे इसे कम करें, जब तक कि आप अंधेरे में सहज ना हो जाएं।
  • योग और ध्यान करें इससे मन को शांत करने में मदद मिलती है।

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Image Credit- freepik

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