क्या BMI फर्टिलिटी को प्रभावित कर सकता है?

क्या सच में वजन कम या ज्यादा रहने से प्रजनन क्षमता पर असर पड़ता है।  किया इस कारण कंसीव करने में दिक्कत आती है? आइए एक्सपर्ट से जानते हैं इस बारे में।

  • Aiman Khan
  • Editorial
  • Updated - 2024-07-26, 13:50 IST
the effects of bmi on your fertility health

प्रेग्नेंसी एक नाजुक फेज होता है ऐसे में आप गर्भधारण का सोच रही हैं तो आपको आपको सेहतमंद वजन बनाए रखना बेहद जरूरी है। अक्सर लोग कहते हैं कि अगर जरूरत से ज्यादा वजन कम होता है या ज्यादा होता है तो इससे प्रजनन क्षमता प्रभावित हो सकती है। गर्भधारन करने में परेशानी होती है। क्या सच में वजन का फर्टिलिटी से कोई लेना देना है,यह जानने के लिए हमने एक्सपर्ट से बात की डॉ. अस्वाति नायर, फर्टिलिटी एक्सपर्ट, नोवा साउथएंड फर्टिलिटी एंड आईवीएफ इस बारे में जानकारी दे रही हैं।

क्या BMI फर्टिलिटी को प्रभावित कर सकता है?

flat lay fertility

डॉ. अस्वाति नायर बताती हैं कि बीएमआई यानी कि बॉडी मास इंडेक्स, 25 से अधिक बीएमआई को अधिक वजन की श्रेणी में रखा जाता है,वहीं 30 से अधिक बीएमआई को मोटापा माना जाता है। जब आपका वजन ज्यादा होता है तो इंसुलिन रेजिस्टेंस का कारण बन सकता है,जिसका प्रभाव ओवरी की कार्य क्षमता पर पड़ सकता है। 30 से अधिक बीएमआई की वजह से असामान्य ओव्युलेशन और मासिक चक्र खराब होने का खतरा बढ़ जाता है। फैटी टिशूज के अधिक होने से एस्ट्रोजन का निर्माण होता है जिसकी वजह से सामान्य ओव्युलेशन के लिए मिलने वाले हॉर्मोनल संकेत में बाधा पैदा होने लगती है। इससे गर्भधारण करने में परेशानी होती है।

एक्सपर्ट बताती हैं की मोटापे की वजह से एग की गुणवत्ता और गर्भाशय में भ्रूण इम्प्लांट होने पर प्रभाव पड़ सकता है। ऐसा होना से गर्भपात होने की आशंका बढ़ जाती है। इसके अलावा अधिक वजन वाली महिलाओं में पीसीओएस, ट्यूब में संक्रमण और एंटोमेट्रियोसिस जैसी समस्याओं का जोखिम ज्यादा होता है।

वहीं जब वजन 18.5 से कम होता है तो इसकी अलग चुनौतियां हो सकती हैं। कम वजन से प्रोजेस्ट्रॉन कम हो जाता है और स्ट्रेस हार्मोन कोर्टिसोल का स्तर सामान्य से काफी ज्यादा होने लगता है इससे भी ओव्युलेशन में परेशानी होती ही

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ऐसे मेंटेन करें हेल्दी वजन

FERTILITY AND BMI

  • पौष्टिक आहार
  • शारीरिक गतिविधियां जैसे जॉगिंग, ब्रिस्क वॉकिंग करें
  • ज्यादा शक्कर और प्रोसेस की गई चीजें कम खाएं या न खाएं।
  • अच्छी नींद लें
  • साबुत अनाजों,फलियों को डाइट में शामिल करें।

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Image Credit- freepik

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