मां बनने के बाद स्तनपान कराना एक जरूरी प्रक्रिया होती है। 6 महीने तक शिशु स्तनपान के जरिए हर वो पोषक तत्व प्राप्त करता है जो उसके लिए आवश्यक है। यही नहीं यह आपके बच्चे को मिलने वाला सबसे सुरक्षित और अच्छा आहार है। इसके अलावा ब्रेस्टफीडिंग के जरिए शिशु और मां के बीच संबंध बेहतर होते हैं। बता दें कि पहली बार मां बनने वाली महिलाओं को शुरू में ब्रेस्टफीडिंग कराने में थोड़ी परेशानी होती है। क्योंकि अगर बच्चे को स्तनपान कराने की पोजीशन सही नहीं है तो वह शिशु के लिए भी नुकसानदायक हो सकती है। ऐसे में ब्रेस्टफीडिंग कराने के सही तरीके क्या है? आइए जानते हैं...
क्रॉस- क्रैडिल होल्ड
इस पोजीशन में मां अपने बच्चे को दोनों हाथों को क्रॉस करके उठाती है और उसे दूध पिलाती हैं। यह उन शिशुओं के लिए बेस्ट पोजीशन है जो अभी-अभी पैदा हुए हैं या फिर जिन्हें मां के निप्पल तक पहुंचने में परेशानी होती है। इस पोजीशन में मां अपने निप्पल को बच्चे के मुंह तक लाती है ताकी उसे दूध पीने में परेशानी न हो। इस दौरान मां अपने बच्चे को लगातार देख सकती है।
क्रैडिल होल्ड
यह पोजीशन स्तनपान कराने वाली महिलाओं के बीच काफी कॉमन है। मां और बच्चे दोनों के लिए यह पोजीशन काफी आरामदायक होती है। इस पोजीशन में स्तनपान कराना शुरू में थोड़ा मुश्किल होता है। लेकिन एक बार जब आपका बच्चा इस पोजीशन में एडजस्ट हो जाए तो फिर आपको किसी तरह की परेशानी नहीं होगी। यहब्रेस्टफीडिंग करानेकी सबसे कॉमन और आरामदायक पोजीशन है।
द लेड बैक पॉजिशन
यह पहली नेचुरल पोजीशन है जिसका उपयोग मां अपने बच्चों कोब्रेस्टफीडिंगकरानेके लिए करती हैं। यह पोजीशन मां और शिशु दोनों के लिए बेस्ट ऑप्शन हो सकती है लेकिन खास कर उन शिशुओं के लिए अधिक उपयोगी है जो समय से पहले, या जुड़वा पैदा हुए हैं। इसके अलावा जिन बच्चों को मां के दूध को पीने में परेशानी होती है उन शिशुओं भी इस पोजीशन में ब्रेस्टफीडिंग कराना सही होता है। इस पोजीशन में मां तकिये के सहारे एक जगह पर बैठ जाती है, जिससे शिशु आराम से स्तन तक पहुंच जाता है। इस दौरान उसे अपने सिर को उठाना नहीं पड़ता।
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द फुट बॉल होल्ड
इस पोजीशन को क्लच होल्ड भी कहा जाता है, यह जुड़वा बच्चों के लिए सही ऑप्शन है। यह उन महिलाओं के लिए भी बेस्ट पोजीशन होती है जिन्होंने सी-सेक्शन से बच्चे को जन्म दिया है। जिन महिलाओं के ब्रेस्ट बड़े या फिर इन्ट्रोवर्ट निप्पल होते हैं उनके लिए इस पोजीशन में स्तनपान कराना आसान है। इस पोजीशन में आपका बच्चा सही से दूध पी पा रहा है या नहीं, यह मां बेहतर तरीके से देख सकती है।
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साइड लाइंग पोजीशन
शिशु को बार-बार दूध पिलाने की वजह से कई बार मां थक जाती है। ऐसे में मां अपने शिशु को इस पोजीशन में दूध पिला सकती हैं। यह उन बच्चों के लिए बेस्ट पोजीशन है जिन्हें रात में बार-बार फीड कराने की आवश्यकता होती है। वहीं जिन महिलाओं ने सी-सेक्शन के जरिए अपने बच्चे को जन्म दिया है वो इस पोजीशन में बच्चे को फीड करा सकती हैं।
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वहीं आपको इनमें से किसी भी पोजीशन में शिशु को दूध पिलाने में परेशानी होती है तो आप डॉक्टर से संपर्क जरूर करें। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
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