ब्रेस्‍टफीडिंग से जुड़े 7 लाभ जो हर होने वाली मां को होने चाहिए पता

एक्‍सपर्ट से जानें एक मां के लिए बच्‍चे को ब्रेस्‍टफीड करान क्‍यों हैं जरूर और इसके क्‍या लाभ हैं। 

Benefits of breast milk new mothers

ब्रेस्‍टफीडिंग आपके छोटे बच्‍चे को पर्याप्त पोषण प्रदान करने का सबसे अच्छा तरीका है। इससे न केवल आपके बच्चे को फायदा होता है, बल्कि यह माताओं के लिए भी फायदेमंद साबित होता है। दुर्भाग्यवश कई महिलाएं विभिन्न कारणों से अपने बच्चों को ब्रेस्‍टफीडिंग नहीं कराने का विकल्प चुनती हैं। कुछ ब्रेस्‍टफीडिंग से बचती हैं क्योंकि इससे असुविधा होती है। कुछ अन्य महिलाएं गलत आहार या इन्‍फेक्‍शन और अन्य प्रभाव से बच्‍चे को बचाने के लिए ऐसा करती हैं क्योंकि उन्हें गलत जानकारी दी जाती है।

वहीं कुछ लोगों को मानना है कि बच्‍चे के जन्‍म के तुरंत बाद निकलने वाले दूध, जिसे 'कोलोस्ट्रम' कहा जाता है, उसे बच्‍चे को नहीं मिलाना चाहिए। मगर यह केवल मिथ है। असल में यह दूध बच्‍चे के लिए बेहद पौष्टिक होता है क्‍योंकि यह एंटीबॉडीज और पोषक तत्‍वों से भरपूर होता है। एक मां को अपने बच्‍चे को 6 महीने तक ब्रेस्‍टफीडिंग जरूर करानी चाहिए।

ब्रेस्‍टफीडिंग से जुड़े महत्वपूर्ण लाभ, जो यह साबित करते हैं कि ब्रेस्‍टफीडिंग आपके लिए और आपके बच्‍चे के लिए कितनी जरूरी है।

1. विकासात्मक लाभ

यह बात साबित हो चुकी है कि ब्रेस्‍ट मिल्‍क नवजात शिशुओं में विकासात्मक लाभ देता है। इसमें सभी पोषक तत्व होते हैं, जो आपके बच्चे के शरीर में सही अनुपात में चाहिए। यह आपके बच्चे के विकास में भी लाभदायक होता है। बच्‍चे की परिपक्‍वता के अनुकूल दूध की संरचना बदल जाती है। प्रीटर्म बेबी का दूध टर्म बेबी के दूध से अलग होता है और दूध में मौजूद पोषक तत्‍व बच्‍चे की उम्र में वृद्धि के अनुरूप होते हैं।

जिन बच्‍चों को विशेष रूप से ब्रेस्‍टफीड कराया जाता है, उनके आगे चल कर मोटे होने की संभावनाएं भी कम होती है। ऐसे बच्‍चों का दिमाग भी तेज होता है और वह किसी भी बात को ज्‍यादा आसानी से समझ पाते हैं। इन बच्‍चों को प्रीटर्म बच्‍चों में काफी देखा जाता है। ऐसा कहना गलत नहीं होगा कि आपके बच्‍चे के लिए एक स्‍वस्‍थ वजन बनाए रखने में भी मदद करता है।

2. इन्‍फेक्‍शन और एलर्जी से सुरक्षा

आपका शरीर डिलीवरी के तुरंत बाद भारी मात्रा में एंटीबॉडीज बनाता है, जिससे आपको बीमारियों, इन्‍फेक्‍शन और एलर्जी से लड़ने में मदद मिलती है। ये एंटीबॉडीज ब्रेस्‍ट मिल्‍क के माध्यम से आपके बच्चे को ट्रांसफर हो जाते हैं और बच्चे के नाक, गले और पाचन तंत्र के चारों ओर एक परत का निर्माण करते हैं, जिससे यह फ्लू और अन्य बीमारियों से बच्‍चों को बचाते हैं। यह भी देखा गया है कि जिन बच्‍चों को ब्रेस्‍टफीड कराया जाता है उन्‍हें ईयर इन्‍फेक्‍शन होने का जोखिम 50 % कम होता है। ऐसे बच्‍चों को निमोनिया और ब्रोंकाइटिस के कारण अस्‍पताल में भर्ती करने का जोखिम भी 72% कम होता है। ऐसे बच्‍चों को अस्‍थमा, एटोपिक डर्मेटाइटि और एक्जिमा के विकास का खतरा भी 27 % कम होता है। वहीं जिन बच्‍चों की इन बीमारियों में फैमिली हिस्‍ट्री रही है, उनके लिए 42 % तक सुरक्षात्‍मक प्रभाव बढ़ जाता है। यदि बच्‍चे को 3 से 4 महीने तक ब्रेस्‍टफीडिंग कराई जाए तो उसे एलर्जी या इन्‍फेक्‍शन होने का खतरा कम होता है। ब्रेस्‍टफीडिंग से गैस्ट्रोटेस्टिनल संबंधी संक्रमणों में 64% की कमी होती है, और ब्रेस्‍टफीडिंग बंद होने के बाद भी दो महीने तक बच्‍चे को यह समस्‍या नहीं होती है।

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3. वजन कम करने में आपकी मदद करता है

यह कहा जाता है कि ब्रेस्‍ट मिल्‍क का उत्पादन एक दिन में 400-500 कैलोरी बर्न करने में मदद करता है, जिससे नई माताओं के लिए बच्‍चे के जन्‍म के बाद तेजी से वजन कम करना आसान हो जाता है। इस फर्क को आप बच्‍चे के जन्‍म के 3 महीने बाद देख सकती हैं।

4. पोषण संबंधी सभी जरूरतों को पूरा करता है

आपके बच्चे को बढ़ने के लिए विभिन्न पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है और ब्रेस्‍ट मिल्‍क में यह सभी सही अनुपात में होते हैं। प्रेग्‍नेंस के बाद कुद दिनों तक ब्रेस्‍ट से गाढ़े पीले रंग का दूध स्रावित होता है, जिसे कोलोस्‍ट्रम कहा जाता है। यह आपके बच्‍चे के पाचन और प्रतिरक्षा प्रणाली को विकसित करने के लिए सभी आवश्‍यक पोषक तत्‍वों से भरा होता है। इसमें मौजूद हाई एंटीबॉडी कंटेंट के कारण इसे शिशु के लिए पहला टीकाकरण भी कहा जा सकता है।

5. दीर्घकालिक लाभ

ब्रेस्‍टफीडिंग कराने से महिलाओं में 40 की उम्र के बाद होने वाली टाइप 2 डायबिटीज, हृदय रोग, ब्रेस्‍ट एवं ओवरियन कैंसर और ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा कम हो जाता है। ब्रेस्‍टफीडिंग महिलाओं में प्री और पोस्‍ट मेनोपॉजल के बाद होने वाले ब्रेस्‍ट कैंसर के खतरे को भी कम करने में सहायक है। यह स्तनपान के दौरान हार्मोनल परिवर्तनों के कारण होता है, जिससे पीरियड्स भी देरी से होते हैं। पीरियड्स के देर से होने पर एस्‍ट्रोजन जैसे हार्मोन का प्रोडक्‍शन कम हो जाता है, जो कि स्‍तन कैंसर के विकास को बढ़ावा देते हैं।

6. पीरियड्स में देरी और पोस्टपार्टम डिप्रेशन का जोखिम कम होता है

ब्रेस्टफीडिंग अस्थायी रूप से ओव्यूलेशन और पीरियड्स को रोक देती है, जो प्राकृतिक बर्थ कंट्रोल के रूप में कार्य कर सकता है। यह ठहराव पहली और अगली प्रेग्‍नेंसी के बीच पर्याप्‍त अंतर सुनिश्चित करेगा और आपको नवजात शिशु की देखभाल करते हुए पीरियड्स के दर्द में भी राहत मिलेगी।

ब्रेस्‍टफीडिंग से ऑक्सीटोसिन का स्राव बढ़ता है, यह एक हार्मोन है, जो लंबे समय तक बेचैनी की समस्‍या को दूर करता है।

7. आपको अपने बच्चे के करीब लाता है

ब्रेस्‍टफीडिंग हर समय आपके बच्‍चे के लिए उपलब्‍ध सेवा है और यह फ्री ऑफ कॉस्ट भी होती है। इतना ही नहीं, यह आपके बच्‍चे की ग्रोथ के लिए भी जरूरी है। ब्रेस्‍टफीडिंग के माध्‍यम से आप केवल पैसे ही नहीं बचाती हैं बल्कि इससे आपका समय भी बचता है और आपको बार-बार दूध की बोतलें भी नहीं साफ करनी होती हैं। इतना ही नहीं, ब्रेस्‍टफीडिंग की वजह से आपका बच्‍चा भी सेहतमंद रहता है और आपको बार-बार डॉक्‍टर के पास नहीं जाना पड़ता है।

हालांकि, इसमें कोई संदेह नहीं है कि प्रत्येक महिला अपने बच्चे के साथ एक स्‍पेशल कनेक्‍शन शेयर करती है, ब्रेस्‍टफीडिंग आपको शारीरिक रूप से आपके छोटे बच्‍चे के करीब लाती है। साथ ही आप बच्‍चे को ब्रेस्‍टफीड कराने के बाद आराम और सकून महसूस कर पाती हैं।

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एक्‍सपर्ट सलाह के लिए डॉ. सोनाली टैंक [एमडी(पीडियाट्रिक्स) डीसीएच, डीएनबी] का विशेष धन्यवाद।

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