क्लैमाइडिया सबसे आम यौन संचारित इंफेक्शन (एसटीआई) होता है। यह इंफेक्शन खासतौर पर, असुरक्षित यौन संबंध बनाने से फैलता है। अगर क्लैमाइडिया का ट्रीटमेंट समय पर न करवाया जाए तो यह इनफर्टिलिटी के रूप में गंभीर हेल्थ प्रॉब्लम्स पैदा कर सकता है।
जी हां क्लैमिडिया को अक्सर 'साइलेट इंफेक्शन' कहा जाता है क्योंकि यह काफी हद तक असम्बद्ध है। वास्तव में, लगभग 260,000 ऑस्ट्रेलियाई जो वर्तमान में यौन संक्रमित बीमारी वाले हैं, उनमें से लगभग 50 प्रतिशत पुरुषों और 80 प्रतिशत महिलाओं के लक्षणों के बिना निदान किया गया है। यह विशेष रूप से महिलाओं के लिए चिंताजनक है क्योंकि अगर इलाज नहीं किया जाता है, तो क्लैमिडिया पेल्विक सूजन की बीमारी, पुरानी पेल्विक पेन, एक्टोपिक प्रेग्नेंसी और इनफर्टिलिटी का कारण बन सकता है।
कैसे होता है क्लैमाइडिया?
क्लैमाइडिया का मुख्य कारण, क्लैमाइडिया ट्रैकोमैटिस बैक्टीरिया है, जिसके कारण यह इंफेक्शन फैलता है। यह रोग ओरल रूप से, वेजाइना या फिर यौन सम्बन्धों से फैलता है। इसके अलावा, अगर कोई व्यक्ति अपनी आंखों को दूषित हाथों से छू दे तो, इससे आंखों में संक्रमण फैलने का खतरा रहता है। क्लैमाइडिया गर्भवती महिलाओं में, डिलीवरी के दौरान बच्चों को संक्रमित कर सकता है।
क्लैमाइडिया के लक्षण
क्लैमाइडिया के सबसे आम लक्षणों पर ध्यान देना और रेगुलर चेकअप और सेफ सेक्स रखना भी बहुत जरूरी है। आइए क्लैमाइडिया के कुछ लक्षणों के बारे में जानें।
- असामान्य वेजाइनल डिस्चार्ज
- यूरिन के दौरान जलन महसूस होना
- सेक्स के दौरान दर्द
- सेक्स के बाद ब्लीडिंग होना
- ब्लीडिंग या पीरियड्स के बीच स्पॉटिंग
- पेल्विक पेन
अगर आप सेक्सुअली एक्टिव हैं और आपकी उम्र 25 साल से कम है तो आपको हर साल क्लैमाइडिया का चेकअप करवाना चाहिए। क्योंकि शुरूआत में ही इसकी जानकारी होने से क्लैमाइडिया का एंटीबायोटिक्स के से इलाज किया जा सकता है।
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डॉक्टर की राय
डॉक्टर अर्चना धवन बजाज, कंसल्टेंट ऑब्स्ट्रीटीशियन, गायनेकोलॉजिस्ट एंड आईवीएफ एक्सपर्ट, नर्चर आईवीएफ दिल्ली बताती हैं, कि 'क्लैमाइडिया में आपको हल्का बुखार, पेल्विक एरिया में पेन, पीरियड्स का इररेगुलर होना, सेक्स के दौरान दर्द, दुर्गंध वाले ग्रीन, दही जैसे व्हाइट डिस्चार्ज जैसे लक्षण नजर दिखाई दे सकते हैं। क्लैमाइडिया के कारण पेल्विक इन्फ्लेमेटरी डिजीज होने, यूट्रस के बाहर भ्रूण बनने और फेलोवियन ट्यूब में समस्या होने का खतरा रहता है। इस कारण प्रेगनेंसी में भी प्रॉब्लम हो सकती है। इसलिए अगर आपको वेजाइनल असुविधा हो और अनजाने पार्टनर के साथ संबंध बनाने की हिस्ट्री हो तो आपको क्लैमाइडिया का चेकअप करवाना चाहिए। हेल्दी महिलाओं को इस बीमारी से बचाव के लिए सेक्शुल रिलेशनशिप में कंडोम का इस्तेमाल करना चाहिए।'
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