45 की उम्र के बाद महिलाओं केपीरियड्स बंद होने लगते है, जिसे मेनोपॉज कहा जाता है। मेनोपॉज से पहले या उस दौरान महिलाओं में कई तरह की समस्याएं देखने को मिलते हैं, जिसमें अनियिमित ब्लीडिंग, अनिद्रा, घबराहट, वेजाइनल ड्राइनेस और मोटापा आदि शामिल है। इस दौरान एक और समस्या दिखाई देती है, जिसे हॉट फ्लैशेस के नाम से जाना जाता है। हॉट फ्लैशेस में अचानक से गर्मी की अहसास होने लगता है, विशेष रूप से चेहरे, गर्दन और चेस्ट पर। हॉट फ्लैशेस मेनोपॉज का एक सामान्य लक्षण है।
हॉट फ्लैशेस के लक्षण:
- शरीर के अंदर बढ़े हुए टेम्परेचर के कारण त्वचा का ब्राइट रेड होना।
- दिल की धड़कन का तेज होना
- अधिक पसीना आना
- हॉट फ्लैशेस का अनुभव करने के बाद ठंड लगना।

हॉट फ्लैशेस के कारण
- प्रजनन हार्मोन की कमी
- शरीर के टेम्परेचर में मामूली बदलाव से सेंसिटिविटी बढ़ना
- स्मोकिंग
- मोटापा
- बेचैनी
- तनाव
हॉट फ्लैशेस की जटिलताएं
- रात में हॉट फ्लैशेस के कारण क्रोनिक अनिद्रा
- हृदय रोग का खतरा
- हड्डी टूटने का खतरा
हॉट फ्लैशेस का उपचार:
- अपने वातावरण को ठंडा रखें।
- हेल्दी खाएं।
- गर्म और मसालेदार भोजन, कैफीन, पेय और अल्कोहल से बचें।
- मन को शांत रखें।
- स्मोकिंग छोड़ दें।
- रेगुलर एक्सरसाइज करें।
- अपने शरीर की बीएमआई को बनाए रखें।
लेकिन, अगर आप बहुत अधिक मात्रा में हॉट फ्लैशेस का सामना कर रहे हैं, तो चिकित्सा सहायता लेना बेहतर होता है। डॉक्टर आपकी जरूरत के अनुसार आपको एंटीडिप्रेसेंट या हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी दे सकता है।
डॉक्टर अनीता सोनी (MBBS, MD - Obstetrics & Gynaecology, DGO) को एक्सपर्ट सलाह के लिए विशेष धन्यवाद।
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