Cosmetics का ज्‍यादा इस्‍तेमाल करने वाली महिलाओं में बढ़ता है infertility का खतरा

अगर आप बहुत ज्‍यादा कॉस्‍मेटिक का इस्‍तेमाल करती हैं तो सावधान हो जाएं क्‍योंकि आईवीएफ विशेषज्ञों के अनुसार इससे महिलाओं में infertility का खतरा बहुत ज्‍यादा बढ़ जाता है।

  • Pooja Sinha
  • Her Zindagi Editorial
  • Updated - 2018-02-01, 10:26 IST
cosmatic health problem ()

सुंदर दिखने के लिए ज्‍यादातर महिलाएं कॉस्‍मेटिक का इस्‍तेमाल करती हैं लेकिन अगर आप कॉस्‍मेटिक का इस्‍तेमाल जरूरत से ज्‍यादा करती हैं तो सावधान हो जाएं क्‍योंकि एक नई रिसर्च के अनुसार कॉस्‍मेटिक के ज्‍यादा इस्‍तेमाल से महिलाओं में Infertility का खतरा बढ़ रहा हैं। आइए इस रिपोर्ट के बारे में विस्‍तार से जानकारी लें।

जी हां डॉक्‍टरों के अनुसार, कॉस्‍मेटिक्स जैसे नेल पॉलिश, antibacterial soaps, anti-ageing creams; इन सभी में बहुत अधिक मात्रा में केमिकल होते हैं और कई अन्‍य साइड इफेक्‍ट के अलावा महिला की fertility पर negative effects पड़ सकते हैं। विशेषज्ञों ने आगाह किया है कि इस विषय पर बढ़ते शोध ने इन कॉस्मेटिक उत्पादों के संभावित दुष्प्रभावों के बारे में कुछ चिंताएं उठाईं हैं। इन ब्यूटी प्रोडक्ट्स से ना सिर्फ हार्मोनल सिस्टम में डिफेक्ट आता है बल्कि ये महिलाओं की fertility पर भी बुरा असर डालते हैं।

Infertility का खतरा

इंदिरा आईवीएफ़ से जुड़े IVF विशेषज्ञ सागरिका अग्रवाल ने आईएएनएस से कहा, "'हाल में कॉस्मेटिक products में कुछ ऐसे हानिकारक chemical पाए गए हैं जो महिलाओं के एंडोक्राइन सिस्टम को प्रभावित करते हैं। इससे महिलाओं के अंडाशय में दिक्कत आती है, गर्भपात का खतरा रहता है और Infertility की दिक्कत हो जाती है। यहां तक कि Antibacterial soap गर्भधारण की संभावनाओं को भी मार सकता है।"

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उन्होंने बताया कि कीटाणुओं को मारने वाले साबुन में 'triclosan' नाम का केमिकल होता है जो एंडोक्राइन सिस्टम में खराबी पैदा करता है, जिससे हार्मोन के रिलीज होने में दिक्कत आ जाती है जो महिलाओं में प्रजनन संबंधी समस्या पैदा करता है।

"Parabens preservative का एक प्रकार है जो (साबुन, शैंपू और कंडीशनर में मौजूद) बैक्‍ट‍ीरिया के विकास को रोकने के लिए प्रयोग किया जाता है। लेकिन बहुत ज्यादा इसका इस्‍तेमाल fertility को प्रभावित कर सकता है। जब हार्मोन संतुलन से बाहर हो जाते हैं, तो स्वस्थ अंडे बनाने की संभावना और healthy sperm कम हो जाते है, "अग्रवाल ने कहा।

क्‍या कहती है रिसर्च

2013 में business chamber Assocham के एक survey ने इस बात का खुलासा किया था कि 16-21 आयु वर्ग के 75 प्रतिशत भारतीय युवाओं ने cosmetics पर प्रति माह 6,000 रुपये खर्च किये है।

विशेषज्ञों ने कहा है कि नेल पॉलिश के ingredients में केमिकल का कॉकटेल होता है जिससे जन्मजात दोष और fertility को नुकसान, विशेष रूप नेल पॉलिश में 'formaldehyde', 'dibutyl Phthalate (DPT)' और 'toluene' जैसे कंपाउंड होते हैं, जिनसे बांझपन, गर्भपात और नवजात बच्चे में कमजोरी जैसी दिक्कतें होने का खतरा रहता है।

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नेल पॉलिश रिमूवर में भी है केमिकल

एक बेंगलुरु स्थित आईवीएफ विशेषज्ञ ने कहा, ""Phthalates पुरुष और महिला दोनों की infertility से जुड़ी हुई हैं"। नेल पॉलिश रिमूवर के बारे में बात करते हुए, मंजूला ने कहा कि इसमें एसीटोन, methyl methacrylate, toluene और ethyl जैसे विषाक्त केमिकल शामिल होते हैं। 'टोल्यूईन' तत्व सेंट्रल नर्वस सिस्टम (CNS) को पर बुरा असर डालता है और इसका सीधा प्रभाव प्रजनन प्रणाली पर पड़ता है।

"मांजुला ने यह भी कहा कि "Toluene, एक सामान्‍य तौर पर इस्‍तेमाल किया जाने वाला solvent है जो नेल्स को glossy finish देता है इसके अलावा यह सीएनएस को प्रभावित करता है और reproductive harm का कारण बनता है। लगभग हर कॉस्‍मेटिक प्रोडक्‍ट में यह पाया जाने सबसे नॉर्मल केमिकल, हार्मोंन के लेवल को बाधित, fertility को प्रभावित और प्रेग्‍नेंसी में ब्रेस्‍ट मिल्‍क को भी प्रभावित करता है।

इंदौर स्थित independent IVF expert ज्योति त्रिपाठी ने कहा कि इन कॉस्मेटिक केमिकल के संपर्क में आने से महिलाओं में miscarriage का जोखिम बहुत ज्‍यादा होता है और बच्चे में physical और mental birth defects का खतरा भी बहुत ज्‍यादा होता है।

डॉक्‍टर त्रिपाठी ने कहा, "यह miscarriage, समय से पहले जन्म, कम वजनी बच्‍चे, सीखने की समस्याएं, व्यवहार संबंधी मुद्दों और ब्रेन, किडनी या नर्वस सिस्टम की क्षति हो सकती है।"

News Source: IANS

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