क्या आपका जी मिचलाता है और लगातार उल्टी होती है?
क्या आप बिना किसी कारण के कमजोरी महसूस करती हैं या भूख कम हो गई है?
क्या आपके पेट में दर्द रहता है या अचानक आपका वजन कम हो गया है?
अगर हां, तो यह पेट के कैंसर का संकेत हो सकते हैं। आइए, इसके लक्षण, कारण और इलाज के बारे में आर्टिकल के माध्यम से जानते हैं। इसके बारे में नानावती मैक्स इंस्टिट्यूट ऑफ कैंसर केयर के हेपेटोबिलरी पैंक्रियाटिक और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ऑन्कोलॉजी के डायरेक्टर डॉक्टर गणेश नागराजन बता रहे हैं।
पेट का कैंसर क्या है?
पेट के कैंसर को गैस्ट्रिक कैंसर भी कहते है। इस तरह के कैंसर में पेट की अंदरूनी परत में खराब सेल्स असामान्य रूप से और अनियंत्रित तरीके से बढ़ने लगते हैं। इन सेल्स के असामान्य रूप से बढ़ने से पेट में गांठें बन सकती हैं, जिन्हें ट्यूमर कहते हैं। आमतौर पर, यह समस्या पेट की सबसे अंदर वाली परत से शुरू होती है और अगर समय पर इसका इलाज न किया जाए, तो यह तेजी से शरीर के दूसरे हिस्सों में भी फैल सकती है। कुछ मामलों में, पेट का कैंसर उस जगह पर भी होने लगता है, जहां पेट और भोजन नली (इसोफेगस) मिलते हैं, इस जोड़ को Gastroesophageal Junction भी कहते हैं।
पेट के कैंसर का खतरा बढ़ाने वाले मुख्य कारक
क्या आप जानती हैं कि कुछ बातों से पेट कैंसर होने का खतरा काफी बढ़ सकता है। आइए इनके बारे में जानें-
- उम्र: 55 से 60 साल की उम्र के बाद पेट का कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है।
- लिंग: पुरुषों में महिलाओं की तुलना में पेट का कैंसर होने का खतरा थोड़ा ज्यादा होता है।
- स्मोकिंग और अल्कोहल: जो महिलाएं स्मोकिंग करती हैं या ज्यादा अल्कोहल लेती हैं, उनमें इसका खतरा ज्यादा होता है।
- खान-पान: ज्यादा नमक वाला भोजन करना।
- फैमिली हिस्ट्री: अगर परिवार में किसी करीबी सदस्य को पेट का कैंसर हुआ हो, तो खतरा बढ़ जाता है।
- मोटापा: ज्यादा वजन या मोटी महिलाओं में भी कैंसर का खतरा ज्यादा होता है।
पेट के कैंसर के लक्षण
कमजोरी
थोड़ा सा काम करने के बाद भी बहुत ज्यादा कमजोरी महसूस होना या थक जाना पेट के कैंसर का संकेत हो सकता है। ऐसे में अपने रोजमर्रा के काम जैसे खाना, चलना, काम पर जाना और घर के काम करना भी मुश्किल लग सकता है। अचानक होने वाली कमजोरी शरीर की ताकत और एनर्जी के लेवल को कम कर सकती है।
पेट में हल्का दर्द और बेचैनी
कुछ महिलाओं को पेट के ऊपरी हिस्से में, खासकर खाना खाने के बाद बेचैनी या दर्द महसूस होता है। साथ ही, पेट में जलन, ब्लोटिंग या कब्ज जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। अगर डाइट और लाइफस्टाइल में जरूरी बदलाव करने के बावजूद भी अपच या बदहजमी जैसी परेशानियां लगातार बनी रहती है, तो यह संकेत चिंताजनक हो सकता है।
भूख कम लगना या वजन कम होना
पेट के कैंसर की शुरुआत में ऐसा भी हो सकता है कि आपको अचानक से भूख कम लगने लगे या कुछ भी खाने का मन नहीं करे, भले ही पूरे दिन कुछ न खाया हो। इससे हेल्थ ज्यादा खराब हो सकती है और वजन कम होने के साथ-साथ कुपोषण जैसी दूसरी स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं।
पेट दर्द
पेट में तेज ऐंठन जैसा दर्द हो सकता है, जो समय के साथ असहनीय और बहुत तेज हो सकता है। यह दर्द ज्यादातर पेट के बीच या ऊपरी हिस्से में महसूस होता है। पेट का दर्द रुक-रुक कर हो सकता है या कुछ घंटों से ज्यादा समय तक लगातार बना रह सकता है, जिससे कंडीशन काफी खराब हो जाती है।
जी मिचलाना और उल्टी होना
किसी भी खाने की चीज को देखने पर, खाना खाते समय या बिना कुछ खाए भी उल्टी आने जैसा महसूस हो सकता है या उल्टी हो सकती है। इसके कारण वजन कम हो सकता है और भूख भी खत्म हो सकती है।
मल में खून आना
पेट का कैंसर होने पर गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट में ब्लीडिंग हो सकती है। इसके कारण उल्टी या मल के साथ खून आ सकता है, जो आमतौर पर काला होता है और जिसे मेलेना या हेमेटोचेजिया भी कहते हैं। मल में खून आना किसी दूसरी अंदरूनी बीमारी का भी संकेत हो सकता है, इसलिए इस कंडीशन में तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
पेट के कैंसर का इलाज
पेट के कैंसर का इलाज इस बात पर निर्भर करता है कि कैंसर पेट की अंदरूनी परत में कितना फैला हुआ है और किस स्टेज में है। कैंसर का पता आमतौर पर अपर जीआई एंडोस्कोपी, बायोप्सी और सीटी स्कैन जैसी तकनीकों से लगाया जाता है।
यदि कैंसर शुरुआती स्टेज में है, तो मरीज का सीधे ऑपरेशन किया जा सकता है। यदि कैंसर स्थानीय रूप से थोड़ा अधिक फैल चुका है, तो मरीज को पहले कीमोथेरेपी दी जाती है और फिर ऑपरेशन किया जाता है। ऑपरेशन में या तो पेट का कुछ हिस्सा या पूरा पेट निकाल दिया जाता है और साथ ही डी2 लिम्फैडेनेक्टॉमी भी की जाती है, जिसमें कैंसर के फैलने की संभावना वाली सभी आस-पास के लिम्फ नोड्स को हटा दिया जाता है।
पेट के कैंसर में लंबे समय तक जीने के लिए कैंसर का जल्दी पता लगाना जरूरी है। इसलिए, इस आर्टिकल में बताए गए लक्षणों पर ध्यान दें और कोई भी शंका होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
अगर आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कोई समस्या है, तो हमें आर्टिकल के नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स में बताएं। हम अपने आर्टिकल्स के जरिए आपकी समस्या को हल करने की कोशिश करेंगे। अगर आपको यह स्टोरी अच्छी लगी है, तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
Image Credit: Shutterstock
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