प्रेग्नेंसी के दौरान बच्चे को कई तरह के रोग हो सकते हैं, इन्हीं में से एक है डाउन सिंड्रोम। यह एक जेनेटिक स्थिति होती है। इस बीमारी में बच्चा नार्मल नहीं होता है। आइए जानते हैं किन बच्चों को डाउन सिंड्रोम का सबसे ज्यादा खतरा होता है इसके क्या लक्षण है? Dr. Shivhar Sonawane Consultant - Paediatrician Jupiter Hospital, Pune से इस बारे में जानते हैं।
डाउन सिंड्रोम एक जेनेटिक डिसऑर्डर है। क्रोमोजोम की गड़बड़ी से यह विकार पैदा होता है। जैसे-जैसे गर्भधारण करने की उम्र बढ़ती है, डाउन सिंड्रोम का जोखिम बढ़ता जाता है। जो महिलाएं 35 या उसके बाद गर्भवती होती है उनमें कम उम्र में गर्भवती होने वाली महिलाओं की तुलना में डाउन सिंड्रोम से प्रभावित गर्भावस्था की संभावना अधिक होती है।यह ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति के अंदर एक एक्स्ट्रा क्रोमोजोम पाया जाता है। वैसे तो एक बच्चा 46 क्रोमोसोम के साथ जन्म लेता है। 23 माता से और 23 पिता से, यह क्रोमोसोम जोड़े में मौजूद होते हैं। इसमें क्रोमोसोम 21 की एक अतिरिक्त कॉपी होती है। इसके कारण मेडिकल वर्ल्ड में इसे डाउन सिंड्रोम कहा जाता है। इसे ट्राइसॉमी 21 भी कहा जाता है। यह अतिरिक्त कॉपी बच्चों के शरीर और मस्तिष्क के विकास को प्रभावित कर देता है। यानी इस तरह के बच्चे के पास 47 क्रोमोसोम पाए जाते हैं।
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