आयुर्वेद में वात,पित्त और कफ इन तीनों के आधार पर ही किसी बीमारी का इलाज किया जाता है। वात-पित्त-कफ दोष क्या हैं और इनके बिगड़ने पर हमारे शरीर में क्या लक्षण नजर आते हैं, यह जानना बेहद जरूरी है। आयुर्वेद में इन तीनों को त्रिदोष कहा जाता है। इस अंसतुलन के पीछे मौसम और उम्र में बदलाव हो सकता है। इसके अलावा लाइफस्टाइल और खान-पान से जुड़ी आदतें या फिर कोई बीमारी भी इसके पीछे की वजह हो सकती है। जिस तरह से हमें हमारे ब्लड ग्रुप के बारे में जानकारी होती है, स्किन टाइप पता होता है, ठीक उसी तरह इन दोषों के बारे में भी जानना चाहिए ताकि हम अपने शरीर को प्रकृति को पहचान सकें और उसी हिसाब से अपने शरीर का ख्याल रख सकें। इस बारे में आयुवर्दिक डॉक्टर नीतिका कोहली की क्या राय है, आइए आपको बताते हैं।
हमारी बॉडी की प्रकृति द्वंदज होती है यानी की दो दोषों की अधिकता होती है। ये तीनों ही दोष हमारे शरीर में पाए जाते हैं। जिन भी दो दोषों की अधिकता शरीर में होने लगती हैं, उनके लक्षण नजर आने लगते हैं।
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आयुर्वेद का मानें तो किसी भी बीमारी का इलाज करने से लिए सबसे पहले शरीर की प्रकृति को जानना बहुत जरूरी है। इसलिए आयुर्वेद वात-पित्त और कफ पर इतना जोर देता है। आप में जिस दोष की अधिकता हो, उस हिसाब से आपको डाइट और लाइफस्टाइल से जुड़े कई बदलाव करने की सलाद दी जाती है ताकि शरीर में संतुलन बना रहे।
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