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Side Effects Of Arhar Dal: अरहर दाल खाना पसंद है तो इसके नुकसान भी जान लें

सेहत के लिहाज से देखा जाए तो अरहर दाल का अधिक सेवन नुकसानदेह है, खासकर कुछ स्वास्थ्य परिस्थितियों में अरहर दाल का सेवन बेहद हानिकारक साबित हो सकता है। <div>&nbsp;</div>
Editorial
Updated:- 2024-01-08, 21:43 IST

अरहर दाल, हम भारतीयों के पारंपरिक भोजन में शामिल मुख्य खाद्य पदार्थ है। उत्तर भारत के देसी खाने में जहां दिन का भोजन, अरहर दाल के बिना अधूरा माना जाता है तो वहीं दक्षिण भारतीयों के मूल व्यंजन  सांभर की जान अरहर दाल होती है। ऐसे में अरहर दाल हमारी भोजन शैली का मुख्य आहार बन चुका है, लेकिन अगर सेहत के लिहाज से देखा जाए तो इसका अधिक सेवन नुकसानदेह (Side Effects Of Arhar Dal) भी हो सकता है। 

खासकर कुछ स्वास्थ्य परिस्थितियों में अरहर दाल का सेवन हानिकारक होता है। इस आर्टिकल में हम आपको इसी बारे में बताने जा रहे रहे हैं कि अरहर दाल का सेवन किन स्वास्थ्य  परिस्थितियों में हानिकारक हो सकता है।

यूरिक एसिड की समस्या

अरहर दाल का सेवन यूरिक एसिड की समस्या से पीड़ित लोगों को लिए हानिकारक है। दरअसल, प्रोटीन से भरपूर अरहर दाल का सेवन शरीर में यूरीक एसिड का स्तर अनियंत्रित रूप से बढ़ा सकता है। ऐसी स्थिति में  हाथ-पैरों और जोड़ों में सूजन के साथ दर्द की समस्या पेश आ सकती है।  । इसलिए अगर किसी व्यक्ति का यूरिक एसिड पहले ही बढ़ा हुआ है तो उसे अरहर दाल का सेवन बिलकुल भी नहीं करना चाहिए।  

किडनी की समस्या

वहीं अगर किसी व्यक्ति को किडनी से संबंधी कोई समस्या है तो उसे भी अरहर दाल के सेवन से परहेज करना चाहिए। क्योंकि अरहर दाल में पोटैशियम की काफी अधिक मात्रा में पाया जाता है और पोटैशियम की अधिकता से किडनी की समस्या का खतरा बढ़ता है। इसलिए पथरी जैसे रोग से बचने के लिए अरहर दाल का सेवन संतुलित मात्रा में करना चाहिए।

kidney problem

बवासीर की समस्या

बवासीर के रोगियों के लिए भी अरहर दाल का सेवन हानिकारक है, क्योंकि इसमें पाए जाने वाले प्रोटीन को पचाने के लिए पाचन तंत्र को अतिरिक्त मेहनत करनी पड़ती है। ऐसे में इस दाल के अधिक सेवन से कब्ज की समस्या बढ़ती है, जोकि बवासीर के रोगियों के लिए परेशानी का सबब बनती है। इसलिए बवासीर से पीड़ित व्यक्ति को अरहर दाल के कम से कम सेवन की सलाह दी जाती है।

इनके अलावा जिन लोगों को अपच,  एसिडिटी और पाचन से जुड़ी दूसरी समस्याएं होती हैं उनके लिए भी अरहर दाल का अधिक सेवन हानिकारक होता है। इसलिए ऐसे लोगों को अरहर का दाल का सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए। 

अरहर दाल बनाते वक्त बरतें यह सावधानी

how to cook arhar daal

अरहर दाल को पकाते वक्त कुछ सावधानी बरती जाए तो कुछ हद तक इससे होने वाले नुकसान से बचा जा सकता है। जैसे कि अरहर दाल को पकाने से पहले इसे अच्छी तरह से धो लें और फिर कम से कम 15 से 20 मिनट के लिए फूलने के लिए छोड़ दें। इसके बाद दाल को कुकर का ढक्कन लगाए बिना खुली आंच पर ही पकाएं और फिर जब 10 मिनट बाद में दाल में उबाल आने लगे तो बर्तन में ऊपर जमे सफेद झाग को चम्मच की मदद से निकाल कर अलग दें। क्योंकि इस सफेद झाग से ही शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने का खतरा बढ़ता है। सफेद झाग निकलने के बाद आप दाल को अच्छी तरह से पका लें और फिर उसका सेवन करें।

 

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Image Credit:Freepik 

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