हमारे शरीर में पांच सेंस ऑर्गन्स होते हैं, जिनकी बदौलत हम अपने आसपास की चीजें देखने, सुनते-समझते और महसूस करते हैं। ये ऑर्गन्स हैं आंख, कान, नाक, जीभ और स्पर्श। ये सभी सेंसेज अहम हैं और इनकी स्पेशल केयर की ज़रूरत होती है। और अगर बात आपके शिशु की हो तो उसकी देखभाल करना और भी महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि नवजात शिशु और बच्चों में इन अंगों की देखभाल करने की क्षमता नहीं होती है।
आज हम बात करेंगे बच्चों के कान में होने वाले दर्द की। अगर आपका बच्चा रह-रहकर कान में दर्द की बात कह रहा है या इसका संकेत दे रहा है तो इसके पीछे ये कारण हो सकते हैं-
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डॉक्टर बिजेंद्र सिंह, कंसल्टेंट पीडिट्रीशियन, मैक्स हॉस्पिटल वैशाली बताते हैं, 'बारिश में गले में इन्फेक्शन की वजह से फंगल इन्फेक्शन हो सकता है। इन्फेक्शन बैक्टीरियल या फंगल, तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। कई बार बच्चों की मम्मी उनके कान में तेल डाल देती हैं, केमिस्ट या जानने वालों की सलाह पर इयर ड्रॉप डाल देती हैं, ऐसा बिल्कुल नहीं करें। बच्चे के कान में अपनी तरफ से कुछ भी चीजें ना डालें। ऐसा इसलिए क्योंकि तेल डाल देने पर कान के अंदर के हिस्से का एक्जामिनेशन सही तरीके से नहीं हो पाता। कान के भीतर के हिस्से में कलर से डॉक्टर किसी तरह की परेशानी का अंदाजा लगा लेते हैं, लेकिन तेल और ड्रॉप आदि डालने से उन्हें एक्जामिनेशन में परेशानी हो सकती है। सिर्फ यही नहीं, बिना डॉक्टरी सलाह के दवाएं लेने से इयरड्रम की समस्या बढ़ सकती है। कान ब्रेन के बिल्कुल नजदीक होता है, इसीलिए इसमें किसी तरह का दर्द होने पर उसे डॉक्टर को दिखाने में लापरवाही नहीं करें, क्योंकि देरी से इयर ड्रम को गंभीर नुकसान पहुंच सकता है।'
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